मायोफेशियल पैन सिंड्रोम क्या है?
यह एक दर्द्युक्त स्थिति है जो माँसपेशियों और ऊतकों के बने आवरण, जिसे फेशिया कहते हैं और जो माँसपेशियों को घेरे रहता है, को प्रभावित करती है। ये ऊतक सिकुड़कर या सख्त होकर नसों, माँसपेशियों, हड्डियों और अंगों पर दर्द्युक्त दबाव डालते हैं। जहाँ चोट लगती है, उस क्षेत्र को उत्प्रेरण का बिंदु कहा जाता है। यह माँसपेशियों में किसी गठान या उभार की तरह महसूस होता है। आमतौर पर एमपीएस 20 से 40 वर्ष की आयु में उत्पन्न होता है और यह महिलाओं और आरामतलब जीवन शैली (जिसमें बैठक या अत्यंत कम गतिविधियाँ हों) वाले व्यक्तियों में अत्यंत आम होता है। इसे दीर्घकालीन मायोफेशियल दर्द भी कहा जाता है।मायोफेशियल पैन सिंड्रोम, फाइब्रोमायेल्जिया सिंड्रोम की तरह प्रतीत होता है और कभी-कभी इसे रीजनल (क्षेत्र विशेष का) फाइब्रोमायेल्जिया भी कहा जाता है।
रोग अवधि
दर्द एक्यूट (अल्पावधि) या क्रोनिक (दीर्घकालिक) हो सकता है। उचित उपचार द्वारा तीव्र एमपीएस 4 से 6 सप्ताहों में ठीक हो जाता है।जाँच और परीक्षण
रोग का निर्धारण प्रक्रियागत शारीरिक परीक्षण द्वारा होता है।डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. मायोफेशियल पैन सिंड्रोम क्या है?यह एक दर्द्युक्त स्थिति है जो माँसपेशियों और ऊतकों के बने आवरण, जिसे फेशिया कहते हैं और जो माँसपेशियों को घेरे रहता है, को प्रभावित करती है। ये ऊतक सिकुड़कर या सख्त होकर नसों, माँसपेशियों, हड्डियों और अंगों पर दर्द्युक्त दबाव डालते हैं। आमतौर पर एमपीएस 20 से 40 वर्ष की आयु में उत्पन्न होता है और यह महिलाओं और आरामतलब जीवन शैली (जिसमें बैठक या अत्यंत कम गतिविधियाँ हों) वाले व्यक्तियों में अत्यंत आम होता है।
इसे दीर्घकालीन मायोफेशियल दर्द भी कहा जाता है।
मायोफेशियल पैन सिंड्रोम, फाइब्रोमायेल्जिया सिंड्रोम की तरह प्रतीत होता है और कभी-कभी इसे रीजनल (क्षेत्र विशेष का) फाइब्रोमायेल्जिया भी कहा जाता है।
Q2. मायोफेशियल पैन क्या है?
मायोफेशियल शब्द दो शब्दों, मायो अर्थात मांसपेशी और फेशिया, जो कि मांसपेशी को ढँकने और उसके साथ सम्मिलित रहने वाला योजक ऊतक है, से मिलकर बना है। मायोफेशियल पैन, माँसपेशियों, तंतुओं और इनसे जुड़ी फेशिया, जिन्हें सम्मिलित रूप से मायोफेशियल उत्प्रेरक बिंदु कहा जाता है, में उपस्थित उत्तेजना के अतिप्रतिक्रिया युक्त छोटे क्षेत्रों द्वारा उत्पन्न होता है
Q3. उत्प्रेरक बिंदु क्या है?
जहाँ चोट लगती है, उस क्षेत्र को उत्प्रेरण का बिंदु कहा जाता है। यह माँसपेशियों में किसी गठान या उभार की तरह महसूस होता है। उत्प्रेरक बिंदु माँसपेशियों, तंतुओं और फेशिया में उत्पन्न होते हैं। जब माँसपेशियां संकुचित होती हैं वे आकार में छोटी हो जाती हैं। उत्प्रेरक बिंदु मांसपेशी का हिस्सा है जो संकुचित अवस्था में अटक गया है। साथ ही यही वह जगह है जहाँ स्वशासी तंत्रिका तंत्र अपने तनाव की आधाररेखा तय करने के लिए मांसपेशी से संयुक्त होता है।
Q4. किसी उत्प्रेरक बिंदु को उत्पन्न करने में कौन से कारण जिम्मेदार होते हैं?
आमतौर पर उत्प्रेरक बिंदु, मांसपेशी पर अत्यधिक दबाव के रूप में कुछ मात्रा में किसी मांसपेशी के यांत्रिक दुरूपयोग से जुड़े होते हैं। यह दुरुपयोग या चोट दोहराव युक्त खिंचाव और सूक्ष्म आघात, दबाव वाली चोट, एकाएक लगा जोर या खिंचाव, हड्डी का फ्रैक्चर और अन्य कार्यप्रणालियों के कारण हो सकती है। अत्यधिक दबाव तीव्र, लगातार बना हुआ और/या दोहराव वाला हो सकता है। मांसपेशी को छोटे आकार में छोड़ना किसी सुप्त उत्प्रेरक बिंदु को सक्रिय उत्प्रेरक बिंदु में बदल देता है खासकर तब जब मांसपेशी छोटे आकार के समय ही संकुचित भी हो गई हो।
Q5. एमपीएस से पीड़ित होने पर व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
व्यक्ति को फिजियोथेरेपी और मालिश करवाने के साथ पर्याप्त नींद और आराम करना चाहिए।