स्तन दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

स्तन दर्द – आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन ई, बी6 और मैग्नीशियम से समृद्ध आहार लेने से स्तन दर्द को दूर करने में सहायता होती है। विटामिन ई से समृद्ध आहार जैसे पालक, ब्रोकोली, मछली, एवोकेडो, कद्दू, पपीता, कीवी, जैतून का तेल, गेहूं आदि, विटामिन बी6 के उत्तम स्रोतों में माँस, पोल्ट्री उत्पाद, अंगों का माँस, शक्तियुक्त दलिया मेवे, दालें, रतालू, पालक, गाजर, केले आदि हैं।

स्तन दर्द: रोकथाम और जटिलताएं

स्तन दर्द – रोकथाम – अधिकतर प्रकार के स्तन दर्द को रोकने के लिए वास्तव में कोई तरीका नहीं है, लेकिन सहारे हेतु उचित नाप और फिटिंग की ब्रा पहनना सहायक होता है।.

एक्यूट कांटेक्ट डर्मेटाइटिस: रोकथाम और जटिलताएं

एक्यूट कांटेक्ट डर्मेटाइटिस – रोकथाम – त्वचा पर घाव उत्पन्न करने वाले पदार्थों से संपर्क ना रखें। एलर्जी उत्पन्न करने वाले पदार्थों के संपर्क में आने वाले हर क्षेत्र को स्वच्छ करें।.

एक्यूट कांटेक्ट डर्मेटाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

कांटेक्ट डर्मेटाइटिस (त्वचा पर संपर्क द्वारा उत्पन्न होने वाली सूजन) ऐसी स्थिति है जिसमें किसी उत्तेजक या विशिष्ट पदार्थ जिसे एलर्जन कहते हैं, के संपर्क में आने के बाद त्वचा लाल हो जाती है या सूज जाती है।.

एक्यूट कांटेक्ट डर्मेटाइटिस: लक्षण और कारण

एक्यूट कांटेक्ट डर्मेटाइटिस – लक्षण – लाल निशान या उभरे हुए निशान। खुजली, जो कि गंभीर हो सकती है। सूखे, तड़के हुए, लाल निशान, जो कि जले हुए घाव की तरह दिखाई पड़ते हैं। गंभीर प्रतिक्रिया में फफोले होना, उनमें से तरल पदार्थ निकलना और पपड़ी जमना आदि होता है।. एक्यूट कांटेक्ट डर्मेटाइटिस – कारण – सौन्दर्य प्रसाधन, कपड़ों, फर और चमड़े के उत्पादों में उपयोग होने वाले रंग (डाई)। उत्पादों में मिलाई जाने वाली कृत्रिम सुगंध और परफ्यूम। बालों में कृत्रिम रंग लगाना।.

एक्यूट कांटेक्ट डर्मेटाइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

कांटेक्ट डर्मेटाइटिस (त्वचा पर संपर्क द्वारा उत्पन्न होने वाली सूजन) ऐसी स्थिति है जिसमें किसी उत्तेजक या विशिष्ट पदार्थ जिसे एलर्जन कहते हैं, के संपर्क में आने के बाद त्वचा लाल हो जाती है या सूज जाती है। एलर्जी द्वारा उत्पन्न डर्मेटाइटिस आमतौर पर चपेट में आने के 12 से 72 घंटों के मध्य दिखाई पड़ता है।
कांटेक्ट डर्मेटाइटिस के दो प्रकार होते हैं।
उत्तेजक कांटेक्ट डर्मेटाइटिस। यह तब होता है जब लोग किसी ऐसी वस्तु (उत्प्रेरक) को छूते हैं, जिसके प्रति वे संवेदनशील होते हैं। यह अधिक सामान्य प्रकार है।
एलर्जिक कांटेक्ट डर्मेटाइटिस। यह तब होता है जब लोग किसी ऐसी वस्तु को छूते हैं, जिससे उन्हें एलर्जी होती है।

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: पश्च-आघात तनाव विकार के अत्यंत प्रमुख लक्षणों में से एक है कोर्टिसोल का स्तर बढ़ा हुआ होना, यह हार्मोन शरीर में तनाव सम्बंधित कई प्रकार के परिवर्तनों हेतु उत्तरदायी होता है। कोर्टिसोल के स्तर को घटाने वाले आहार लेने से स्थिति को सुधारने में सहायता होती है। रेशे की उच्च मात्रा वाले भोज्य पदार्थ। इनमें आते हैं साबुत अनाज की ब्रेड और दलिया, जई की भूसी, ओटमील, फलियाँ, खट्टे फल, स्ट्रॉबेरीज, चुकंदर और गाजर। स्वास्थ्यवर्धक आहारों जैसे हरी मिर्च, खट्टे फल, टमाटर, स्ट्रॉबेरीज, ब्रोकोली, रतालू और केंटालूप में पाया जाने वाला विटामिन सी अपने आहार में शामिल करें।

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD): रोकथाम और जटिलताएं

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) – रोकथाम – आघात की किसी घटना के तुरंत बाद सहायक समूहों, मानसिक चिकित्सा, और कुछ औषधियों के द्वारा शीघ्र किये गए हस्तक्षेप से पीटीएसडी को रोकने में सहायता हो सकती है।.

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD): प्रमुख जानकारी और निदान

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर-पीटीएसडी) मानसिक विकार है जो किसी आघात की घटना के अनुभव की प्रतिक्रियास्वरुप उत्पन्न लक्षणों की पूरी श्रेणी को प्रदर्शित करता है, जो कि आपके सामान्य मानवीय अनुभवों के परे होते हैं।.

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD): लक्षण और कारण

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) – लक्षण – अनचाहे आने वाले विचार जो आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं। बुरे सपने आना। पिछली घटनाएँ याद आना। उन अनुभूतियों और विचारों से बचने का प्रयास करना जो आपको आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं।. पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) – कारण – अत्यंत तनावपूर्ण, डरावनी या दुःखदायक घटना, या लम्बे समय तक रहा आघात का अनुभव पीटीएसडी तक पहुँच सकता है।.