मेलेनोमा आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन डी के सेवन को बढ़ाने से मेलेनोमा के ट्यूमर की आक्रामकता कम होती है। विटामिन डी शक्तियुक्त दूध, अंडे, मछली, शक्तियुक्त दही, दलिया और मछली के लिवर के तेल में पाया जाता है। केरेटोनॉइड का अधिक मात्रा में सेवन मेलेनोमा के खतरे को कम करता है। कद्दू, केंटालूप, गाजर, लाल शिमला मिर्च, पपीता और विंटर स्क्वाश (कद्दू का एक अन्य प्रकार) ये सभी केरेटोनॉइड के स्रोत हैं। साबुत अनाज, वसायुक्त मछली, और अंगों का माँस ये सभी कोएंजाइम क्यू10, यह एक रासायनिक यौगिक होता है जो हानिकारक, रोग उत्पन्न करने वाले मुक्त कणों को नष्ट करता है, के अच्छे स्रोत होते हैं।
लेखक: Dr. Rahul Ranjan
मेलेनोमा: रोकथाम और जटिलताएं
मेलेनोमा रोकथाम – सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे के बीच धूप का सामना ना करें। इस अवधि के दौरान सूर्य की किरणें सर्वाधिक तीव्र होती हैं। बचाव करने वाले कपड़े पहनें। अपनी भुजाएँ और पैरों को ढकें। धूप में जाने के 30 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएँ।.
टीनिया वर्सीकोलर: लक्षण और कारण
टीनिया वर्सीकोलर – लक्षण – प्रभावित क्षेत्रों में तीव्र खुजली। शुष्क और पपड़ीदार निशान। धीरे-धीरे बढ़ते हुए धब्बे।. टीनिया वर्सीकोलर – कारण – टीनिया वर्सीकोलर उत्पन्न करने वाली फफूंद स्वस्थ त्वचा पर पाई जा सकती है। यह केवल तब समस्या उत्पन्न करती है जब फफूंद की अत्यधिक वृद्धि हो जाती है।.
टीनिया वर्सीकोलर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
टीनिया वर्सीकोलर – आहार – लेने योग्य आहार: आहार में कच्ची सब्जियाँ और फल, साबुत अनाज जैसे ब्रोकोली, हरी फलियाँ, हरी पत्तेदार सब्जियाँ शामिल करें। कच्चे कद्दू के बीज, शक्करकंद, प्याज, खट्टे फल आदि टीनिया वर्सीकोलर के उपचार हेतु बढ़िया हैं। साबुत अनाजों के विभिन्न प्रकार जैसे चावल, पास्ता, ओटमील आदि बढ़िया विकल्प होते हैं।
टीनिया वर्सीकोलर: रोकथाम और जटिलताएं
टीनिया वर्सीकोलर – रोकथाम – अत्यधिक गर्मी में ना रहें। टैनिंग (त्वचा के रंग का गहरा होना) ना होने दें या सूर्य के प्रकाश का अत्यधिक सामना ना करें। अत्यधिक पसीना ना निकलने दें।.
टीनिया वर्सीकोलर: प्रमुख जानकारी और निदान
टीनिया वर्सिकोलर जिसे टिरिआसिस वर्सिकोलर के नाम से भी जाना जाता है, त्वचा पर फफूंद द्वारा उत्पन्न संक्रमण है, जो गर्दन, छाती, पीठ और भुजाओं पर निशानों द्वारा प्रदर्शित होता है।.
कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): रोकथाम और जटिलताएं
कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – रोकथाम – उचित वजन बनाए रखें। स्वास्थ्यवर्धक आहार लें। व्यायाम नियमित करें।.
कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार: सब्जियाँ जैसे टमाटर (क्षार-उत्पन्न करने वाले आहार), गाजर, पालक, चुकंदर, आलू और ककड़ी। पास्ता, सादा दही,
कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): लक्षण और कारण
कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – लक्षण – तीखा, ऐंठनयुक्त या मंद दर्द। पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में लगातार बना हुआ दर्द। पेट दर्द जो दाएँ कंधे और पीठ तक फ़ैल जाता है। मतली और उल्टी।. कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – कारण – पित्त की पथरी। ट्यूमर (गांठ), पित्तनलिका में अवरोध।.
कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान
कोलीसिस्टाइटिस अर्थात पित्ताशय (गालब्लैडर) की सूजन।.