पार्किन्सन्स: लक्षण और कारण

पार्किन्सन्स लक्षण – नियंत्रित गतिविथियों का धीमा पड़ना। चेहरे के भावों और आँखों के झपकने में कमी आना। बोलने में एकरूपता होना। पैर घसीटते हुए चलना।. पार्किन्सन्स कारण – यह विकार डोपामाइन उत्पन्न करने वाली तंत्रिका कोशिकाओं (डोपामिनर्जिक कोशिकाओं) की क्षति या उनके नष्ट होने से होता है, जो मस्तिष्क के लिए माँसपेशियों की गति पर नियंत्रण और संयोजन को कठिन कर देता है।.

पार्किन्सन्स: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पार्किन्सन्स आहार – लेने योग्य आहार: उच्च रेशा युक्त आहार जैसे सब्जियाँ, पकी हुई सूखी मटर और फलियाँ (दालें), साबुत अनाज के आहार, चोकर, दलिया, पास्ता, चावल और ताजे फल, पानी अधिक मात्रा में पियें। हलके, मृदु आहार लें (जैसे नमकीन क्रैकर्स या सादी ब्रेड)।

येलो फीवर (पीला बुखार): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

येलो फीवर (पीला बुखार) – आहार – लेने योग्य आहार वास्तव में पीले बुखार या पीत ज्वर वाले लोगों को हो सकता है भूख ही न लगे। भूख लगने के बावजूद उन्हें खाने की इच्छा नहीं होती। इसलिए आहार बिलकुल सदा होना चाहिए पर्याप्त काबोर्हाइड्रेट के साथ। दलिया (ओट मील का एक पतला तरल भोजन या दूध या पानी में उबला हुआ अन्य भोजन) अत्यधिक जरूरी है। फल (ज़्यादातर रस) और सब्जियां (उबली हुईं) पीले बुखार वाले लोगों में निर्जलीकरण आम है, पर्याप्त तरल पदार्थ पीने से मदद मिल सकती है। इनसे परहेज करे घी, मक्खन, क्रीम और तेल जैसे सभी वसा को कम से कम दो सप्ताह नज़र अंदाज़ करें, और उस के बाद मक्खन और जैतून के तेल को आहार में शामिल किया जा सकता है लेकिन उन्हें कम से कम मात्रा में लें। एक सामान्य वसा रहित काबोर्हाइड्रेट आहार, जो की सब्जी और फलों से प्राप्त किया जा सकता है लेना चाहिए। तेल, मसालेदार और मीठा भोजन भारी भोजन जैसे मछली, मुर्गी और मांस

येलो फीवर (पीला बुखार): रोकथाम और जटिलताएं

येलो फीवर (पीला बुखार) – रोकथाम – टीकाकरण, मच्छर रोधी वस्तुओं का प्रयोग करें। अपने शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें।.

येलो फीवर (पीला बुखार): प्रमुख जानकारी और निदान

येलो फीवर (पीत ज्वर-पीला बुखार) वायरस द्वारा उत्पन्न एक तीव्र हेमोरेजिक रोग है जो मनुष्यों में संक्रमित मच्छर के काटने से होता है।.

येलो फीवर (पीला बुखार): लक्षण और कारण

येलो फीवर (पीला बुखार) – लक्षण – बुखार, सिरदर्द, उल्टी, भूख ना लगना, नाक से खून आना. येलो फीवर (पीला बुखार) – कारण – वायरस (फ्लेविवायरस) जो एडिस एजिप्टी नामक मच्छर द्वारा फैलाया जाता है।.

वायरल फीवर: रोकथाम और जटिलताएं

वायरल फीवर – रोकथाम – पानी अधिक मात्रा में पियें। भीड़ भरे स्थान, सीधा संपर्क और वस्तुओं का बांटकर उपयोग ना करें। स्वच्छ रहें.

वायरल फीवर: प्रमुख जानकारी और निदान

वायरल फीवर कई वायरल संक्रमणों में किसी एक के द्वारा उत्पन होने वाला बुखार है।.

वायरल फीवर: लक्षण और कारण

वायरल फीवर – लक्षण – मतली और उल्टी, शरीर में दर्द, गले में खराश, आँखों में लालिमा, नाक से द्रव बहना. वायरल फीवर – कारण – हवायुक्त सूक्ष्म कणों को भीतर लेने से (छींक, खाँसी)। सीधा संपर्क, प्रदूषित जल और भोजन।.

वायरल फीवर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

वायरल फीवर – आहार – लेने योग्य आहार: अधिक से अधिक पानी पियें। फलों का ताजा निकला रस। सूप,