एसिड पेप्टिक डिजीज: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

परहेज और आहार

लेने योग्य आहार
  • गाजर (क्योंकि इनमें बीटा-कैरोटीन होता है), लाल शिमला मिर्च और खुबानी क्योंकि ये आंत की परतों में स्थित घावों को ठीक करने में सहायता करते हैं।
  • लीन मीट, दलिया, गिरियाँ, अंडे, डालें, एवोकेडो और विटामिन ई युक्त सब्जियाँ जो अंगों में परतों के घावों को ठीक करते हैं।
  • लीन मीट, मछली, पोल्ट्री उत्पाद और मलाई निकले दुग्ध उत्पाद प्रोटीन से भरपूर होते हैं और ये आहारनली के वाल्व (विशेषकर मुंह या गर्दन से जुड़े हिस्से) को उत्प्रेरित करते हैं।
  • दलिया, ब्रेड और भूरे चावल में पाए जाने वाला घुलनशील रेशा कब्ज को रोकने में सहायक होता है और पेट पर दबाव डाले बिना आंत में स्थित तनाव को हटाता है।
  • केले और पत्तागोभी का रस पेट के भीतर अम्ल को कम करने में मदद करता है। इसे दिन में 2 से 3 बार पीना चाहिए।
  • दिन में एक बार दही अवश्य खाना चाहिए, क्योंकि यह पेट के भीतर पाचन क्रिया को मदद करने वाले बैक्टीरिया के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है।
इनसे परहेज करें
  • तले आहार, शराब, चाय, कॉफ़ी और शीतल पेय क्योंकि ये सभी पेट में अधिक अम्ल का निर्माण करते हैं।
  • माँस, काली मिर्च और मसाले, जो कि पेट में उत्तेजना करते हैं।
  • दूध, क्योंकि यद्यपि ये अम्ल को निष्क्रिय करता है, किन्तु समय के साथ, ये अम्ल के उत्पादन को बढ़ाता है।

योग और व्यायाम

  • हलके व्यायाम जैसे पैदल चलना, तैरना आदि चुनें। झुक कर किये जाने वाले व्यायाम जैसे सिट-अप और पेट के बल किये जाने वाले व्यायाम ना करें।
  • श्वसन सम्बन्धी व्यायाम (प्राणायाम) शरीर को आराम देने में सहायक होते हैं।
योग
  • वीरासन
  • बद्ध कोणासन
  • मकरासन
  • शवासन

संगीत और ध्यान


घरेलू उपाय (उपचार)

  • सिरहाने को हल्का सा ऊँचा रखकर सोएँ।
  • मसालेदार, कैफीनयुक्त और अल्कोहलयुक्त आहार ना लें।
  • उचित वजन बनाए रखें।
  • सोने जाने के तीन घंटे के भीतर भोजन ना करें।
  • अधिक हवा निगलने से बचने के लिए भोजन धीमी गति से करें।




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