लक्षण
पीटीएसडी को किसी प्राणघातक आघात की दुर्घटना, जिसमें भय, असहाय होने या डर जाने की त्वरित प्रतिक्रिया हो, के पश्चात लगातार (एक माह तक) होने वाले लक्षणों द्वारा समझाया जा सकता है। पश्च-आघात तनाव विकार (पीटीएसडी) के लक्षण एकाएक, धीमे-धीमे उत्पन्न हो सकते हैं या समय के साथ आ और जा सकते हैं। लक्षणों में होते हैं:- अनचाहे आने वाले विचार जो आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं।
- बुरे सपने आना।
- पिछली घटनाएँ याद आना।
- उन अनुभूतियों और विचारों से बचने का प्रयास कारण जो या तो आपको आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं या जो उससे मिलती-जुलती अनुभूतियों को उभारते हैं।
- प्रियजनों से अलगाव महसूस होना या जुड़ पाने में असमर्थता।
- अवसाद, निराशावाद
- अपराध-बोध (इस असत्य धारणा के चलते कि दुर्घटना के लिए आप जिम्मेदार थे)।
- चिड़चिड़ापन या भावनाओं का गुस्से के रूप में उबलना।
- अतिसावधानी (संभावित खतरे को लेकर अति सतर्क होना)।
- अतिसंवेदनशीलता, जिसमें निम्न में से कम से कम कोई दो प्रतिक्रियाएँ हों: सोने में कठिनाई, क्रोध आना, एकाग्र होने में कठिनाई, आसानी से भौंचक्का हो जाना, कोई शारीरिक प्रतिक्रिया होना (ह्रदय गति या श्वास का तेज होना, रक्तचाप में वृद्धि)।
- बिस्तर में पेशाब करना।
- बात कर पाने में असमर्थ होना या बोलना भूल जाना।
- खेल के दौरान डराने वाली घटना को अभिनीत करना।
- अपने अभिभावक या अन्य किसी वयस्क व्यक्ति के साथ असामान्य रूप से समीप बने रहना।
कारण
पश्च-आघात तनाव विकार (पीटीएसडी) किसी अत्यंत तनावयुक्त, डरावनी या दुःखदायक घटना के बाद, या किसी लम्बे आघात के अनुभव के बाद उत्पन्न हो सकता है।वे घटनाएँ जो पीटीएसडी तक पहुँच सकती हैं, उनमें आती हैं:
- सड़क यात्रा के दौरान हुई गंभीर दुर्घटना।
- व्यक्तिगत स्तर पर हुए हिंसक आक्रमण, जैसे यौन आक्रमण, लूट या डकैती।
- हिंसक मौतें देखना।
- सैन्य संघर्ष।
- बंधक बना हुआ या रहा हुआ होना।
- आतंकवादी हमले।
- प्राकृतिक आपदाएं जैसे गंभीर बाढ़, भूकंप या सुनामी आदि।
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