एंगुलर चेइलिटिस: रोकथाम और जटिलताएं

एंगुलर चेइलिटिस – रोकथाम – अपने होंठों पर जीभ ना फेरें और अपने मुँह के किनारों को सूखा हुआ रखें। अपने होंठों को सूखा हुआ होने से और तड़कने या फटने से बचाने के लिए मॉइस्चराइजिंग लिप बाम, जिसमें पराबैंगनी सुरक्षा हो, का प्रयोग करें।.

एंगुलर चेइलिटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एंगुलर चेइलिटिस – आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन): इसके मुख्य भोज्य स्रोत हैं दूध और डेरी उत्पाद, दलिया, माँस (खासकर अंगों का माँस) और कुछ प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियाँ। विटामिन बी3 (नायसिन): इसके प्रमुख भोज्य स्रोतों में मूंगफली, चावल, फलियाँ, लिवर, गुर्दा, भोज्य खमीर, एवोकेडो, मछली, अंडे और लीन मीट्स हैं। विटामिन बी6 (पायरिडोक्सिन): मुख्य भोज्य स्रोत में खमीर, भूरा चावल, सूरजमुखी के बीज, चावल, सोयाबीन्स, मेवे, अंडे की जर्दी, केले, लिवर, गेहूँ का चोकर, मछली, चिकन, आलू, फूलगोभी, पत्तागोभी, और एवोकेडो।

एंगुलर चेइलिटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

एंगुलर चेइलिटिस ऐसी स्थिति है जिसमें मुँह का एक या दोनों सिरे सूजे हुए या उत्तेजित होते हैं।.

एंगुलर चेइलिटिस: लक्षण और कारण

एंगुलर चेइलिटिस – लक्षण – मुँह के किनारों का लालिमा के साथ तड़कना और फटना। खाते समय या मुँह को चौड़ा खोलते समय असुविधा होना। छाले होना. एंगुलर चेइलिटिस – कारण – स्टेफायलोकोकस और फफूंद अत्यधिक वृद्धि करते हैं और एंगुलर चेइलिटिस तक पहुँच जाते हैं।.

क्रोंस डिजीज: रोकथाम और जटिलताएं

क्रोंस डिजीज – रोकथाम – समस्या उत्पन्न करने वाले भोज्य पदार्थ ना लें। व्यायाम नियमित करें। तनाव में कमी करने हेतु परामर्श लें।.

क्रोंस डिजीज: लक्षण और कारण

क्रोंस डिजीज – लक्षण – पेटदर्द और अतिसार। थकावट और कमजोरी। सामान्य रूप से अस्वस्थता का अनुभव। मुँह में छाले।. क्रोंस डिजीज – कारण – आनुवांशिकता, धूम्रपान, कोई पुराना संक्रमण, पर्यावरण सम्बन्धी कारणों (वायरस, बैक्टीरिया, आहार, धूम्रपान, और तनाव) से।.

क्रोंस डिजीज: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

क्रोंस डिजीज – आहार – लेने योग्य आहार: केले, सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल, और पनीर (यदि आप दूध में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाली शक्कर – लेक्टोस को पचा लेते हैं), फलों का रस, सेब का सॉस, नरम पीनट बटर, कोमल नर्म आहार, मैदे के बने क्रैकर्स, विभिन्न प्रकार का सादा दलिया, रिफाइंड पास्ता, शोरबा, कैन में बंद विभिन्न प्रकार के फल, पकी हुई सब्जियाँ, छिलका रहित आलू, मछली, केनोला और जैतून का तेल। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें, जिनमें फल (जैसे जामुन, चेरी, और टमाटर) और सब्जियाँ (जैसे कद्दू और शिमला मिर्च) आदि आते हैं। विटामिन बी, कैल्शियम, और मैग्नीशियम की उच्च मात्रा वाले आहार लें जैसे साबुत अनाज (यदि वे चोकररहित ना हों), गहरी पत्तेदार सब्जियाँ (जैसे पालक और केल), और समुद्री वनस्पतियाँ आदि।

क्रोंस डिजीज: प्रमुख जानकारी और निदान

क्रोंस डिजीज ऐसी स्थिति है जिसमें पाचन तंत्र (जिसे आमाशय-आंत मार्ग या आंत भी कहा जाता है) में सूजन उत्पन्न हो जाती है।.

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): रोकथाम और जटिलताएं

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) – रोकथाम – सीओपीडी को रोकने का श्रेष्ठ तरीका धूम्रपान बंद करना और रासायनिक धुएँ और धूल की चपेट में ना आना है।.

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): लक्षण और कारण

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) – लक्षण – लम्बे समय से बनी हुई (क्रोनिक) खाँसी। खाँसी के साथ बलगम (सफ़ेद, पीला या हरा) आना। साँस लेने में कठिनाई जो व्यायाम करने पर और बदतर हो जाती है। साँस लेने पर आवाज होना।. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) – कारण – धूम्रपान (तम्बाकू का प्रयोग)। भीतरी वायु प्रदूषण (जैसे कि भोजन बनाने और घर गर्म करने के लिए जैविक ईंधन का प्रयोग)। बाहरी वायु प्रदूषण।.