एनोस्मिया (घ्राणहीनता) सूंघने की शक्ति की आंशिक अथवा पूर्ण हानि है। आमतौर पर यह गंभीर नहीं होता।.
लेखक: Dr. Rahul Ranjan
घ्राणहीनता – सूंघ न पाना: लक्षण और कारण
घ्राणहीनता – सूंघ न पाना – लक्षण – सूंघने की क्षमता की हानि। सूंघने की क्षमता में कमी। स्वाद की क्षमता में विकार।. घ्राणहीनता – सूंघ न पाना – कारण – नाक अथवा साइनस (नाक के भीतरी छिद्र) की शल्यक्रिया अथवा उनमें रोग। प्राकृतिक रूप से उम्र का बढ़ना। ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण। विकिरण चिकित्सा।.
घ्राणहीनता – सूंघ न पाना: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
घ्राणहीनता – सूंघ न पाना – व्यायाम – पसीना नाक के भीतर के अवरोध को खोलता है, इसलिए नाक में भरा हुआ लगने के एहसास को कम करने के लिये कुछ हलके व्यायाम करें।
घ्राणहीनता – सूंघ न पाना: रोकथाम और जटिलताएं
घ्राणहीनता – सूंघ न पाना – रोकथाम – प्रदूषण युक्त क्षेत्र में न रहें। धूम्रपान त्यागें। नाक का अवरोध खोलने वाली औषधियों का अत्यधिक प्रयोग नहीं करें।.
टखने में मोच: रोकथाम और जटिलताएं
टखने में मोच – रोकथाम – व्यायाम और मेहनती कार्य करने के पहले शरीर को वार्म-अप करके तैयार करें। सही ऊँचाई और तरीके के जूते पहनें, ऊँची एड़ी के जूते न पहनें।.
टखने में मोच: लक्षण और कारण
टखने में मोच – लक्षण – दर्द, सूजना और फूलना, शरीर के प्रभावित हिस्से में गति की हानि. टखने में मोच – कारण – खेल और शारीरिक चुस्ती की गतिविधियाँ। किसी असमतल धरातल पर पैर रखना, या कोणयुक्त जगह से नीचे उतरना।.
टखने में मोच: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
टखने में मोच – आहार – लेने योग्य आहार: प्रोटीन से समृद्ध आहार जैसे पोल्ट्री उत्पाद, फलियाँ, डेरी उत्पाद, सोया और मीट, ये सुनिश्चित करते हैं कि शरीर को उचित मात्रा में प्रोटीन मिले ताकि चोटग्रस्त टखना ठीक हो सके।
, चोट सुधार की प्रक्रिया में शरीर की सहायता हेतु मछली बढ़िया आहार है।
, टखने की चोट को ठीक करने के लिए डेरी उत्पाद बहुत अच्छे होते हैं।
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टखने में मोच: प्रमुख जानकारी और निदान
स्प्रेन (मोच) टखनों को सहारा देने वाले स्नायुओं (लिगामेंट्स) में खिंचाव से आने वाली चोट है। टखने के बाहरी तरफ के स्नायु टखने के मुड़ने के कारण सबसे आसानी से चोटग्रस्त होते हैं।.
ऊँचाई की बीमारी (पहाड़ों पर जी मिचलाना): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
ऊँचाई की बीमारी (पहाड़ों पर जी मिचलाना) – आहार – लेने योग्य आहार: कार्बोहायड्रेट अधिक मात्रा में लें जिनमें ब्रेड, दलिया, अनाज और पास्ता आते हैं।
, तरल पदार्थ अधिक पीएँ।
, विटामिन E और खनिज तत्व जैसे सेलेनियम।
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ऊँचाई की बीमारी (पहाड़ों पर जी मिचलाना): रोकथाम और जटिलताएं
ऊँचाई की बीमारी (पहाड़ों पर जी मिचलाना) – रोकथाम – कार्बोहायड्रेट से समृद्ध आहार अधिक मात्रा में लें। विश्राम करें और तरल पदार्थ अधिक मात्रा में पीएँ।.