वर्टिगो (सिर चकराना): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

वर्टिगो (सिर चकराना) – आहार – लेने योग्य आहार: तरल पदार्थो की पर्याप्त मात्रा लें।
, अदरक।
, होल ग्रेन ब्रेड और फलियाँ।
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वर्टिगो (सिर चकराना): रोकथाम और जटिलताएं

वर्टिगो (सिर चकराना) – रोकथाम – अपने सिर को सामान्य से अधिक ऊँचाई पर रखकर सोएँ। बिस्तर पर, प्रभावित हिस्से की तरफ लेटने से बचें। खेलकूद की गतिविधियों से बचें।.

विटामीन बी12 की कमी: रोकथाम और जटिलताएं

विटामीन बी12 की कमी – रोकथाम – विटामीन बी12 की कमी से विटामीन बी12 युक्त आहार लेकर बचें. शाकाहारियों को बी12 युक्त मल्टीविटामिन और विटामिन बी12 की शक्ति से परिपूर्ण आहार लेना चाहिए.

विटामीन बी12 की कमी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

विटामीन बी12 की कमी – आहार – लेने योग्य आहार: दूध और दूध उत्पाद विटामिन बी12 के अच्छे स्रोत हैं। इनमें पोल्ट्री उत्पाद, मछली, फलियाँ, पनीर, अंडे और मेवे भी आते हैं। मछली और रेड मीट विटामिन बी12 के उत्तम स्रोत हैं। पोल्ट्री और अण्डों में भी विटामिन बी12 होता है।

विटामीन बी12 की कमी: लक्षण और कारण

विटामीन बी12 की कमी – लक्षण – साँस की कमी। वजन में गिरावट। हाथों, पैरों और पंजों झुनझुनी या सनसनाहट। सोचने और तर्क में कठिनाई।. विटामीन बी12 की कमी – कारण – शुद्ध शाकाहारी जो पशु या डेरी उत्पाद नहीं लेते। परनिसियस एनीमिया। वे ड्रग जो विटामिन B12 के अवशोषण में अवरोध करते हैं।.

विटामीन बी12 की कमी: प्रमुख जानकारी और निदान

विटामिन बी12 जीवन के लिए आवश्यक है। यह डीएनए (आनुवांशिक पदार्थ) के संश्लेषण के लिए और लाल रक्त कणिकाओं तथा तंत्रिका तंत्र के उचित कार्य करने हेतु आवश्यक है।.

ट्यूबरक्लोसिस: रोकथाम और जटिलताएं

ट्यूबरक्लोसिस रोकथाम – बीसीजी का टीका लगवाएँ। धूम्रपान त्यागें। उचित स्वच्छता बनाए रखें।.

ट्यूबरक्लोसिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ट्यूबरक्लोसिस आहार – लेने योग्य आहार: वे आहार जो शरीर को टी.बी. संक्रमण से मुकाबले के लायक बनाते हैं उनमें दूध, फल और सब्जियाँ आते हैं। स्ट्रॉबेरी पोटैशियम, विटामिन और खनिजों से भरीपूरी होती है, जिनसे प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और रोग से लड़ने की शक्ति मिलती है। सीताफल टीबी की घरेलु चिकित्सा में प्रयुक्त होता है, जिसमें गूदे को पानी के साथ उबालकर बने आहार को प्रतिदिन लिया जाता है।

ट्यूबरक्लोसिस: लक्षण और कारण

ट्यूबरक्लोसिस लक्षण – अत्यंत खाँसी, छाती में दर्द, साँस लेने में कमी, बुखार और कंपकंपी, वजन में गिरावट. ट्यूबरक्लोसिस कारण – ट्यूबरक्लोसिस रोग बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस द्वारा होता है, जो संक्रमित व्यक्ति द्वारा हवा में उत्सर्जित सूक्ष्म कणों के संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित होता है।.

ट्यूबरक्लोसिस: प्रमुख जानकारी और निदान

ट्यूबरक्लोसिस एक क्रोनिक संक्रमण से होने वाली बीमारी है जो शुरुआत में फेफड़ों को संक्रमित करती है। यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया द्वारा होती है। यह रक्त प्रवाह में मिलकर अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।.