स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: सूजनरोधी आहार लें जैसे हल्दी, अदरक, अन्नानास, पपीता आदि।
, ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध आहार जैसे मछली, अखरोट, समुद्री सिवार, और सोयाबीन।
, पकाते समय वनस्पति तेल या मक्खन की जगह जैतून के तेल का प्रयोग करें क्योंकि जैतून के तेल में एक प्राकृतिक पदार्थ ओलियोकेन्थल होता है, जो सूजन को रोकने में सहायता करता है।
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स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द: रोकथाम और जटिलताएं

स्कैपुला स्ट्रेन – कंधे का दर्द – रोकथाम – उचित प्रकार के व्यायाम।.

ऑस्टियोपोरोसिस – कमजोर हड्डियाँ: प्रमुख जानकारी और निदान

ओस्टियोपोरोसिस ऐसा रोग है जो हड्डियों को उस बिंदु तक पतला और कमजोर कर देता है कि वे भंगुर हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं। अक्सर इसे मूक रोग कहा जाता है।.

ऑस्टियोपोरोसिस – कमजोर हड्डियाँ: लक्षण और कारण

ऑस्टियोपोरोसिस – कमजोर हड्डियाँ – लक्षण – जोड़ों का दर्द। खड़े होने में कठिनाई। सीधे बैठने में कठिनाई।. ऑस्टियोपोरोसिस – कमजोर हड्डियाँ – कारण – हार्मोन सम्बन्धी समस्याएँ। पोषणरहित आहार। औषधियाँ। अत्यधिक धूम्रपान या मदिरापान।.

ऑस्टियोपोरोसिस – कमजोर हड्डियाँ: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ऑस्टियोपोरोसिस – कमजोर हड्डियाँ – आहार – लेने योग्य आहार कैल्शियम हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने वाला प्रमुख पोषक तत्व है। कैल्शियम के उत्तम भोज्य स्रोतों में हैं:: डेरी: डेरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर कैल्शियम से समृद्ध होते हैं।
, भाजी और हरी सब्जियाँ: कई सब्जियाँ, विशेषकर हरी पत्तेदार सब्जियाँ, कैल्शियम का समृद्ध स्रोत हैं। शलजम की सब्जी, सरसों का साग, कोलार्ड की सब्जी, केल, रोमैन लेट्यूस, अजमोदा, ब्रोकोली, धनिया, पत्तागोभी, समर स्क्वाश, हरी फलियाँ, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, अस्पार्गस, और क्रिमिनी मशरुम का सेवन करें।
, औषधीय वनस्पतियाँ और मसाले: कैल्शियम के हलके किन्तु स्वादिष्ट प्रभाव के लिए, अपने भोजन में तुलसी, पुदीना, सौंफ के बीज, दालचीनी, पेपरमिंट की पत्तियों, लहसुन, अजवाइन, रोजमेरी, और अजमोदा का प्रयोग करें।
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ऑस्टियोपोरोसिस – कमजोर हड्डियाँ: रोकथाम और जटिलताएं

ऑस्टियोपोरोसिस – कमजोर हड्डियाँ – रोकथाम – जीवनशैली की स्वस्थ आदतें जैसे उचित आहार, व्यायाम और औषधियों द्वारा चिकित्सा से हड्डियों में आगे होने वाली क्षति रूकती है और फ्रैक्चर का खतरा कम होता है।.

लम्बर स्पोंडिलोसिस: प्रमुख जानकारी और निदान

लम्बर स्पोंडिलोसिस कमर के जोड़ों (मेरुदंड के सम्बंधित हिस्से) में आम, उम्र सम्बन्धी ह्रास को समझाने के लिए उपयोग किया जाने वाला चिकित्सीय शब्द है।.

लम्बर स्पोंडिलोसिस: लक्षण और कारण

लम्बर स्पोंडिलोसिस – लक्षण – कमर में दर्द, पिन और सुइयाँ चुभना।. लम्बर स्पोंडिलोसिस – कारण – जीवनशैली, बार-बार पड़ने वाला दबाव और चोट तथा आयु।.

लम्बर स्पोंडिलोसिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

लम्बर स्पोंडिलोसिस – आहार – लेने योग्य आहार: सब्जियों के सलाद, ताजे फल, साबुत अनाज से निर्मित विभिन्न दलिया, फलियाँ, भूरा चावल, दही, मलाई निकला दूध, भुना आलू, केले, सेब, खजूर, अंजीर, लहसुन, तिल, और धनिया अधिक मात्रा में खाएँ। कम वसा, उच्च रेशे और कम प्रोटीनयुक्त आहार श्रेष्ठ होता है। विटामिन बी काम्प्लेक्स और विटामिन सी लेने की सलाह दी जाती है।
, कच्ची सब्जियाँ जैसे टमाटर, गाजर, पत्तागोभी, ककड़ी, मूली, लेट्यूस, फूलगोभी, पालक और ताजे फल का सेवन दर्द को दूर करने में सहायता करता है।
, कड़वे स्वाद वाली सब्जियाँ जैसे नीम की पत्तियाँ और फूल, करेला और सहजन स्पोंडिलोसिस से आराम प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं।
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लम्बर स्पोंडिलोसिस: रोकथाम और जटिलताएं

लम्बर स्पोंडिलोसिस – रोकथाम – स्वस्थ बने रहने हेतु आवश्यक योजना में नियमितता रखें। वजन कम करें। स्वास्थ्यवर्धक आहार लें।.