कलाई का दर्द क्या है?
कलाई का दर्द अर्थात कलाई में कोई दर्द या असहजता। यह अत्यंत आम शिकायत है। यह उन लोगों की अत्यंत आम समस्या होती है जिनके काम में लम्बे समय तक या बार-बार मुड़ी हुई कलाई के साथ पकड़ने या जकड़ने की आवश्यकता पड़ती है।रोग अवधि
ठीक होना इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी कलाई की मोच कितनी गंभीर है। ठीक होने में 2 से 10 सप्ताह तक लग सकते हैं।जाँच और परीक्षण
रोग का निर्धारण शारीरिक परीक्षण द्वारा होता है। अन्य जाँचों में हैं:- एक्स-रे
- एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग)।
- अर्थ्रोग्राम (एक्स-रे या एमआरआई का विशिष्ट प्रकार)
- अर्थ्रोस्कोपी।
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
1. कलाई का दर्द क्या है?कलाई का दर्द अर्थात कलाई में कोई दर्द या असहजता। यह अत्यंत आम शिकायत है। यह उन लोगों की अत्यंत आम समस्या होती है जिनके काम में लम्बे समय तक या बार-बार मुड़ी हुई कलाई के साथ पकड़ने या जकड़ने की आवश्यकता पड़ती है।
2. कलाई के दर्द के दौरान कौन से लक्षण उत्पन्न होते हैं?
सबसे आम लक्षण है मुट्ठी बांधने में या वस्तुओं को पकड़ने में कठिनाई होना, हाथों के सुन्न होने या सो जाने का एहसास. एकाएक तीव्र दर्द, जोड़ पर सूजन, लालिमा, पीड़ा या गर्मी का होना।
3. कलाई में दर्द के क्या कारण हैं?
कलाई के दर्द के दो प्रमुख कारण हैं कार्पल टनल सिंड्रोम और कलाई के तंतुओं में सूजन का होना। ये दोनों समस्याएँ कलाई के अधिक प्रयोग और चोटों के कारण उत्पन्न हुई मानी जाती हैं। कलाई का दर्द तब होता है जब व्यक्ति कलाईयों से बार-बार एक तरीके की गति या घुमाव वाला कार्य जैसे कंप्यूटर के कीबोर्ड पर टाइपिंग, कंप्यूटर माउस का प्रयोग, रैकेटबॉल या हैंडबॉल खेलना, सिलाई, चित्रकारी, लेखन या कम्पनयुक्त उपकरण का प्रयोग करते हैं। दर्द तब भी होता है जब रोगी गर्भवती, रजोनिवृत्त या अधिक वजनी हो या मधुमेह, मासिक चक्र के पूर्व की समस्याओं, कम सक्रिय थाइरोइड या रह्युमेटोइड आर्थराइटिस आदि से पीड़ित हो।
4. कलाई के दर्द से पीड़ित होने पर व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
व्यक्ति को कलाई को आराम देना चाहिए। उसे ऊँचा उठाकर रखना चाहिए और सूजे तथा पीड़ित स्थान पर बर्फ लगाना चाहिए। बैंडेज की सहायता से कलाई को दबाव देकर रखें। कई दिनों तक स्पलिंट पहनकर रखें। गर्म पानी से स्नान या शावर के बाद व्यायाम करें ताकि आपकी कलाइयाँ जकड़न मुक्त हों। आपकी कलाई के अत्यंत सूजनयुक्त होने की स्थिति में व्यायाम ना करें। निश्चित करें कि आपका कीबोर्ड पर्याप्त नीचे रखा हो ताकि टाइपिंग के दौरान आपकी कलाइयाँ अधिक ऊपर की तरफ मुड़ी हुई ना रहें। दर्द को बढ़ाने वाली गतिविधियों के दौरान कई बार विराम लें। टाइपिंग करते समय, हाथों को आराम देने के लिए बार-बार रुकें, चाहे कुछ मिनट ही रुकें। अपने हाथों को दोनों तरफ आराम दें, ना कि केवल कलाइयों को।
5. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
डॉक्टर से संपर्क करें यदि आप अग्रलिखित लक्षणों का अनुभव करते हैं: वस्तुओं को पकड़ने में या भुजा के प्रयोग में असमर्थता या जोड़ में विकृति उत्पन्न करने वाली चोट। यदि रात्रि के समय या आराम के समय होने वाला कलाई का दर्द है जो कई दिनों तक बना रहता है तो व्यक्ति को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। जोड़ को सीधा करने या मोड़ने में असमर्थता या जोड़ या भुजा के आसपास सूजन या जोरदार चोट या बुखार, लालिमा, गर्मी के साथ संक्रमण के चिन्ह आदि डॉक्टर से मिलने के आवश्यक कारणों में हैं।
कलाई, हाथ या उँगलियों में दर्द के साथ झुनझुनी, सनसनाहट या कमजोरी होने की स्थिति में तुरंत चिकित्सीय सलाह लिए जाने की आवश्यकता होती है।