चिकनगुनिया क्या है?
चिकनगुनिया मच्छरों द्वारा फैलने वाली वायरल बीमारी है। यह मनुष्यों में संक्रमित एडिस एजिप्टी मच्छर के काटने से होती है। इसे चिकनगुनिया वायरस रोग या चिकनगुनिया बुखार के नाम से भी जानते हैं।रोग अवधि
बुखार का ठीक होना रोगी की आयु और रोग प्रतिरोधक शक्ति पर निर्भर करता है। जहाँ बच्चे 5 से 15 दिनों में ठीक हो जाते हैं, वयस्कों को 1 से 2.5 महीने तक लग सकते हैं। वृद्धों को इससे भी अधिक समय लग सकता है।जाँच और परीक्षण
चिकनगुनिया की पहचान प्रयोगशाला की जाँचों जैसे कि आरटी-पीसीआर, रक्त सीरम की जाँच और वायरस पृथक्करण द्वारा की जा सकती है।डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. चिकनगुनिया संक्रमण का गर्भावस्था के दौरान क्या प्रभाव होता है?गर्भवती महिला को चिकनगुनिया गर्भकाल की किसी भी स्थिति में हो सकता है। गर्भस्थ शिशु को संक्रमण लगने के अवसर बहुत कम होते हैं। यदि गर्भवती महिला जन्म देने के दौरान संक्रमित होती है तो नवजात शिशु को वायरस चपेट में ले सकता है। यदि नवजात प्रभावित होता है तो खतरा बहुत अधिक होता है। इसलिये यह आवश्यक है कि चिकनगुनिया प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को मच्छर के काटने से बचाया जाये।
Q2. यदि माँ चिकनगुनिया से संक्रमित है तो क्या बच्चे को दूध पिलाना सुरक्षित होता है?
चिकनगुनिया वायरस का माँ के दूध के माध्यम से प्रसारित होने का वर्तमान में कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा, मच्छरों के काटने से बचाव के लिए मच्छरदानी और मच्छर रोधियों का प्रयोग ही है।
Q3. चिकनगुनिया बुखार के अन्य रूपों से कैसे भिन्न है?
आमतौर पर चिकनगुनिया बुखार स्वयम ही नियंत्रित हो जाता है। जोड़ों के दर्द के साथ बुखार साधारणतया तीन दिन तक रहता है। बुखार ठीक होने के बाद भी जोड़ों की सूजन और दर्द बने रहते हैं। ये सूजन और दर्द रोगी की आयु के आधार पर एक से तीन सप्ताह से लेकर महीनों तक रह सकते हैं।
Q4. प्रभावित होने के कितने समय बाद लक्षण दिखाई पड़ते हैं?
चिकनगुनिया वाहक मच्छर के काटने और लक्षणों के प्रकट होने में
एक से बारह दिन का समय लगता है
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