आर्थराइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

आर्थराइटिस आहार – लेने योग्य आहार: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से समृद्ध आहार- समुद्री मछली, अलसी, अखरोट, समुद्री शैवाल, और सोयाबीन्स, भोजन पकाने में वनस्पति तेल या मक्खन के स्थान पर जैतून का तेल प्रयोग करें क्योंकि इसमें एक प्राकृतिक कम्पाउंड ओलियोकेंथल होता है जो आर्थराइटिस सम्बन्धी सूजन को रोकने में सहायक हो सकता है. विटामिन सी से समृद्ध आहार- अमरुद, शिमला मिर्च, संतरे, अंगूर, स्ट्रॉबेरीज, अन्नानास, कोल्हाबी, पपीता, नीबू, ब्रोकोली, केल(एक प्रकार की गोभी), आलू और ब्रसल अंकुरित आहार,

आर्थराइटिस: रोकथाम और जटिलताएं

आर्थराइटिस रोकथाम – शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए नियमित व्यायाम करें, वजन को नियंत्रित रखें, अपने जोड़ों को चोट से बचाएँ, अल्कोहल लेने की मात्रा सीमित करें, धूम्रपान त्यागें.

आर्थराइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

आर्थराइटिस जोड़ों जैसेकि कोहनी का जोड़, घुटने का जोड़ आदि के बहुकालीन दर्द की स्थिति है..

आर्थराइटिस: लक्षण और कारण

आर्थराइटिस लक्षण – प्रभावित जोड़ का दर्द, सूजन और लालिमा, जोड़ को घुमाने में कठिनाई. आर्थराइटिस कारण – चोट, अपने प्रतिरक्षा तंत्र में अनियमितता, मोटापा, अनुवांशिकता.

गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार तीव्र और दीर्घ दोनों स्थितियों में रोगी को आहार का लंघन करना चाहिए।: लंघन के दौरान फलों का रस लिया जा सकता है।
, फलों के रस में 5 घंटों का अन्तराल होना चाहिए।
, 6 औंस पालक के रस के साथ 10 औंस गाजर का रस मिलाकर लेना चाहिए।
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गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन): रोकथाम और जटिलताएं

गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) – रोकथाम – उत्तेजित करने वाली दवाएँ ना लें। शराब और धूम्रपान ना करें। स्वच्छ रहें.

गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान

गेस्ट्राइटिस पेट की परतों में सूजन, उत्तेजन या क्षय होने को कहा जाता है। यह एकाएक या धीमे-धीमे हो सकता है।.

गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन): लक्षण और कारण

गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) – लक्षण – मतली, उल्टी, डकार आना, पेट फूलना, भूख कम लगना, अपच, शीघ्र संतृप्ति. गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) – कारण – हेलिकोबेक्टर पाइलोरी द्वारा उत्पन्न संक्रमण। औषधियाँ, रोग.

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी): प्रमुख जानकारी और निदान

व्हूपिंग कफ़ (कुकर खाँसी) फेफड़ों और फेफड़ों के भीतर हवा आने जाने के मार्ग का अत्यंत संक्रामक रोग है जिसमें तीव्र खाँसी के कई दौर होते हैं।.

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी): लक्षण और कारण

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी) – लक्षण – नाक से द्रव बहना। बलगम युक्त खाँसी। आँखों में पानी, खाँसी के बाद उल्टी, गले में खराश, श्वास लेने में कठिनाई. व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी) – कारण – बैक्टीरिया, यह एक संक्रामक रोग है।.