डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – आहार – लेने योग्य आहार: शरीर से बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए स्वच्छ किया हुआ पानी अधिक मात्रा में पियें। इस स्थिति में ताजे रस जैसे गाजर का रस, ताजा नारियल पानी और अन्य फलों का रस अत्यंत उपयोगी होता है। फल जैसे कि सेब, अंगूर, आडू और आलूबुखारा दिये जा सकते हैं।
लेखक: Dr. Rahul Ranjan
डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग): रोकथाम और जटिलताएं
डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – रोकथाम – अपने उत्तेजना के खतरे को घटाने के लिए कृत्रिम गंध युक्त डिटर्जेंट और शौचालय/स्नानागार में प्रयुक्त होने वाले पदार्थों को दूर कर दें। मूत्राशय को उत्तेजित करने वाले भोज्य पदार्थ और पेयों को हटाने के लिए अपने आहार को संशोधित करें।.
डिस्पेप्सिया (अपच): रोकथाम और जटिलताएं
डिस्पेप्सिया (अपच) – रोकथाम – अत्यधिक मात्रा में ना खाएँ। धीमे-धीमे और नियमित रूप से खाएँ। चिकनाई युक्त, उच्च-वसा वाले भोजन ना लें। धूम्रपान ना करें।.
डिस्पेप्सिया (अपच): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
डिस्पेप्सिया (अपच) – आहार – लेने योग्य आहार: रसदार ताजे फल जैसे सेब, नाशपाती संतरे, ग्रेपफ्रूट, अन्नानास, अनार, आडू और तरबूज व खरबूज। गर्म चाय के साथ पेपरमिंट लेने से अपच ठीक होने में सहायता मिलती है। एक गिलास ठन्डा दूध लेने से पेट के भीतर की सूजी हुई परतों पर सुरक्षात्मक निर्माण होता है, जिससे आराम मिलता है।
डिस्पेप्सिया (अपच): प्रमुख जानकारी और निदान
डिस्पेप्सिया आपकी आंत के ऊपरी हिस्से में उत्पन्न हुई किसी समस्या के कारण आने वाली कई समस्याओं के लिए प्रयुक्त होने वाला एक शब्द है। इसे अपच या पेट में गड़बड़ के नाम से भी पहचाना जाता है।.
डिस्पेप्सिया (अपच): लक्षण और कारण
डिस्पेप्सिया (अपच) – लक्षण – पेट में या पेट के ऊपरी हिस्से में जलन। सीने में जलन (पेट में या आहारनली में जलन का एहसास)। पेटदर्द, पेट फूलना (भरे हुए होने का एहसास)।. डिस्पेप्सिया (अपच) – कारण – अपच बहुत अधिक खाने से, बहुत तेजी से खाने से, उच्च-वसा युक्त आहार खाने से, या तनावग्रस्त स्थितियों में खाने का परिणाम होता है।.
कलाई का दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
कलाई का दर्द – आहार – लेने योग्य आहार: ओमेगा 3 फैटी एसिड जोड़ों के दर्द और सूजन में सहायता करने वाले आहारों में आता है जो कि मछली, अखरोट और जैतून के तेल में पाया जाता है। गहरी हरी पत्तेदार सब्जियाँ, विटामिन सी और ई से समृद्ध आहार जिनमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, दर्द और सूजन के लिए उपयोगी अन्य आहारों में आते हैं। विटामिन सी के उत्कृष्ट स्रोतों में अजमोदा, ब्रोकोली, संतरे, स्ट्रॉबेरी, पपीता, फूलगोभी और केल आते हैं।
कलाई का दर्द: रोकथाम और जटिलताएं
कलाई का दर्द – रोकथाम – कलाइयों की गति वाली गतिविधियों में समय-समय पर विराम लेते रहें। शराब का सेवन सीमित करें। यदि आप अत्यधिक वजनी हैं तो वजन कम करें।.
कलाई का दर्द: लक्षण और कारण
कलाई का दर्द – लक्षण – मुट्ठी बाँधने या वस्तुओं को पकड़ने में कठिनाई। हाथों का सुन्न होने (सो जाने) का एहसास। एकाएक तीव्र दर्द।. कलाई का दर्द – कारण – कलाई के दर्द के दो प्रमुख कारण हैं कार्पेल टनल सिंड्रोम और कलाई के तंतुओं में सूजन का होना। ये दोनों समस्याएँ कलाई के अधिक प्रयोग और चोटों के कारण उत्पन्न हुई मानी जाती हैं।.
कलाई का दर्द: प्रमुख जानकारी और निदान
कलाई का दर्द अर्थात कलाई में कोई दर्द या असहजता। यह अत्यंत आम शिकायत है।.