बच्चों के गले में संक्रमण – रोकथाम – अल्कोहल आधारित हाथ स्वच्छ करने वाले पदार्थों से हाथ स्वच्छ करना, हाथों को आसानी से जीवाणुमुक्त करने में सहायता करता है। खांसते या छींकते समय मुँह को ढँकने के लिए टिश्यू का प्रयोग किया जाना चाहिए।.
लेखक: Tejesvi Reddy (Pharmacologist)
बच्चों के गले में संक्रमण: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों के गले में संक्रमण – आहार – लेने योग्य आहार: केले, चिकन सूप, नीबू शहद मिला हुआ रस,, आमलेट या अंडे का सफ़ेद हिस्सा। अदरक या शहद की चाय।
बच्चों के गले में संक्रमण: लक्षण और कारण
बच्चों के गले में संक्रमण – लक्षण – बुखार, कंपकंपी, निशान, सिरदर्द। गले के क्षेत्र के आसपास लाल और सफ़ेद धब्बे। निगलने में कठिनाई।. बच्चों के गले में संक्रमण – कारण – वायरस और बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न संक्रमण।.
बच्चों के गले में संक्रमण: प्रमुख जानकारी और निदान
स्ट्रेप थ्रोट गले के पिछले हिस्से, टॉन्सिल्स और कभी-कभी एडेनोइड में होने वाली सूजन को कहते हैं।.
बच्चों में साइनोसाइटिस: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों में साइनोसाइटिस – रोकथाम – हर साल इन्फ्लुएंजा का टीका लगवाएँ। अपने हाथों को बार-बार, खासकर लोगों से हाथ मिलाने के बाद, जरूर धोएँ। शरीर में नमी बढ़ाने के लिए तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन।.
बच्चों में साइनोसाइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों में साइनोसाइटिस – आहार – लेने योग्य आहार निम्नलिखित आहार सूजन को कम कर सकते और रोक सकते हैं:: गर्म तरल और सूप का अधिक सेवन। मछली में उपस्थित ओमेगा 3 फैटी एसिड लाभकारी होता है। टार्ट चेरी और हल्दी।
बच्चों में साइनोसाइटिस: लक्षण और कारण
बच्चों में साइनोसाइटिस – लक्षण – साँस की बदबू या सूंघने की क्षमता की हानि। खाँसी जो अक्सर रात में बदतर हो जाती है। बुखार, सिरदर्द. बच्चों में साइनोसाइटिस – कारण – संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया या फफूंद द्वारा उत्पन्न होता है।.
बच्चों में साइनोसाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान
जब साइनस संक्रमित, सूज या फूल जाते हैं तो इसे साइनोसाइटिस (या साइनस संक्रमण) कहा जाता है।.
बच्चों में निमोनिया: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों में निमोनिया – रोकथाम – निमोनिया का संक्रमण उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया और वायरस के विरुद्ध बच्चों का टीकाकरण।.
बच्चों में निमोनिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों में निमोनिया – आहार – लेने योग्य आहार: यदि आपका बच्चा 12 माह के कम आयु का है तो स्तन दुग्ध या फार्मूला दिया जा सकता है। यदि आपका शिशु 12 माह से अधिक आयु का है तो संपूर्ण दूध दिया जा सकता है। गर्म चाय, लेमोनेड, सेब का रस या चिकन का शोरबा, हवा आने-जाने वाले मार्ग को आराम देता है, और बलगम को ढीला करता है।