एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव) – आहार – लेने योग्य आहार: पोटैशियम आपके शरीर में तरल पदार्थों का नियंत्रण करता है, पर्याप्त पोटैशियम के बिना, आपके शरीर में जल की मात्रा कम होने का खतरा हो सकता है, और इसके कारण आपके शरीर के साथ नाक में स्थित ऊतक भी शुष्क हो सकते हैं, और ये नाक से खून निकलने की शुरुआत कर सकते हैं। इसलिए अपने आहार में पोटैशियम युक्त वस्तुएँ जैसे केले, एवोकेडो, और टमाटर शामिल करें। रक्तवाहिनियों को मजबूत करने के लिए विटामिन सी महत्त्वपूर्ण है, इनमें वे रक्तवाहिनियाँ भी हैं जो नाक के भीतर होती हैं और नाक से रक्तस्राव की शुरुआत कर सकती हैं। विटामिन सी से समृद्ध आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मिर्च, ब्रोकोली, बेरियाँ, खट्टे फल आदि लें। रक्त की कमी, जो कभी-कभी रक्त की हानि से उत्पन्न होती है, रक्ताल्पता उत्पन्न कर सकती है। इस स्थिति को थकावट कहते हैं और रक्तस्राव के बढ़े खतरे के कारण घाव आसानी से होते हैं। ऑर्गन मीट, रेड मीट, समुद्री आहार, साबुत अनाज ये सभी आयरन से समृद्ध होते हैं।
लेखक: Dr. Rahul Ranjan
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव): रोकथाम और जटिलताएं
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव) – रोकथाम – अपनी नाक ना खुरचें। नाक को धीमे छिड़कें। यदि सर्दी के महीनों में आपके घर का भीतरी वातावरण शुष्क रहता हो तो ह्युमिडिफायर का प्रयोग करें।.
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव): प्रमुख जानकारी और निदान
नाक से खून बहना (एपिस्टेक्सिस)नाक की परतों के ऊतकों से होने वाली खून की हानि है।.
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव): लक्षण और कारण
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव) – लक्षण – आमतौर पर नोसब्लीड में नथुनों से खून आता है या गले के पिछले हिस्से में नीचे जाता है।. एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव) – कारण – नाक से रक्तस्राव के खतरे के सामान्य कारकों में हैं: भीतरी वातावरण का गर्म और शुष्क होना। ठण्ड और एलर्जी। उत्तेजक रसायनों की चपेट। नाक खुरचना।.
इओसिनोफिलिया: लक्षण और कारण
इओसिनोफिलिया लक्षण – इओसिनोफिलिया के लक्षणों में इसे उत्प्रेरित करने वाली स्थितियों के लक्षण ही आते हैं।. इओसिनोफिलिया कारण – इओसिनोफिलिया की उत्पत्ति की निश्चित कार्यप्रणाली आमतौर पर अस्पष्ट ही होती है।.
इओसिनोफिलिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
इओसिनोफिलिया आहार – लेने योग्य आहार अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें और सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त विटामिन और प्रोटीन प्राप्त कर रहे होने हरे पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों की खपत को बढा के। शहद, हल्दी, काली मिर्च, लहसुन, अदरक आपकी प्रतिरक्षा को मज़बूत करते हैं। खोज में पाया गया है कि इस बीमारी के प्रमुख कारणों में से एक खाद्य एलर्जी है। इसलिए उन खाद्य पदार्थों जिस से आपको एलर्जी होती हैं – उनसे परहेज़ करना बेहतर है।
इओसिनोफिलिया: रोकथाम और जटिलताएं
इओसिनोफिलिया रोकथाम – अपने हाथों को उचित प्रकार से धोएँ। सुरक्षित पानी पियें। यदि पानी की सुरक्षा सम्बन्धी संदेह है तो पानी को उबाल लें। सुरक्षित भोजन लें। कच्ची खाई जाने वाली सब्जियों को भली प्रकार धोकर प्रयोग करें।.
इओसिनोफिलिया: प्रमुख जानकारी और निदान
इओसिनोफिलिया एक चिकित्सीय शब्द है जो रक्त में या शरीर के ऊतकों में इओसिनोफिल्स की असामान्य मात्रा के बनने और इकठ्ठा होने को समझाता है।.
हर्सुटिस्म (अत्यधिक बाल): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
हर्सुटिस्म (अत्यधिक बाल) – आहार – लेने योग्य आहार: रक्तप्रवाह में इन्सुलिन की अधिक मात्रा संचारित एण्ड्रोजन और इन्सुलिन-समान वृद्धि कारकों में तेजी से वृद्धि करती है, जो महिलाओं में हर्सुटिस्म से जुड़े होते हैं। अधिकतर स्टार्चहीन सब्जियों, दालों और फलों की पाचन श्रेणी निम्न है। क्रोमियम इन्सुलिन की दक्षता को बढ़ाकर रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रखता है। यह इन्सुलिन प्रतिरोध, जो कि हर्सुटिस्म से अक्सर जुड़ा होता है, का सामना करता है। क्रोमियम के अच्छे स्रोत हैं रोमेन लेट्युस, प्याज, टमाटर साबुत अनाज, और आलू। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें-फल (जैसे जामुन, चेरी और टमाटर) और सब्जियाँ (जैसे कद्दू और शिमला मिर्च)।
हर्सुटिस्म (अत्यधिक बाल): रोकथाम और जटिलताएं
हर्सुटिस्म (अत्यधिक बाल) – रोकथाम – सामान्यतया हर्सुटिस्म को रोका नहीं जा सकता। लेकिन यदि आपको पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है, तो वजन घटाने से हर्सुटिस्म को कम करने में सहायता मिलती है।.