विटामिन D की कमी क्या है?
विटामिन D, जिसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश की प्रतिक्रिया में शरीर द्वारा उत्पन्न किया जाता है। प्राकृतिक रूप से यह कुछ आहारों जिनमें कुछ मछलियाँ, मछलियों के लिवर का तेल और अंडे की जर्दी तथा बाह्य शक्ति मिश्रित डेरी उत्पादों और अनाज के उत्पादों में पाया जाता है।विटामिन D के दो प्रकार होते हैं, जिन्हें D2 और D3 के नाम से जाना जाता है।
- विटामिन D2, जिसे अर्गोकेल्सीफेरोल भी कहते हैं, शक्ति मिश्रित आहारों, वनस्पति आहारों, और पूरक आहारों से प्राप्त होता है।
- विटामिन D3, जिसे कोलकेल्सीफेरोल भी कहते हैं, शक्ति मिश्रित आहारों, पशु आहारों (मछली, अंडे और जिगर), तथा शरीर के भीतर भी, जब त्वचा सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आती है तब, बनता है।
यदि आपका सूर्य के प्रकाश से कम संपर्क होता है, आपको दूध सम्बन्धी एलर्जी है, या आप शुद्ध शाकाहारी व्यक्ति हैं, तो आपको विटामिन D की कमी का खतरा हो सकता है।
रोग अवधि
इस कमी को ठीक होने में कुछ महीने लग सकते हैं। यह व्यक्ति की जीवन शैली और चिकित्सा के तरीके पर निर्भर करता है।जाँच और परीक्षण
रोग का निर्धारण मुख्यतः 25-हाइड्रोक्सी विटामिन D रक्त जाँच द्वारा होता है।डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1.विटामिन D क्या है और यह शरीर के लिए आवश्यक क्यों है?विटामिन D एक सूक्ष्म पोषक आहार है, जो जब त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आती है तब शरीर द्वारा बनाया जाता है। यह कई आहारों में भी उपस्थित होता है। विटामिन D मुख्यतः हड्डियों में कैल्शियम और फॉस्फेट के अवशोषण और उनके वहाँ पर इकठ्ठा होने में उपयोगी होता है। शरीर में विटामिन D की पर्याप्त मात्रा मधुमेह, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, त्वचा रोग से बचाव करती है और प्रतिरक्षक शक्ति को बढ़ाती है।
Q2.मुझे विटामिन D की कमी कैसे हो सकती है?
आपको विटामिन D की कमी हो सकती है, यदि आप लम्बे समय तक सूर्य के प्रकाश में नहीं रहते हैं, और विटामिन D से समृद्ध आहार नहीं लेते हैं।
Q3.मुझे विटामिन D की कमी का पता कैसे चलेगा?
यदि आपको बार-बार संक्रमण हो रहे हैं, आलस का अनुभव होता है, हड्डियों और माँसपेशियों में दर्द है, तो आपको अपने विटामिन D के स्तर की जाँच करवानी चाहिए। रक्त परीक्षण से हमें शरीर में विटामिन D की मात्रा का विश्लेषण मिल जाता है।
Q4.विटामिन D की कमी के हानिकारक प्रभाव क्या हैं?
विटामिन D की लम्बे समय तक बनी रहने वाली कमी आँतों से कैल्शियम और फॉस्फेट के अवशोषण और उनके हड्डियों में जमा होने की प्रक्रिया को कम कर देती है। इससे हड्डियाँ कमजोर होती हैं और इस स्थिति को बच्चों में रिकेट्स तथा वयस्कों में ओस्टियोमलेसिया और ओस्टियोपोरोसिस कहा जाता है।
Q5.मैं विटामिन D की कमी को कैसे दूर कर सकता हूँ?
विटामिन D की कमी को विटामिन D इंजेक्शन की अधिक मात्रा और उसके बाद थोड़े समय के लिए खाने वाली गोलियाँ अधिक मात्रा में लेकर ठीक किया जा सकता है। बाद में आप प्रतिदिन आरडीए द्वारा निर्धारित मात्रा में पूरक ले सकते हैं या विटामिन D की शक्ति मिश्रित आहार ले सकते हैं और प्रतिदिन पर्याप्त समय के लिए सूर्य के प्रकाश में रह सकते हैं।
Q6.मैं विटामिन D की कमी से कैसे बच सकता हूँ?
आप विटामिन D से समृद्ध आहार लेकर और पर्याप्त मात्रा में सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहकर विटामिन D की कमी से बच सकते हैं।
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