परहेज और आहार
लेने योग्य आहार- ग्लूटेन रहित और पोषण युक्त आहार लेने चाहिए।
- कैल्शियम युक्त आहारों में दूध, दही, पनीर, मछली, ब्रोकोली, कोलार्ड ग्रीन, बादाम, कैल्शियम की शक्तियुक्त रस, और चौलाई।
- आयरन समृद्ध आहारों में मीट, मछली, चिकन, फलियाँ, मेवे, गिरियाँ, अंडे और चौलाई आदि आते हैं।
- विटामिन बी युक्त आहारों में अंडे, दूध, मीट, संतरे का रस, फलियाँ, मेवे, गिरियाँ और ग्लूटेन रहित साबुत अनाज आते हैं।
- विटामिन डी से समृद्ध आहारों में विटामिन डी की शक्ति युक्त दूध और दही, अंडे की जर्दी और मछली हैं।
- रेशे से समृद्ध आहारों में हैं सब्जियाँ, फल, फलियाँ, चौलाई, बाजरा, कुट्टू और ज्वार।
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सिलिअक रोग से ग्रस्त रोगियों में विटामिन के की कमी उत्पन्न होने की अधिक संभावना होती है। पालक, ब्रोकोली, अस्पार्गस, जलकुम्भी, पत्तागोभी, फूलगोभी, मटर, फलियाँ, जैतून, केनोला, सोयाबीन, मीट, दलिया, और डेरी उत्पाद आदि सभी विटामिन के से समृद्ध होते हैं। ग्लूटेन रहित वस्तुओं में चावल, सोया, मक्का, आलू और फलियाँ आदि हैं।
- वे अनाज जिनमें ग्लूटेन हो जैसे जौ, बाजरा, ट्रिटीकेल, गेहूँ के विभिन्न प्रकार आदि।
- उपरोक्त कहे हुए अनाजों से बने हुए आहार जैसे पास्ता, दलिया, ब्रेड, पिज़्ज़ा, क्रैकर्स, कूकीज और केक भी नहीं लिए जाने चाहिए।
- ओट्स ना लें। सिलिअक डिजीज के कुछ रोगी आहार में ओट्स को सह सकते हैं लेकिन सिलिअक रोग के रोगियों में लम्बे समय तक लिए जाने पर ओट्स सुरक्षित नहीं पाया गया है।
योग और व्यायाम
व्यायाम एंडोर्फिन्स, जो कि आपके शरीर में सकारात्मक अनुभवों को उत्पन्न करने में सहायक होते हैं और दर्द की अनुभूति को कम करते हैं, के उत्सर्जन में सहायता करता है। किसी भी प्रकार का मंद व्यायाम जैसे दौड़ना, नृत्य करना, बाइकिंग, तैरना और पैदल चलना आदि किया जा सकता है।योग
स्व-प्रतिरक्षक रोगों में लाभकारी योगासनों में हैं:
- पश्चिमोत्तानासन
- हस्तपादासन
- बद्ध कोणासन
- वीरभद्रासन