सिलिअक रोग – आहार – लेने योग्य आहार: ग्लूटेन रहित और पोषण युक्त आहार लेने चाहिए। कैल्शियम युक्त आहारों में दूध, दही, पनीर, मछली, ब्रोकोली, कोलार्ड ग्रीन, बादाम, कैल्शियम की शक्तियुक्त रस, और चौलाई। आयरन समृद्ध आहारों में मीट, मछली, चिकन, फलियाँ, मेवे, गिरियाँ, अंडे और चौलाई आदि आते हैं।
लेखक: Dr. Rahul Ranjan
सिलिअक रोग: रोकथाम और जटिलताएं
सिलिअक रोग – रोकथाम – ग्लूटेन रहित आहार लेकर सिलिअक रोग के उभरने को रोक सकते हैं।.
सिलिअक रोग: प्रमुख जानकारी और निदान
सिलिअक डिजीज जिसे सिलिअक स्प्रू या ग्लूटेन-संवेदी आंतरोग भी कहा जाता है, पाचन और स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो ग्लूटेन युक्त भोजन लेने के परिणामस्वरूप छोटी आंत की परतों की क्षति के रूप में दिखाई पड़ता है।.
सिलिअक रोग: लक्षण और कारण
सिलिअक रोग – लक्षण – अपच, मंद पेटदर्द। पेट फूलना। कभी-कभी आंत की प्रवृत्ति में बदलाव होना, जैसे मंद अतिसार या कब्ज के प्रकरण।. सिलिअक रोग – कारण – सिलिअक डिजीज स्व-प्रतिरक्षी स्थिति है जो ग्लूटेन प्रोटीन, जो कि ब्रेड, पास्ता, दलिया और बिस्कुट में पाया जाता है, के लिए असामान्य प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया से उत्पन्न होती है।.
मायेस्थेनिया ग्रेविस: रोकथाम और जटिलताएं
मायेस्थेनिया ग्रेविस – रोकथाम – धीमे-धीमे खाएँ और कौर लेने में विराम लें। आँख पर सुरक्षा पट्टी पहनें। अत्यंत गर्म तापमान से बचाव करें। धूम्रपान ना करें।.
मायेस्थेनिया ग्रेविस: प्रमुख जानकारी और निदान
मायेस्थेनिया ग्रेविस (एमजी) दीर्घकालीन स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो माँसपेशियों को कमजोर कर देता है। यह नाम ग्रीक और लैटिन भाषा के शब्दों से बना है जिनका अर्थ है “महत्वपूर्ण माँसपेशियों की कमजोरी”।.
मायेस्थेनिया ग्रेविस: लक्षण और कारण
मायेस्थेनिया ग्रेविस – लक्षण – कमजोर माँसपेशियाँ। कमजोरी जो आराम करने से ठीक हो जाती है और शारीरिक गतिविधि के बाद अधिक बदतर हो जाती है। दृष्टि सम्बन्धी अवरोध जैसे दोहरा दिखाई देना, दृष्टि को स्थिर कर पाने की असमर्थता और निर्जीव पलकें। थकावट. मायेस्थेनिया ग्रेविस – कारण – मायेस्थेनिया ग्रेविस माँसपेशियों को तंत्रिकाओं के संकेतों के प्रसारण सम्बन्धी समस्या से उत्पन्न होता है। यह स्व-प्रतिरक्षी स्थिति है अर्थात इसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अपने शरीर के ही ऊतकों पर आक्रमण करता है।.
मायेस्थेनिया ग्रेविस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
मायेस्थेनिया ग्रेविस – आहार – लेने योग्य आहार: प्रोटीन से समृद्ध आहार जैसे फलियाँ, काबुली चने, आर्गेनिक फ्री-रेंज चिकन, कच्चे बादाम, कच्चे मेवे, सूरजमुखी के बीज, अखरोट, बादाम युक्त मख्खन/कच्चे बादाम युक्त मख्खन। सब्जियाँ/औषधीय गुणों वाली वनस्पति जैसे केल, पालक, लेट्यूस, ककड़ी, अजमोदा, प्याज, लहसुन, धनिया, अजवाइन, अदरक, हल्दी, टमाटर, कद्दू (बटरनट, स्पागेटी, केबोचा), जड़युक्त सब्जियाँ (चुकंदर, शलजम, गाजर, रूटाबेगा, शक्करकंद)। सुगंधित मसाले जैसे एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून का तेल/नारियल का तेल, मिर्च, हल्दी, अदरक, इलायची, सेब का सिरका।
डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – आहार – लेने योग्य आहार: शरीर से बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए स्वच्छ किया हुआ पानी अधिक मात्रा में पियें। इस स्थिति में ताजे रस जैसे गाजर का रस, ताजा नारियल पानी और अन्य फलों का रस अत्यंत उपयोगी होता है। फल जैसे कि सेब, अंगूर, आडू और आलूबुखारा दिये जा सकते हैं।
डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग): रोकथाम और जटिलताएं
डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – रोकथाम – अपने उत्तेजना के खतरे को घटाने के लिए कृत्रिम गंध युक्त डिटर्जेंट और शौचालय/स्नानागार में प्रयुक्त होने वाले पदार्थों को दूर कर दें। मूत्राशय को उत्तेजित करने वाले भोज्य पदार्थ और पेयों को हटाने के लिए अपने आहार को संशोधित करें।.