सुबह जागने के बाद पानी पीना आंत के सिरे की सफाई, नए खून के निर्माण, वजन में कमी और त्वचा को चमक देने में सहायता करता है। आंत का सिरा, बड़ी आंत का हिस्सा है, जो पचने से बचे रह गए आहार से जल और इलेक्ट्रोलाइट अवशोषित करता है।
भोजन के तुरंत पश्चात चाय या कॉफ़ी लेने से परहेज करें क्योंकि ये भोजन से लौह तत्व लेने में बाधा उत्पन्न करते हैं।
स्वास्थ्य के लिए फलों का रस पीना, फलों को काटकर खाने से कम फायदेमंद है, क्योंकि रस में रेशे की मात्रा कम होती है और छिलका बिलकुल नहीं होता।
निगलने के पहले अपने भोजन को जितना चबा सकें, उतना चबाएं, क्योंकि आपका मुँह शक्तिशाली पाचक रस उत्पन्न करता है। यह भोजन को पेट में जाने के पहले ही थोड़ा सा पचा देता है।
भोजन के तुरंत पश्चात लेटें या सोएँ नहीं, क्योंकि आपके पेट में उपस्थित एसिड आसानी से आपकी खाने की नली में पहुँच कर सीने की जलन उत्पन्न कर सकता है। भोजन के पश्चात् आधा घंटे तक सीधे बैठना बेहतर होगा, ताकि पाचक रस भोजन को छोटे हिस्सों में बाँट सकें।
शरीर में जल की पर्याप्त मात्रा आपके अंगों का उचित प्रकार से कार्य करना निश्चित करती है, मेटाबोलिज्म को सुधारती है, आपकी चर्बी की अधिक मात्रा को जलाने में सहायता देती है। जल में कोई कैलोरी नहीं होती।
चाय और कॉफ़ी शरीर में एसिड को बढ़ाते हैं। इनके सेवन के पहले एक गिलास जल का सेवन करना नुकसान को कम करता है।
अदरक का प्रयोग सर्दी को रोकने, गति सम्बन्धी परेशानी को दूर करने, अपच हटाने में किया जाता है और यह उलटी और गले की पीड़ा की घरेलू औषधि भी है। यह खून की गति में भी सहायता करती है।
रेशे से समृद्ध आहार जैसे ब्राउन ब्रेड, दालें और अनाज अधिक मात्रा में लें। हमें प्रतिदिन लगभग 40 ग्राम रेशा लेने की आवश्यकता होती है। रेशा शरीर द्वारा कोलेस्ट्रॉल के हजम किये जाने को रोकता है। यह कब्ज और आंत के सिरे तथा मलाशय के कैंसर से बचाव करता है। यह दिल की नसों के रोगों के विरुद्ध सहायक है।
कुनकुना पानी और नीबू का शरबत पीना आपके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है, यह आपके पाचन तंत्र को साफ़ करने में भी मदद करता है जिसके कारण आम पाचन समस्याएँ जैसे अपच और कब्ज दूर होते हैं।
केले आपको आपके वजन कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में, आपकी आँतों को स्वस्थ रखने में, हृदय की लय बनाए रखने वाले पोषक तत्व प्रदान करने में और नेत्र-स्वास्थ्य हेतु आवश्यक विटामिन देने में मदद करते हैं।
पाचनशक्ति को सुधारने और पाचन सम्बन्धी समस्याओं को कम करने के लिए आपको अपने आहार में अदरक शामिल करना चाहिए। यह भोजन पचाने के लिए आवश्यक पाचक रसों और एंजाइम के प्रवाह को उत्प्रेरित करती है. प्रतिदिन अदरक युक्त चाय पीना सहायक होता है।
पाचनशक्ति को सुधारने और पाचन सम्बन्धी समस्याओं को कम करने के लिए आपको अपने आहार में अदरक शामिल करना चाहिए। यह भोजन पचाने के लिए आवश्यक पाचक रसों और एंजाइम के प्रवाह को उत्प्रेरित करती है। एक कम गर्म पानी में 2 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच शहद मिलाएँ। इसे दिन में एक-दो बार पियें।
ग्रीन टी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो ह्रदय और रक्तवाहिनियों की भीतरी परत का निर्माण करने वाली कोशिकाओं की शक्ति बढ़ाते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड स्तर को कम करने में मदद करते हैं। ग्रीन टी शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में और मेटाबोलिज्म को उन्नत करने में सहायता करती है।
अदरक सभी प्रकार की पाचन सम्बन्धी समस्याओं को ठीक करने का अद्भुत घरेलू उपचार है, इनमें फ़ूड पोइसनिंग से होने वाली समस्याएँ भी आती हैं।
एक छोटा चम्मच मेथीदाने के साथ एक बड़ा चम्मच भर दही लें। आपको केवल मेथीदाने निगलना हैं, उन्हें चबाना नहीं है। मेथीदाने और दही का सम्मिलित प्रभाव आपको पेटदर्द और उलटी से तुरंत छुटकारा देगा।
एक छोटा चम्मच भरकर मेथीदाने एक बड़ा चम्मच भर दही के साथ निगल लें। मेथीदानों में उपस्थित गोंदनुमा पदार्थ की उच्च मात्रा के कारण, इन्हें दस्त का उपयोगी प्राकृतिक उपचार माना जाता है।
सौंफ के दाने अपच, पेट फूलना, कब्ज और इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम जैसी पीड़ाओं के उपचार में उपयोगी होते हैं क्योंकि ये पाचन तंत्र में माँसपेशियों की सुगम गति को प्रोत्साहित करते हैं।
अलसी के बीजों में ढेर सारे रेशों और ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ कई औषधीय गुण होते हैं। इसके अलावा, अलसी के बीजों में दस्तावर गुण होते हैं, जो मंद से लेकर अत्यंत गंभीर प्रकार के कब्ज का उपचार करने में मदद करते हैं।
काली मिर्च अक्सर पाचन सुधारने, भूख बढ़ाने और पेट सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने में प्रयोग की जाती है। ये पेट और आँतों की गैस को भी दूर करती है।
धनिये का रस आपकी भूख बढ़ाने में फायदा करता है क्योंकि यह पाचक रसों के निकलने में मदद देता है। यह अपच, गैस, जी मचलाना, आँतों की सूजन और इसी प्रकार के अन्य रोगों को दूर करने में बढ़िया प्रभाव करता है।
पपीते में पाचक एंजाइम पपेन की अत्यधिक मात्रा मुश्किल प्रोटीन रेशों को तोड़ने में सहायता करती है और इस प्रकार पाचन की क्रिया को मदद देती है। इस फल में पानी की और घुलनशील रेशे की उच्च मात्रा होती है जो पाचन प्रक्रिया को सुगम बनाती है। इसके कारण आँतों की क्रिया उचित होती है और कब्ज रोकने में मदद मिलती है।
पपीते के बीज आपको आँतों के कीड़े और परजीवियों से छुटकारा पाने में मदद करते हैं क्योंकि ये प्रोटीन तोड़ने वाले एंजाइम और कीटाणुनाशक अल्कलॉयड कारपेन से भरपूर होते हैं।
100 ग्राम अन्नानास में 47.8 ग्राम विटामिन सी होता है, जो कि आपकी रोजाना की जरूरत का 58 प्रतिशत होता है। अन्नानास पाचन को सुधारता है, रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है, वजन कम करने में मदद करता है, सूजन कम करता है, मुँह का स्वास्थ्य ठीक करता है, दृष्टि बढ़ाता है, हड्डियाँ मजबूत करता और त्वचा को स्वस्थ रखता है।
बच्चों में गैस या अपच के कारण होने वाले पेटदर्द से छुटकारा पाने के लिए सौंफ बढ़िया तरीका है। एक छोटा चम्मच भर कुटी सौंफ को एक कप गर्म पानी में मिलाएँ और 10 मिनट तक हिलाएँ। थोडा सा शहद मिलाएँ और अपने बच्चे को धीरे-धीरे पिलाएँ। दिन में 2 बार इसे दें।
बच्चों में पेट की आम समस्याओं जैसे गैस का दर्द के लिए बबून के बीज बढ़िया इलाज हैं क्योंकि इनमें ऐसे रसायन होते हैं जो आँतों की गैस कम करते हैं। यह जड़ी पाचन तंत्र की मांसपेशियों को भी आराम देती है, जिसके कारण पाचन सुधरता है और गैस का बनना बंद होता है।
ककड़ी में जल का हिस्सा अधिक मात्रा में होता है और कैलोरी अत्यंत कम होती है। ककड़ी में पाया जाने वाला एरेप्सिन नामक एंजाइम पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह पाचन को सुधारती है और गर्मी में विशेष रूप से मददगार होती है, खासकर जिनका हाजमा कमजोर हो उन्हें मदद करती है। ककड़ी में विटामिन सी होता है जो सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा की सुरक्षा करता है और झुर्रियों, धूप से होने वाली क्षति और अन्य दिक्कतों से बचाव करता है
आपके बिगड़े पेट के लिए दही सबसे बढ़िया आहार होता है। इसमें आपके लिए प्राकृतिक रूप से तुरंत ठंडक देने वाले गुण होते हैं जो ताजेपन का एहसास दिलाने में मदद करते हैं और इसके अलावा आपके पेट को पर्याप्त आराम देते हैं। इसके लिए आप प्रतिदिन कुछ ताजा दही खा सकते हैं। यह आपके ख़राब पेट को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करेगा।
केला पेट के लिए अत्यंत हितकारी मृदु फल है जो आपके बिगड़े पेट को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करता है। यह आपके पेट को इस प्रकार की असुविधाजनक स्थिति से आसानी से छुटकारा पाने में मदद करता है। चूँकि यह ख़राब पेट के लिए अत्यंत उपयोगी भोज्य चिकित्सा है, इसे आप अपनी दैनिक खुराक में शामिल कर सकते हैं।
टमाटर और आलू के रस में कुछ विशेष गुण होते हैं। ये रस चश्मे के निशानों को तेजी से साफ़ करते हैं, लेकिन आपको इन्हें रोज लगाना होगा। अपने दाग, धब्बों पर हमेशा ताजा कटे टमाटर या आलू लगाएँ। इसमें कुछ एसिड का प्रभाव होता है। दाग/धब्बों पर जब तक रख सकें, रखें। फिर हटाएँ और धो लें। यह क्रिया कुछ दिनों में आपकी नाक के निशानों को साफ कर देती है।