रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (RLS): प्रमुख जानकारी और निदान

रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (RLS) क्या है?

रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस) तंत्रिका तन्त्र के हिस्से का विकार है जो पैरों को प्रभावित करता है और उन्हें हिलाने की आवश्यकता उत्पन्न करता है। आमतौर पर यह निद्रा के दौरान बाधा करता है और इसे निद्रा विकार ही माना जाता है। इस विकार से प्रभावित लोग अक्सर इस एहसास को फड़कता, सरकता या रेंगता सा बताते हैं। इसकी अनुभूति की गंभीरता का विस्तार, असहजता से चिढ़ पैदा करने वाला होकर दर्द की स्थिति तक जाता है। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस) को विलिस-एक्बोम डिजीज (डब्लूईडी) या विट्मेक-एक्बोम सिंड्रोम कहा जाता है। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम किसी भी आयु में उत्पन्न हो सकता है तथा आगे बदतर ही होता जाता है।

OVERVIEW OF RLS

रोग अवधि

सामान्यतया आरएलएस के लक्षणों से उबरने के लिए लम्बा समय लगता है।

जाँच और परीक्षण

  • चिकित्सीय इतिहास
  • रक्त परीक्षण
  • माँसपेशियों और नसों का परीक्षण।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1. क्या आरएलएस स्थाई स्थिति है? क्या मेरी उम्र बढ़ने के साथ ये और गंभीर होगा?
कई मामलों में आरएलएस आता और जाता है लेकिन इस स्थिति से ग्रस्त अधिकतर लोगों को यह जीवन भर बना रहता है। अधिकतर मामलों में आरएलएस अनुवांशिक होता है और एक पीढ़ी से दूसरी में प्रसारित होता है। प्राथमिक आरएलएस से ग्रस्त अधिकतर लोग इसे बढ़ती आयु के साथ गंभीर होता हुआ अनुभव करते हैं। द्वितीयक आरएलएस का उपचार भीतरी कारण का पता चलने पर हो जाता है और यह आयु के साथ अधिक गंभीर नहीं होता।

Q2. मुझे लगता है शायद मुझे आरएलएस है। मुझे क्या करना चाहिए?
कई बार आरएलएस शरीर में आयरन की कमी से जुड़ा होता है, इसलिए पहला उचित कदम यह है कि आप डॉक्टर से मिलकर अपने सीरम फेरिटिन स्तर की जाँच हेतु कहें। यह शरीर में आयरन की संचित मात्रा का माप होता है और इसका स्तर कम से कम 50 lg/L होना चाहिए। आपके डॉक्टर आपको खाने हेतु आयरन की गोलियां दे सकते हैं। यह आवश्यक है कि आयरन की खुराक डॉक्टर के मार्गदर्शन में हो।

Q3. पार्किन्संस रोग में दी जाने वाली दवाएँ रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम में भी दी जाती हैं? क्या रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम पार्किन्संस रोग का ही एक प्रकार है?
  • आमतौर पर पार्किन्संस रोग के उपचार में दी जाने वाली दवाएँ रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के उपचार में भी दी जाती हैं। लेकिन दोनों स्थितियाँ बिलकुल अलग हैं और आरएलएस होने का ये अर्थ नहीं है कि आपको पार्किन्संस रोग उत्पन्न हो सकता है।
  • आरएलएस और पार्किन्संस दोनों ही तंत्रिका सम्बन्धी विकार हैं जहाँ आपके मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर प्रभावित होता है।
  • आपका डॉक्टर आपको जो दवाएँ देता है वह पार्किन्संस रोग को ठीक करने में भी काम आती हैं। लेवोडोपा एक तरह का डोपामिनर्जिक ड्रग है जो आपके मस्तिष्क में पहुंचकर डोपामाइन में बदल जाता है। अन्य औषधियां जैसे रोपिनिरोल, प्रमिपेक्सोल, और रोटिगोटिन डोपामाइन उत्सर्जक हैं जो मस्तिष्क में प्राकृतिक डोपामाइन के प्रभावों को उत्प्रेरित करके कार्य करती हैं। ये दवाएँ तब दी जाती हैं जब आपको आरएलएस के मध्यम स्तर से गंभीर स्थिति के लक्षण होते हैं।
   
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम, रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस), विलिस-एक्बोम डिजीज, विलिस-एक्बोम डिजीज (डब्लूईडी), विट्मेक-एक्बोम सिंड्रोम, तंत्रिका सम्बन्धी रोग, प्राथमिक आरएलएस, द्वितीयक आरएलएस, रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (RLS) डॉक्टर सलाह, Restless Legs Syndrome rog, Restless Legs Syndrome kya hai?, Restless Legs Syndrome in hindi,