रोकथाम (बचाव)
चूंकि कोई इलाज नहीं है, इसलिए बचाव बहुत जरूरी है.- आर्थराइटिस को नियंत्रित करने के लिए तीन प्रमुख बातें हैं:
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए व्यायाम नियमित करें
- वजन को नियंत्रित रखें
- अपने जोड़ों को चोटों/रोगों से बचाएँ
- हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए पोषणयुक्त अच्छा आहार लें
- पर्याप्त पानी पियें. जोड़ों में स्थित तंतुओं का 70 प्रतिशत पानी से बना होता है और पानी इनमें चिकनाई बनाये रखता है जिससे हड्डियाँ आपस में रगड़ने से बचती हैं. प्रतिदिन आठ कप पानी लेना निश्चित करें
- तनाव को घटाएं और अल्कोहल लेना सीमित करें
- धूम्रपान त्यागें
- योग जोड़ों पर लाभकारी यांत्रिक दबाव पैदा करता है योगासन करने का प्रयास करें.
- मांसपेशियों और जोड़ों पर बार बार होने वाला दबाव घटाएं. काम, शौक/रूचि या मनोरंजन सम्बन्धी कार्यों से होने वाले बहुकालीन दर्द और दबाव के प्रति सतर्क रहे.
ध्यान देने की बातें
- सूजे और दर्द भरे जोड़
- साँस लेने में कमी या छाती में दर्द
- जोड़ों को उठाने या घुमाने में कठिनाई
- दर्द के साथ बुखार
- खुजली या निशान
डॉक्टर को कब दिखाएँ
यदि आपके जोड़ों में 2 सप्ताह से ज्यादा सूजन, जकड़न, या दर्द रहे तो डॉक्टर से मिलिए.
- चाहे कोई चोट हो या अनजाना कारण हो, दर्द और जकड़न तुरंत होते हैं.
- दर्द बुखार के साथ होता है
- दर्द तेजी से उभरता है और यह जोड़ की कमजोरी और लालिमा के साथ होता है.
- कुछ समय बैठने के बाद या रात की नींद के बाद आप अपने बाजुओं, पैरों, और पीठ में दर्द और जकड़न का अनुभव करते हैं
- बच्चे को त्वचा पर निशान और/या घुटनों, कलाईयों, और पंजों में दर्द होता है या उतरता चदता बुखार, भूख में कमी, और वजन कम होना हो सकता है
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