शिशु देखभाल के घरेलू उपाय

सामान्य विकास और प्रगति के लिए शिशुओं और बच्चों को पर्याप्त संख्या में कैलोरीज और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। शिशुओं को प्रतिदिन शरीर के प्रत्येक किलो वजन के लिए 90 से 120 कैलोरीज की आवश्यकता होती है। बच्चों को 1800 कैलोरीज प्रतिदिन की आवश्यकता होती है।

कब्ज़ और पाचन तंत्र को ठीक करने के 32 आसान घरेलु उपचार

टमाटर और आलू के रस में कुछ विशेष गुण होते हैं। ये रस चश्मे के निशानों को तेजी से साफ़ करते हैं, लेकिन आपको इन्हें रोज लगाना होगा। अपने दाग, धब्बों पर हमेशा ताजा कटे टमाटर या आलू लगाएँ। इसमें कुछ एसिड का प्रभाव होता है। दाग/धब्बों पर जब तक रख सकें, रखें। फिर हटाएँ और धो लें। यह क्रिया कुछ दिनों में आपकी नाक के निशानों को साफ कर देती है।

मधुमेह में आहार और देखभाल के घरेलू उपाय

शुगर की बीमारी से निपटने में इन्सुलिन के स्तर के महत्व को सभी जानते हैं। आहार के रूप में भीतर लेने पर, वर्जिन नारियल तेल इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाता है जो शरीर में ग्लूकोस के उपयोग में मदद करता है।

अंडे के पोषक तत्व

आँखों के आस-आस की झुर्रियों के लिए, अंडे का सफ़ेद हिस्सा लगाएँ, सूखने तक लगाए रहें और ठन्डे पानी से धो डालें। इसे प्रतिदिन या एक दिन छोड़कर करें।

लहसुन के स्वास्थ्य टिप्स-कोलेस्ट्रॉल

लहसुन अत्यंत शक्तिशाली जीवाणु नाशक है। यह बुढ़ापा लाने की प्रक्रिया को धीमा करती है, ऊतकों को पुनर्जीवित करती है और उच्च रक्तचाप को भी कम करती है।

सूजन कम करने वाले आहारों की जानकारी

अदरक दमा का समय-सिद्ध उपचार है। इसके सूजनरोधी गुण हवा आने-जाने के मार्ग की सूजन कम करने में मदद करते हैं और उन्हें सिकुड़ने से रोकते हैं। अदरक के रस, अनार के रस और शहद को समान मात्रा में मिलाएँ। अपने बच्चे को इस मिश्रण की 1 बड़ी चम्मच भर कर दिन में तीन बार दें।

इन्सुलिन सम्बन्धी स्वास्थ्य टिप्स

सेब घुलनशील रेशे, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनमें पेक्टिन भी होता है जो शरीर के विषैले तत्वों और नुकसान करने वाले व्यर्थ पदार्थों को बाहर करता है और शुगर के रोगियों की इन्सुलिन आवश्यकता को 35% तक घटाता है।

विटामिन सी से समृद्ध आहार

अपने प्रतिदिन की खुराक में केला शामिल करना आपके शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी है। केले आपको आपके वजन कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में, आपकी आँतों को स्वस्थ रखने में, हृदय की लय बनाए रखने वाले पोषक तत्व प्रदान करने में और नेत्र-स्वास्थ्य हेतु आवश्यक विटामिन देने में मदद करते हैं।

कैल्शियम से भरपूर आहार

सोडियम की अधिक मात्रा वाले आहार रक्तचाप और आपके मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाते हैं। इसके कारण गुर्दे की पथरी होती है और मूत्र में प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जिसके कारण गुर्दे के रोग होते हैं। गुर्दे की पथरी के खतरे को कम करने के लिए कम सोडियम युक्त आहार लें, इसे पोटैशियम के सेवन से संतुलित करें। रोजाना 5 ग्राम से अधिक नमक लेने की सलाह नहीं दी जाती।

रेशेदार आहार

रेशे से समृद्ध आहार जैसे ब्राउन ब्रेड, दालें और अनाज अधिक मात्रा में लें। हमें प्रतिदिन लगभग 40 ग्राम रेशा लेने की आवश्यकता होती है। रेशा शरीर द्वारा कोलेस्ट्रॉल के हजम किये जाने को रोकता है। यह कब्ज और आंत के सिरे तथा मलाशय के कैंसर से बचाव करता है। यह दिल की नसों के रोगों के विरुद्ध सहायक है।