ओस्टियोआर्थराइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

ओस्टियोआर्थराइटिस क्या है?

ओस्टियोआर्थराइटिस आर्थराइटिस का वह प्रकार है जिसमें एक या अधिक जोड़ों के कार्टिलेज (उपास्थि) या तो टूट जाते हैं, अथवा धीरे-धीरे घिसते हैं। आम भाषा में इसे विअर एंड टिअर (टूट-फूट वाला) आर्थराइटिस कहा जाता है। कार्टिलेज वह चिकना ऊतक होता है जो किसी जोड़ में हड्डी के अंतिम सिरे को ढके हुए रहता है। जब कार्टिलेज की क्षति हो जाती है, हड्डियाँ आपस में रगड़ती हैं और इस रगड़ के कारण जोड़ को क्षति हो सकती है। ओस्टियोआर्थराइटिस अधिकतर घुटनों, कूल्हों, हाथों, और पैरों में होता है और यह महिलाओं में आम समस्या है।
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रोग अवधि

जोड़ों के दर्द से उबरने में सालों लग सकते हैं। ओस्टियोआर्थराइटिस एक क्रोनिक (लम्बे समय तक रहने वाली) स्थिति है, जिसे जीवन शैली में स्वस्थ परिवर्तन, तनाव और निराशा को कम करके, जोड़ों की क्षति से बचकर तथा सक्रियता और आराम में संतुलन साधकर उचित तरीके से नियंत्रित किया जाता है।

जाँच और परीक्षण

डॉक्टर रोग निर्धारण के लिए चार प्रमुख बातें अपनाता है:
  • रोगी का चिकित्सीय इतिहास।
  • प्रभावित जोड़ों का परीक्षण।
  • एक्स-रे और एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग)।
  • रक्त परीक्षण और जोड़ों में स्थित द्रव पधार्थ का विश्लेषण।
  • सूजन वाले जोड़ों से द्रव निकालना।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1.ओस्टियोआर्थराइटिस क्या है?
ओए (उपास्थि में) टूट-फूट के कारण हुई जोड़ों की सूजन को कहते हैं। यह सामान्य रूप से वजन सहने वाले जोड़ों (घुटने और कूल्हे) को प्रभावित करता है। इसे विअर एंड टिअर या डिजनरेटिव (अपभ्रंश) आर्थराइटिस भी कहते हैं।

Q2. ओस्टियोआर्थराइटिस किस कारण होता है?
यह हड्डियों के सिरों पर स्थित कार्टिलेज की परतों में घिसाव से आई कमी के कारण होता है, जिससे जोड़ों में स्थान की और सायनोविअल द्रव की कमी हो जाती है। कार्टिलेज की इस टूट-फूट के कारण नसों के अंतिम सिरे पर रगड़ लगती है और दर्द होता है।

Q3. ओस्टियोआर्थराइटिस की चिकित्सा क्या है?
चिकित्सा पारंपरिक है, जिसमें दर्द को कम करने के लिए और कार्टिलेज को फिर से बनाने के लिए दवाएँ दी जाती हैं। वजन में कमी की सलाह दी जाती है। यदि जीवन स्तर नहीं सुधरता है तो शल्यक्रिया द्वारा जोड़ बदलवाने की सलाह दी जाती है।

Q4. ठीक होने में कितना समय लगता है?
इसे ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन रोग के बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है। जोड़ को बदलवाना ही इसका इलाज है।

Q5. क्या रोग के लौटने की कोई संभावना है?
एक बार जोड़ बदल दिया जाये तो जीवन जीने के स्तर में सुधार हो जाता है और रोगी बिना ज्यादा कठिनाई के स्वयं कार्य कर सकता है। जोड़ बदल जाने के बाद ये रोग नहीं लौट सकता।

Q6. मैं ओस्टियोआर्थराइटिस से कैसे बच सकता हूँ?
वजन में कमी और एरोबिक व्यायाम ओस्टियोआर्थराइटिस से बचाव में सहायक होते हैं।

Q7. ओए के निर्धारण हेतु कौन सी जाँचें की जाती हैं?
प्रभावित जोड़ का एक्स-रे ओए की स्थिति बताता है। एमआरआई भी उपयोगी है किन्तु ये महँगी होती है और ओए से सम्बंधित कोई अतिरिक्त जानकारी इससे नहीं मिलती।





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