मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र) क्या है?
मीनोरेजिया जिसे भारी मासिक चक्र भी कहा जाता है, तब होता है जब किसी महिला की अपने लगातार मासिक चक्रों में रक्त की भारी हानि होती है। यह स्त्री रोग की सबसे आम शिकायतों में से है। दो मासिक चक्रों के बीच का अंतर स्थिर होता है।सामान्य मासिक चक्र 21-35 दिनों का होता है, जिसमें औसत 7 दिनों तक 25-80 मिली मात्रा का स्राव होता है। मीनोरेजिया को प्रति मासिक चक्र में कुल रक्त की 80 मिली से अधिक हानि, जो कि 7 दिनों से अधिक तक होती है, द्वारा समझाया जाता है।
जाँच और परीक्षण
मीनोरेजिया के निर्धारण हेतु कई जाँचें की जाती हैं उनमें हैं:- शारीरिक परीक्षण
- चिकित्सीय इतिहास
- मासिक चक्र का इतिहास
- पेप स्मीयर
- रक्त परीक्षण
- योनि का अल्ट्रासाउंड
- एन्डोमेट्रिअल बायोप्सी
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. मीनोरेजिया क्या है?मीनोरेजिया मासिक चक्र के लिए चिकित्सीय शब्द है जिसमें रक्तस्राव असामान्य रूप से अधिक होता है (80 मिली) या लम्बा होता है (7 दिन तक)। हालाँकि रजोनिवृत्ति पूर्व की महिलाओं में मासिक के दौरान भारी रक्तस्राव सामान्य चिंता का विषय होता है, अधिकतर महिलाऐं इतना अधिक रक्तस्राव अनुभव नहीं करती जिसे मीनोरेजिया कहा जा सके।
मीनोरेजिया में प्रत्येक मासिक के दौरान आपकी पर्याप्त रक्त हानि और ऐंठन होती है, जिससे आप अपनी सामान्य गतिविधियाँ नहीं कर पाती हैं।
Q2. मीनोरेजिया में कौन से आहार की सलाह दी जाती है?
भारी रक्तस्राव के कारण उत्पन्न आयरन की कमी को ध्यान रखते हुए आयरन की अधिकता वाला आहार लिया चाहिए। हड्डियों और आरबीसी के निर्माण हेतु कैल्शियम और विटामिन बी6 से समृद्ध आहार की सलाह दी जाती है। रेशेयुक्त आहार की भी सिफारिश की जाती है। अत्यधिक तैलीय और जंक फ़ूड नहीं लेना चाहिए।
Q3. डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
डॉक्टर से संपर्क तब करना चाहिए जब लम्बे मासिक स्राव का अनुभव हो (जो सात दिनों से अधिक समय तक चले), रक्त के बड़े थक्कों के साथ मासिक स्राव हो, दो मासिक चक्रों के बीच रक्तस्राव हो और पैड्स या नैपकिन को बार-बार, हो सकता है प्रति घंटे एक, बदलना पड़े।
Q4.ऐसी स्थिति को कैसे रोका जा सकता है?
खूब आराम करें। यदि आप असामान्य रूप से थकती, निराश होती या कब्ज का शिकार होती हैं तो आपको मासिक दर्द का अनुभव होने की संभावना बढ़ जाती है। नियमित व्यायाम जैसे पैदल चलना, तैरना, या साइकिल चलाना रक्तप्रवाह को बढ़ाता है और मासिक के दर्द को कम करता है। साबुत अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर आहार लें। तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें।