प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द) क्या है?
इसमें ऊतकों के बने मोटे हिस्से जिसे प्लान्टर फ़ेशिया कहते हैं, जो आपके पैर के तल में होता है और आपकी एड़ी की हड्डी को पैरों की उँगलियों से जोड़ता है तथा एक प्रकार से वजन सहन करने में सहायक होता है, का दर्द और सूजन सम्मिलित किये जाते हैं। क्रोनिक (दीर्घकालीन) प्लान्टर फ़ेशियाइटिस के कारण एड़ी की हड्डी के प्लान्टर फ़ेशिया से जुड़ने के स्थान पर हड्डी का निर्माण हो जाता है। इसे एड़ी का दर्द, एड़ी की गांठ (हील स्पर), हील स्पर सिंड्रोम भी कहा जाता है।रोग अवधि
प्लान्टर फ़ेशियाइटिस स्वयं नियंत्रित होने वाली स्थिति है लेकिन ठीक होने में 6-18 माह लग सकते हैं। अधिकतर लोग प्लान्टर फ़ेशियाइटिस के उभरे प्रकरण से एक वर्ष के भीतर ठीक हो जाते हैं। यद्यपि, कुछ उपचार आपके ठीक होने की गति को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।जाँच और परीक्षण
रोग का निर्धारण मुख्यतः शारीरिक परीक्षण द्वारा होता है और अन्य जाँचों में हैं:- एक्स-रे और एमआरआई
- अल्ट्रासाउंड स्कैन
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
1. प्लान्टर फ़ेशियाइटिस क्या है?इसमें ऊतकों के बने मोटे हिस्से जिसे प्लान्टर फ़ेशिया कहते हैं, जो आपके पैर के तल में होता है और आपकी एड़ी की हड्डी को पैरों की उँगलियों से जोड़ता है तथा एक प्रकार से वजन सहन करने में सहायक होता है, का दर्द और सूजन सम्मिलित किये जाते हैं।
क्रोनिक (दीर्घकालीन) प्लान्टर फ़ेशियाइटिस के कारण एड़ी की हड्डी के प्लान्टर फ़ेशिया से जुड़ने के स्थान पर हड्डी का निर्माण हो जाता है।
इसे एड़ी का दर्द, एड़ी की गांठ (हील स्पर), हील स्पर सिंड्रोम भी कहा जाता है।
2. यदि कोई व्यक्ति इस स्थिति से पीड़ित है तो क्या करना चाहिए?
जब तक दर्द कम ना हो जाए, अपनी एड़ी को प्रतिदिन, दिन में दो बार (5-10 मिनट के लिए), बर्फ के पानी से भरे बड़े बाउल में डुबोकर रखें। अपने पैर की उँगलियों से तौलिये को रगड़ें या गोलियां उठाने का अभ्यास करें या किसी सख्त, खुरदुरी सतह पर नंगे पैर चलें। पैरों के तालू पर ध्यान देते हुए पैरों की नियमित मालिश करें। हड्डी सम्बन्धी उपकरण (ब्रेसेस, स्प्लिन्ट्स) आपके एड़ी के तल का दर्द कम करने में सहायक्र होते हैं। घिसे हुए या क्षतिग्रस्त एथलेटिक जूते ना पहनें।
3. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि आपको एड़ी में अत्यंत तीव्र दर्द हो, जो एड़ी की गांठ का सूचक है या झुनझुनी, सनसनाहट, सूजन या फैलता हुआ दर्द हो या प्रभावित क्षेत्र पर लालिमा और चोट या रगड़ हो।
4. इस स्थिति को कैसे रोका जा सकता है?
इसे रोकने के लिए समस्या को उभारने वाली गतिविधि ना करें। चिकित्सीय लाभ ना देने वाले जूतों का प्रयोग ना करें। नंगे पैरों ना रहें, यदि संभव हो तो स्नान के समय भी पैर खुले ना रखें। जल्दबाजी में ना उठें। यदि आपका वजन अधिक है तो उसे कम करें। दौड़ने और चलने में प्रयोग किये जाने वाले जूते नियमित रूप से बदलें।