कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): लक्षण और कारण

कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – लक्षण – तीखा, ऐंठनयुक्त या मंद दर्द। पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में लगातार बना हुआ दर्द। पेट दर्द जो दाएँ कंधे और पीठ तक फ़ैल जाता है। मतली और उल्टी।. कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – कारण – पित्त की पथरी। ट्यूमर (गांठ), पित्तनलिका में अवरोध।.

कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान

कोलीसिस्टाइटिस अर्थात पित्ताशय (गालब्लैडर) की सूजन।.

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK): रोकथाम और जटिलताएं

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) – रोकथाम – आपके घुटने के दर्द को बढ़ाने वाली गतिविधियां ना करें, खासकर आपके घुटने को केन्द्रित करके खेले जाने वाले या उसे मोड़ने वाले खेल।.

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) – आहार – लेने योग्य आहार: अपने कार्टिलेज की चोट को ठीक करने के लिए अपने आहार में फल और सब्जियों की अधिक मात्रा को जोड़ें, जो कि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। विटामिन सी युक्त वस्तुओं को अपने कार्टिलेज के सुधार या मरम्मत हेतु लिए जाने वाले आहार का हिस्सा बनाएँ। कोलेजन, यह वह आवश्यक प्रोटीन है जो तंतुओं और लिगामेंट्स का संरचनागत आधार निर्मित करता है, इसे उत्पन्न करने में अपनी भूमिका के चलते यह विटामिन सभी संयोजी ऊतकों की मरम्मत में सहायक होता है। उच्च-गुणवत्ता वाले प्रोटीन स्रोत जैसे सैलमन और लीन मीट्स आदि, हड्डियों, तंतुओं, उपास्थियों, और विभिन्न लिगामेंट के ऊतकों की मरम्मत हेतु प्रोटीन प्रदान करते हैं।

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK): प्रमुख जानकारी और निदान

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना ये एक दीर्घकालीन स्थिति है.

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK): लक्षण और कारण

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) – लक्षण – दर्द, खट-ख़ट की अनुभूति। सूजन और जकड़न, अस्थिरता. घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) – कारण – प्रमुख कारण है क्षतिग्रस्त मेनिस्कस।.

केरेटोकोनस: प्रमुख जानकारी और निदान

केरेटोकोनस एक असामान्य स्थित है जिसमें आमतौर पर गोलाकार, गुम्बदनुमा रहने वाला कॉर्निया (आँख की स्वच्छ सम्मुख पाई जाने वाली खिड़की), पतली हो जाती है और कोन की तरह के आकार में उभर आती है।.

केरेटोकोनस: लक्षण और कारण

केरेटोकोनस लक्षण – बढ़ते हुए निकट दृष्टिदोष के साथ दृष्टि का धुंधला या विकृत होना। चमकीले प्रकाश और उजाले के प्रति संवेदनशीलता। रात्रि में दृष्टि सम्बन्धी समस्या।. केरेटोकोनस कारण – केरेटोकोनस की उत्पत्ति का कारण अज्ञात है। हालाँकि, इसे अनुवांशिक स्थिति या हार्मोन सम्बन्धी विसंगति के कारण उत्पन्न माना जाता है।.

केरेटोकोनस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

केरेटोकोनस आहार – आहार में एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध आहार जैसे गाजर, पालक, पपीता, ब्राज़ील नट्स, अंडे, केल, पीली मक्का, बादाम, सूरजमुखी के बीज, संतरे, केले, सेब। एंटीऑक्सीडेंट को विभिन्न आहारों से प्राप्त किया जाता है जैसे फल, सब्जियाँ, मेवे, अनाज, मीट, मछली और पोल्ट्री। प्रोसेस्ड आहार, कृत्रिम मीठे पदार्थ, तले फल, संतृप्त वसा और रिफाइंड शक्कर।

केरेटोकोनस: रोकथाम और जटिलताएं

केरेटोकोनस रोकथाम – आँखों को बार-बार और जोर से ना रगड़ें या मसलें। नेत्र चिकित्सक द्वारा नियमित परीक्षण।.