ऊँचाई की बीमारी (पहाड़ों पर जी मिचलाना) क्या है?
अधिक ऊँचाई का रोग मनुष्यों को ऊँचे स्थानों पर होने वाला प्रभाव है जो अधिक ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कम मात्रा के कारण होता है। इसे एक्यूट माउंटेन सिकनेस (एएमएस), ऊँचाई का रोग (अल्टीट्यूड सिकनेस), हाइपोबारोपेथी, “द अल्टीट्यूड बेंड्स” या सोरोची भी कहा जाता है। सामान्यतया यह 2,400 मीटर (8,000 फीट) से अधिक ऊँचाई पर होता है। यह मुख्यतः पर्वतारोहियों, ऊँचाई पर चलने/चढ़ने वालों, स्कीइंग करने वालों या यात्रियों को प्रभावित करता है। वायुमंडलीय दबाव में होने वाली कमी साँस लेना कठिन बनाती है।रोग अवधि
अधिकतर मामले हलके होते हैं। यदि आप नीचे उतर आएं तो लक्षण जल्दी ठीक हो जाते हैं।जाँच और परीक्षण
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डॉक्टर द्वारा स्टेथोस्कोप के प्रयोग से किये जाने वाले शारीरिक परीक्षण में फेफड़ों से चटकने की आवाज मिल सकती है। यह आवाज फेफड़ों में तरल पदार्थ की उपस्थिति का सूचक है।
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अन्य जाँचों में – रक्त परीक्षण, मस्तिष्क (ब्रेन) सीटी स्केन, छाती का एक्स-रे, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) आदि हैं।
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. गर्भवती महिला को ऊँचाई की बीमारी के लिए क्या सलाह है?3000 मीटर से अधिक या जिस ऊँचाई पर ऑक्सीजन की पूर्णता की मात्रा तेजी से गिर जाये, वह गर्भवती महिला के लिए उचित नहीं है।
Q2. मुझे रक्तचाप है. चढ़ाई की यात्रा के लिए मुझे क्या सलाह है?
अधिक ऊँचे स्थानों पर, शरीर की बढ़ी हुई सहानुभूतिपरक प्रक्रिया से रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है, किन्तु यह हानिकारक स्तर तक नहीं पहुँचती। इसलिए ऊँचे स्थानों पर लोगों को अपने रक्तचाप की दवाएँ लेते रहना चाहिए। ऊँचे-स्थान पर रक्तचाप वृद्धि का संभावित कारण शरीर की एड्रीनर्जिक गतिविधि हो सकती है, इसलिए लक्षण वाले रोगियों या अस्थिर रक्तचाप वाले रोगियों को एंटी-एड्रीनर्जिक दवा जैसे कि प्राज़ोसिन दी जाती है। यात्रा के कुछ सप्ताह पूर्व से अपनी दवा लेना शुरू कर देना और यात्रा के दौरान स्फिग्मोमेनोमीटर रखना उत्तम होता है।
Q3. मुझे ऊँचे स्थानों पर गुदा से रक्त आता है, बचाव के लिए क्या करना चाहिए
अधिक ऊँचाई के मार्गों पर बवासीर आम समस्या है, इलाज में गर्म सिंकाई, हाइड्रोकार्टिसोन ऑइंटमेंट का प्रयोग, और कब्ज से बचने के तरीके आदि आते हैं।
Q4. ऊँचाई की बीमारी के लिए एसिटाज़ोलामाईड के प्रयोग पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
हाँ, कुछ लोगों को बाद एसिटाज़ोलामाईड के अनचाहे दुष्प्रभाव हो सकते हैं एसिटाज़ोलामाईड कभी-कभी ऊँचाई की बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए बचाव की औषधि के रूप में प्रयोग होता है। यह आपकी ऊँचाई के प्रति अनुकूलन को बढ़ा देता है किन्तु ऊँचाई की बीमारी होने से नहीं रोकता। एसिटाज़ोलामाईड लेने के बाद कुछ लोगों को झुनझुनी का अनुभव (खासकर अपने पैरों, हाथों और चेहरे पर) होता है और बार-बार मूत्रत्याग की आवश्यकता महसूस होती है। अन्य संभावित दुष्प्रभावों में उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना, और दस्त हैं। एसिटाज़ोलामाईड गैस युक्त पेयों का स्वाद भी बदल सकता है, और कभी-कभी लोगों को चकत्ते उत्पन्न हो सकते हैं।
आपके डॉक्टर आपको यात्रा पर जाने के हफ़्तों पहले परीक्षण के तौर पर एसिटाज़ोलामाईड दे सकते हैं। यदि आपको कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं तो वह आपको आपकी चढ़ाई शुरू करने के एक दिन पहले से अगले दो से तीन दिनों तक नियमित लेते रहने के लिए, जब तक कि आप ऊँचाई के अभ्यस्त नहीं हो जाते, सलाह दे सकते हैं।