ओस्टियोआर्थराइटिस: रोकथाम और जटिलताएं

ओस्टियोआर्थराइटिस रोकथाम – वजन कम करें यदि आपका वजन अधिक है। नियमित व्यायाम करें। चोटों से बचें। ऐसी गतिविधियों न करें जिनमें किसी खास जोड़ पर अत्यधिक जोड़ पड़ता हो।.

ओस्टियोआर्थराइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ओस्टियोआर्थराइटिस आहार – लेने योग्य आहार: कैल्शियम युक्त डेरी उत्पाद ओस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं, जिनमें कम या बगैर वसा का दूध, पनीर और दही आते हैं, विटामिन C से समृद्ध आहार जैसे खट्टे फल, स्ट्रॉबेरी, मिर्च, कीवी, केंटेलूप, हरी-पत्तेदार सब्जियाँ, फूलगोभी, टमाटर, आलू, और अन्नानास। बीटा-कैरोटीन युक्त आहार जैसे लाल, पीले और नारंगी रंग के फल और सब्जियाँ (कद्दू, कन्टेलूप, मिर्च, गाजर) और कई हरी-पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, केल, रोमेन लेट्यूस)।

ओस्टियोआर्थराइटिस: लक्षण और कारण

ओस्टियोआर्थराइटिस लक्षण – प्रभावित जोड़ में दर्द, जकड़न, सूजन और पीड़ा। माँसपेशियों में कमजोरी और जोड़ों को घुमाने में कठिनाई।. ओस्टियोआर्थराइटिस कारण – मोटापा। बढ़ी हुई आयु। आनुवंशिकता। चोट।.

ओस्टियोआर्थराइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

ओस्टियोआर्थराइटिस टूट-फूट के कारण हुई जोड़ों की सूजन को कहते हैं। यह सामान्य रूप से वजन सहने वाले जोड़ों (घुटने और कूल्हे) को प्रभावित करता है।.

मलेरिया: लक्षण और कारण

मलेरिया लक्षण – तेज/अधिक बुखार, थकावट, सिरदर्द, माँसपेशियों में दर्द, पेट में गड़बड़ी. मलेरिया कारण – परजीवी संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया होता है।.

मलेरिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मलेरिया आहार – लेने योग्य आहार: चूंकि पसीने और बुखार में शरीर के तरल पदार्थ की अधिक हानि हो जाती है, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ जैसे कि सूप, दूध, नीबू पानी आदि लेना चाहिए। नमक और शक्कर के साथ पानी भी उत्तम होता है। नारियल पानी उल्टियों को कम करने में और तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा करने में विशेष लाभकारी है। विटामिन A की कमी से ग्रस्त लोगों में मलेरिया की संभावना अधिक होती है, इसलिए विटामिन A से भरपूर आहार जैसे कि दूध, फल (आम, पपीता) और सब्जियाँ (गाजर, टमाटर, सहजन, एमेरंथ, पालक, कद्दू) लिये जाने चाहिए।

मलेरिया: रोकथाम और जटिलताएं

मलेरिया रोकथाम – अपने आस-पास मच्छरों का पनपना रोकें, आवश्यक स्वच्छता बनाये रखें.

मलेरिया: प्रमुख जानकारी और निदान

मलेरिया मच्छरों से उत्पन्न होने वाली बीमारी है जो एक सूक्ष्मजीवी द्वारा लाल रक्त कणिकाओं के संक्रमण से होती है।.

हाइपोथाइरोइडिसम: प्रमुख जानकारी और निदान

हाइपोथाइरोइडिसम में थाइरोइड ग्रंथि उचित रूप से सक्रिय नहीं होती और आवश्यक मात्रा में थाइरोइड हार्मोन उत्पन्न नहीं करती।.

हाइपोथाइरोइडिसम: लक्षण और कारण

हाइपोथाइरोइडिसम लक्षण – वजन में बढ़ोतरी, थकावट, भूलने की समस्या, सीखने में कठिनाई, उनींदापन. हाइपोथाइरोइडिसम कारण – आयोडीन की कमी, तनाव, अन्य संक्रमण.