ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज, तथा स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स जैसे घर पर बनी स्मूदीस और सूखे फल आदि अधिक मात्रा में लें। ओटोस्क्लेरोसिस और शरीर में कैल्शियम के स्तर के बीच संभावित सम्बन्ध होता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है या बदतर हो सकती है। इसलिए, कैल्शियम युक्त आहार ओटोस्क्लेरोसिस को धीमा करने में सहायक होता है। शहद के साथ दालचीनी का पाउडर प्रतिदिन सुबह और रात्रि में लेने से श्रवण शक्ति में सुधार होता है।

ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी): प्रमुख जानकारी और निदान

ओटोस्क्लेरोसिस शब्द, ओटो अर्थात कान और स्क्लेरोसिस अर्थात शरीर के ऊतकों का असामान्य कड़ापन, से मिलकर बना है। यह स्थिति कान के मध्य हिस्से में असामान्य रूप से हड्डी के बढ़ने पर निर्भर करती है।.

प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द): रोकथाम और जटिलताएं

प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द) – रोकथाम – समस्या को उभारने वाली गतिविधि ना करें। चिकित्सीय लाभ ना देने वाले जूतों का प्रयोग ना करें। नंगे पैरों ना रहें, यदि संभव हो तो स्नान के समय भी पैर खुले ना रखें।.

प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द) – आहार – लेने योग्य आहार: वे आहार लें जो आपके शरीर से सूजन और फूलापन कम करने में सहायक हों। मेवे, साबुत अनाज जैसे भूरा चावल, बाजरा, ज्वार, साबुत गेहूँ, और दालें, चने, और विभिन्न प्रकार की फलियाँ। विटामिन सी युक्त आहार जैसे ब्रोकोली, पत्तागोभी, ब्रसल्स स्प्राउट्स, टमाटर, हरी मिर्च, खरबूज और तरबूज, केंटालूप, कीवी, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च, छिलका युक्त आलू, और अल्फाल्फा स्प्राउट्स में सूजन-रोधी गुण होते हैं।

प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द): लक्षण और कारण

प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द) – लक्षण – एड़ी के निचले हिस्से में दर्द और जकड़न। पैर के तल में जलन या दर्द जो एड़ी से बाहर की तरफ निकलता महसूस होता है।. प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द) – कारण – प्लान्टर फ़ेशियाइटिस के उत्पन्न होने का कारण है प्लान्टर फेशिया पर लगातार अत्यधिक खिंचाव बना रहना।.

प्लान्टर फ़ेशियाइटिस (एड़ी का दर्द): प्रमुख जानकारी और निदान

इसमें ऊतकों के बने मोटे हिस्से जिसे प्लान्टर फ़ेशिया कहते हैं, जो आपके पैर के तल में होता है और आपकी एड़ी की हड्डी को पैरों की उँगलियों से जोड़ता है तथा एक प्रकार से वजन सहन करने में सहायक होता है, का दर्द और सूजन सम्मिलित किये जाते हैं।.

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस: रोकथाम और जटिलताएं

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस – रोकथाम – पर्याप्त विश्राम ठीक होने में सहायक होता है। तरल पदार्थों के सेवन से बुखार, उल्टी और दस्त के कारण होने वाली पानी की कमी को रोकने में मदद मिलती है।.

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस, जिसे मेसेंटेरिक एडिनाइटिस भी कहते हैं, उस स्थिति को बताता है जिसमें पेट की मेसेंटेरी में उपस्थित लसिका ग्रंथियाँ (वे ऊतक जो आपके शरीर को रोगों से मुकाबला करने में मदद करते हैं) सूज जाती हैं। मेसेंटेरी आँतों की परतों को पेट की दीवार से जोड़ने वाले ऊतकों को कहते हैं।.

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस: लक्षण और कारण

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस – लक्षण – पेट में दर्द, अक्सर निचले, दाहिने हिस्से पर केन्द्रित होता है, लेकिन कभी-कभी दर्द अत्यंत विस्तृत हो सकता है। सामान्यतया पूरे पेट में पीड़ा। बुखार. मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस – कारण – मेसेंटेरिक एडिनाइटिस का सबसे आम कारण, बैक्टीरिया या वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण, होता है।.

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस – आहार – लेने योग्य आहार स्वास्थ्यवर्धक भोजन लें, जो कि रेशे से समृद्ध हो। रेशा पाचन तंत्र को स्वस्थ करता है और पेट का दर्द घटाता है। इनसे परहेज करें मसालेदार और एसिड उत्पन्न करने वाला भोजन पेट की समस्याओं को बदतर कर सकता है, चाहे वह किसी भी प्रकार का हो। खट्टे फल या टमाटर युक्त आहार समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। कॉफ़ी, कैफीन युक्त पेय, प्याज, पुदीना, लहसुन और वसायुक्त आहार ना लें।