पीलिया: रोकथाम और जटिलताएं

पीलिया रोकथाम – पीलिया लिवर की कार्यक्षमता से जुड़ा है, इसलिए यह आवश्यक है कि आप इस महत्त्वपूर्ण अंग के स्वास्थ्य को संतुलित आहार लेकर, सप्ताह में पाँच बार 30-30 मिनट का व्यायाम करके, और शराब की सुझाई अत्यधिक मात्रा से दूर रहकर बनाए रखें।.

पीलिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पीलिया आहार – लेने योग्य आहार: सब्जियों का ताजा निकला रस (चुकंदर, मूली, गाजर, और पालक), फलों का रस (संतरा, नाशपाती, अंगूर और नीबू) और सब्जियों का शोरबा। ताजे फल, जैसे सेब, अन्नानास, अंगूर, नाशपाती, संतरे, केले, पपीता, आदि। खासकर अन्नानास विशेष रूप से उपयोगी होता है। पीलिया के उपचार हेतु जौ का पानी, नारियल का पानी अत्यंत प्रभावी होते हैं।

पीलिया: लक्षण और कारण

पीलिया लक्षण – पीलिया का सर्वव्यापी लक्षण है त्वचा और आँखों के सफ़ेद हिस्से (स्क्लेरा) पर पीलापन होना। आमतौर पर इस पीलेपन की शुरुआत सिर से होती है और पूरे शरीर पर फ़ैल जाती है।. पीलिया कारण – पीलिया तब होता है जब सामान्य मेटाबोलिज्म की कार्यक्षमता में अवरोध हो या बिलीरुबिन का उत्सर्जन हो।.

पीलिया: प्रमुख जानकारी और निदान

पीलिया अर्थात त्वचा और आँखों का पीला होना है.

बेरेट्स इसोफेगस: रोकथाम और जटिलताएं

बेरेट्स इसोफेगस – रोकथाम – अपने भोजन में परिवर्तन करें। वसायुक्त आहार, चॉकलेट, कैफीन, मसालेदार आहार, और पेपरमिंट एसिड के वापस लौटने को बढ़ाते हैं। शराब, कैफीनयुक्त पेय और तम्बाकू ना लें। वजन घटाएँ। वजन का अधिक होना एसिड वापस लौटने के खतरे को बढ़ाता है। बिस्तर के सिरे को ऊँचा रखकर सोएँ।.

बेरेट्स इसोफेगस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

बेरेट्स इसोफेगस – आहार – लेने योग्य आहार: एंटीऑक्सीडेंट की प्रचुरता युक्त आहार जैसे मटर, गाजर, सेब, स्क्वेश, या ब्रोकोली को शामिल करें। अपने ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा को मछली, अखरोट, अलसी के ताजे बीज और सोया पदार्थों के सेवन से बढ़ाएं। स्वास्थ्यवर्धक आहार जैसे साबुत अनाज और दलिया, वसारहित डेरी उत्पाद, फल और सब्जियाँ, और पोल्ट्री उत्पाद तथा मछली।

बेरेट्स इसोफेगस: लक्षण और कारण

बेरेट्स इसोफेगस – लक्षण – बार-बार होने वाली सीने की जलन। भोजन निगलने में कठिनाई और दर्द। छाती में दर्द।. बेरेट्स इसोफेगस – कारण – लम्बे समय से बना हुआ जीईआरडी खतरे का प्राथमिक सूचक है।.

बेरेट्स इसोफेगस: प्रमुख जानकारी और निदान

बेरेट्स इसोफेगस ऐसी स्थिति है जिसमें इसोफेगस (आहारनलिका), माँसपेशियों से बनी नली जो आहार और तरल पदार्थों को मुँह से पेट तक ले जाती है, के ऊतकों की परतें आंतों की परतों से मिलते-जुलते ऊतकों द्वारा विस्थापित कर दी जाती हैं। इस प्रक्रिया को इन्टेस्टीनल मेटाप्लेसिया कहते हैं।.

मायोफेशियल पैन सिंड्रोम: रोकथाम और जटिलताएं

मायोफेशियल पैन सिंड्रोम – रोकथाम – अपनी भंगिमा सुधारें। अपना शारीरिक वजन कम करें। व्यायाम नियमित करें।.

मायोफेशियल पैन सिंड्रोम: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मायोफेशियल पैन सिंड्रोम – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: अलसी के तेल और प्रिमरोस तेल में आवश्यक फैटी एसिड्स होते हैं। आवश्यक फैटी एसिड्स प्राकृतिक सूजन-रोधी तत्वों की तरह कार्य करते हैं। अनाज, फल और सब्जियाँ,