धुकधुकी लक्षण – लय छोड़ रहा है। अत्यंत तेज धड़क रहा है। सामान्य से अधिक पंप कर रहा है।. धुकधुकी कारण – भावनाएँ, औषधियाँ, चिकित्सीय स्थितियाँ, भोज्य पदार्थ।.
लेखक: Dr. Jai Prakash
धुकधुकी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
धुकधुकी आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियाँ, साबुत अनाज और कम वसा युक्त या वसाहीन डेरी उत्पाद।
, मछली का सेवन अधिक मात्रा में करें। खासकर सैलमन और मैकरील में ह्रदय को स्वस्थ रखने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है।
, धुकधुकी में आराम देने के लिए दही भी सहायक होता है।
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धुकधुकी: रोकथाम और जटिलताएं
धुकधुकी रोकथाम – तनाव ना लें और तम्बाकू का प्रयोग ना करें। उचित आहार। व्यायाम नियमित करें।.
धुकधुकी: प्रमुख जानकारी और निदान
ह्रदय धड़कना (धुकधुकी), ह्रदयगति की वो अनुभूति है जिससे आप एकाएक सतर्क हो जाते हैं, क्योंकि वे अनुभव कराती हैं मानों आपका ह्रदय धड़धड़ा रहा है, या भावनाएँ हिलोरें ले रही हैं।.
केल्केनियस फ्रैक्चर (एड़ी की हड्डी): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
केल्केनियस फ्रैक्चर (एड़ी की हड्डी) – व्यायाम – अपने पैर और टखने को, बिना दर्द के और सुविधा के साथ, जितना अधिक ऊपर-नीचे/ बाहर-भीतर कर सकते हैं, उतना करें।
, सुविधा के साथ और बिना दर्द के आप अपने पैर और टखने को जितने बड़े गोल आकार में घुमा सकते हैं, घुमाएँ।
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केल्केनियस फ्रैक्चर (एड़ी की हड्डी): रोकथाम और जटिलताएं
केल्केनियस फ्रैक्चर (एड़ी की हड्डी) – रोकथाम – चोटों से बचें।.
केल्केनियस फ्रैक्चर (एड़ी की हड्डी): प्रमुख जानकारी और निदान
केल्केनियस पैर के पीछे स्थित हड्डी होती है, जिसे सामान्यतया एड़ी की हड्डी कहा जाता है।.
केल्केनियस फ्रैक्चर (एड़ी की हड्डी): लक्षण और कारण
केल्केनियस फ्रैक्चर (एड़ी की हड्डी) – लक्षण – दर्द, सूजन, एड़ी में विकृति।. केल्केनियस फ्रैक्चर (एड़ी की हड्डी) – कारण – चोटें.
स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द: लक्षण और कारण
स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द – लक्षण – प्रभावित क्षेत्र में दर्द, पीड़ा, सूजन, जकड़न और प्रभावित क्षेत्र को हिलाने-डुलाने में असमर्थता।. स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द – कारण – सोने की अनुचित भंगिमा, अत्यधिक उपयोग या कोई जोरदार चोट।.
स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: सूजनरोधी आहार लें जैसे हल्दी, अदरक, अन्नानास, पपीता आदि।
, ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध आहार जैसे मछली, अखरोट, समुद्री सिवार, और सोयाबीन।
, पकाते समय वनस्पति तेल या मक्खन की जगह जैतून के तेल का प्रयोग करें क्योंकि जैतून के तेल में एक प्राकृतिक पदार्थ ओलियोकेन्थल होता है, जो सूजन को रोकने में सहायता करता है।
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