डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई): प्रमुख जानकारी और निदान

डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई) क्या है?

डिसअर्थ्रिया यांत्रिक वाणी विकार है जिसमें आपको बोलते समय उपयोग की जाने वाली मांसपेशियों के नियंत्रण या सामंजस्य में कठिनाई होती है या इन मांसपेशियों में कमजोरी होती है। मस्तिष्क आघात या मस्तिष्क के अन्य किसी रोग के बाद मुँह, चेहरे और श्वसन तंत्र की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं, उनकी गति धीमी हो जाती है, या वे गतिहीन हो जाती हैं। डिसअर्थ्रिया का प्रकार और गंभीरता इस बात पर निर्भर करता है कि तंत्रिका तंत्र का कौन सा हिस्सा प्रभावित हुआ है। जब यह बच्चों में होता है, तो आमतौर पर यह जन्म के पहले या दौरान मस्तिष्क में हुए परिवर्तनों का परिणाम होता है और इसे विकास सम्बन्धी डिसअर्थ्रिया कहा जाता है।

रोग अवधि

चोट लगने के बाद उबर पाने की संभावना, मस्तिष्क आघात के बाद उबर पाने की संभावना से, अधिक होती है। भाषा या वाणी सम्बन्धी कार्यक्षमता का ठीक होना, भिन्न-भिन्न लोगों में अत्यंत अलग-अलग होता है, और इसका पूर्वानुमान अत्यंत कठिन होता है क्योंकि यह कई कारकों से प्रभावित होता है।

जाँच और परीक्षण

डॉक्टर होंठों, जीभ, और चेहरे की गतियों और इसके साथ बोलने, स्वर की गुणवत्ता और अन्य के लिए श्वास के सहयोग का अवलोकन करेंगे। आपकी स्थिति के आधार पर, की जाने वाली जांचों में हैं:

  • एमआरआई स्कैन।
  • सीटी स्कैन।
  • पीईटी स्कैन।
  • सिंगल-फोटोन एमिशन कंप्यूटेड टोमोग्राफी (एसपीईसीटी) स्कैन।





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