पेचिश: रोकथाम और जटिलताएं

रोकथाम (बचाव)

पेचिश कमजोर स्वच्छता के परिणामस्वरूप प्रसारित होती है। रोग को फैलने से रोकने के लिए जिन सुरक्षात्मक उपायों का पालन किया जा सकता है, उनमें हैं:
  • शौचालय के प्रयोग के बाद और दिन के दौरान नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से धोएँ, खासकर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद।
  • संक्रमित व्यक्ति के साथ वस्तुओं का बांटकर प्रयोग ना करें।
  • संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों को अधिकतम गर्म पानी से धोएँ।
  • बाहर का भोजन ना खाएँ-पियें।
  • यह निश्चित करें कि आप बोतलबंद पानी तथा उचित प्रकार से उबला और पकाया हुआ भोजन ले रहे हैं।

ध्यान देने की बातें

  • तेज़ बुखार तथा वज़न में घटाव।
  • आपकी गुदा से रक्त आना।

डॉक्टर को कब दिखाएँ

डॉक्टर से संपर्क करें यदि आप निम्न लक्षणों का अनुभव करते हैं:
  • पनीला अतिसार जिसमें रक्त या आँव की उपस्थिति हो
  • मतली और उल्टी (रोगी होना या अनुभव करना)।
  • पेट में तीव्र दर्द।
  • पेट में ऐंठन।
  • तेज़ बुखार।




पेचिश, आंत की सूजन, अतिसार, रक्त युक्त अतिसार, पेटदर्द, मल में रक्त, लेक्टोस (दुग्ध शर्करा) को हजम ना कर पाना, आंत्रशोथ (गेस्ट्रोएन्टेराइटिस), पेचिश से निवारण, pechis rog, pechis ki roktham aur jatiltain, pechis se bachav aur nivaran, pechis doctor ko kab dikhayein, Dysentery in hindi, Dysentery treatment in hindi,

One thought on “पेचिश: रोकथाम और जटिलताएं

Comments are closed.