रायनौड्स फेनोमेनन (नीली त्वचा): रोकथाम और जटिलताएं

रायनौड्स फेनोमेनन (नीली त्वचा) – रोकथाम – यदि संभव हो तो ठन्डे वातावरण में ना जाएँ। हाथों, पैरों और पूरे शरीर पर गर्म कपड़े पहनें। भीतरी वस्त्र ढीले-ढाले हों। उँगलियों को लम्बे समय तक कम्पन में ना रहने दें। धूम्रपान त्यागें।.

रायनौड्स फेनोमेनन (नीली त्वचा): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

रायनौड्स फेनोमेनन (नीली त्वचा) – आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन ई रक्त प्रवाह बढ़ाता है इसलिए विटामिन ई से समृद्ध आहारों जैसे पालक, बादाम, मछली, ब्रोकोली, कद्दू, गाजर, टमाटर आदि का सेवन करें। मैग्नीशियम रायनौड्स डिजीज में सख्त हुई रक्तवाहिनियों को फैलाता है, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ, मछली, फलियाँ, दालें, भूरा चावल, एवोकेडो, केले आदि मैग्नीशियम से समृद्ध आहार हैं। विटामिन बी नियासिन भुजाओं, उँगलियों, पैरों और पैरों की उँगलियों में रक्तसंचार को उत्प्रेरित करता है। मछली, चिकन, मशरुम, हरी मटर, एवोकेडोस ये सभी नियासिन से समृद्ध आहार हैं।

रायनौड्स फेनोमेनन (नीली त्वचा): प्रमुख जानकारी और निदान

रायनौड्स फेनोमेनन, जिसे कि रायनौड्स सिंड्रोम या डिजीज भी कहते हैं, हाथों और पैरों की उंगलियों में (और चुनिन्दा स्थितियों में नाक और कान में) रक्त संचरण का विकार है।.

रायनौड्स फेनोमेनन (नीली त्वचा): लक्षण और कारण

रायनौड्स फेनोमेनन (नीली त्वचा) – लक्षण – हाथों और पैरों की उँगलियों, नाक और कानों में झुनझुनी और एहसास की क्षमता का कम होना। उँगलियों का, अंगूठे को प्रभावित किये बिना, सफ़ेद या पीला पड़ जाना। नीली त्वचा जो ठंडा और सुन्न महसूस करती है।. रायनौड्स फेनोमेनन (नीली त्वचा) – कारण – प्राथमिक रायनौड्स अपने आप उत्पन्न होता है। इसका कारण ज्ञात नहीं है। इसी तरह द्वितीयक रायनौड्स भी है, जो चोटों, अन्य रोगों या कुछ औषधियों से होता है।.

अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द): प्रमुख जानकारी और निदान

अर्थ्रेल्जिया शब्द का अर्थ है जोड़ों का दर्द। दर्द एक या अधिक जोड़ों में हो सकता है।.

अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द): लक्षण और कारण

अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द) – लक्षण – अर्थ्रेल्जिया का प्राथमिक लक्षण है जोड़ का दर्द। यह दर्द तीखा, धीमा, चुभनयुक्त, जलनयुक्त, या फड़कता हुआ हो सकता है। यह मंद से तीव्र हो सकता है।. अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द) – कारण – जोड़ों में दर्द क्यों होता है, इसके अनेक कारण हो सकते हैं। ऐसा निम्न कारणों से हो सकता है:- चोट, संक्रमण, प्रतिरक्षण तंत्र का विकार। एलर्जी सम्बन्धी प्रक्रियाएँ।.

अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें उच्च भोज्य पदार्थों में सूजन पैदा करने वाले गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द के लक्षणों को बढ़ाते हैं।: जोड़ों के दर्द में सर्वोत्तम आहार वे हैं जिनमें प्राकृतिक रूप से सूजनरोधी गुण होते हैं, और जो ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और विटामिन डी से समृद्ध होते हैं। इन पोषक तत्वों के प्रसिद्ध स्रोतों में मछली, अखरोट, कद्दू के बीज, अलसी के बीज और केनोला तेल आदि हैं। वे आहार लें जो जोड़ों और तंतुओं को दर्दरहित और लचीला बनाए रखें जैसे मिर्च, खट्टे फल, ब्रोकोली, फूलगोभी, प्याज, चेरी, हरी चाय, अदरक मशरुम, अन्नानास, पपीता आदि। तले आहार,

अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द): रोकथाम और जटिलताएं

अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द) – रोकथाम – यदि आपका वजन सामान्य से अधिक है तो कम करें। व्यायाम नियमित करें। शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। चोटों से बचें।.

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): रोकथाम और जटिलताएं

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द) – रोकथाम – एक्यूट परओनिकिया ना होने देने का उत्तम तरीका अपने नाखूनों की अच्छी देखभाल करना है। अपने नाखूनों और पोरों को चोट ना लगने दें। अपने नाखूनों को काटें या खींचें नहीं। अपने नाखून ठीक प्रकार कटे और व्यवस्थित रखें।.

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): प्रमुख जानकारी और निदान

हाथ या पैर की ऊँगली के आस-पास की त्वचा के संक्रमण को परओनिकिया कहते हैं।.