येलो फीवर (पीला बुखार): लक्षण और कारण

येलो फीवर (पीला बुखार) – लक्षण – बुखार, सिरदर्द, उल्टी, भूख ना लगना, नाक से खून आना. येलो फीवर (पीला बुखार) – कारण – वायरस (फ्लेविवायरस) जो एडिस एजिप्टी नामक मच्छर द्वारा फैलाया जाता है।.

येलो फीवर (पीला बुखार): प्रमुख जानकारी और निदान

येलो फीवर (पीत ज्वर-पीला बुखार) वायरस द्वारा उत्पन्न एक तीव्र हेमोरेजिक रोग है जो मनुष्यों में संक्रमित मच्छर के काटने से होता है।.

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी): प्रमुख जानकारी और निदान

व्हूपिंग कफ़ (कुकर खाँसी) फेफड़ों और फेफड़ों के भीतर हवा आने जाने के मार्ग का अत्यंत संक्रामक रोग है जिसमें तीव्र खाँसी के कई दौर होते हैं।.

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी): लक्षण और कारण

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी) – लक्षण – नाक से द्रव बहना। बलगम युक्त खाँसी। आँखों में पानी, खाँसी के बाद उल्टी, गले में खराश, श्वास लेने में कठिनाई. व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी) – कारण – बैक्टीरिया, यह एक संक्रामक रोग है।.

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी) – आहार – लेने योग्य आहार: ताजे फल और फलों का ताजा रस, नवजात शिशुओं को केवल स्तनपान और विटामिन, खासकर विटामिन सी, जारी रखा जाना चाहिए। ब्रेड, मक्खन, जई का आटा-दलिया, दूध की पुडिंग, अंडे और कीमा।

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी): रोकथाम और जटिलताएं

व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी) – रोकथाम – टीकाकरण (डीपीटी), खाँसी के उत्प्रेरक जैसे धूम्रपान ना करें। स्वच्छ रहें.

वायरल फीवर: रोकथाम और जटिलताएं

वायरल फीवर – रोकथाम – पानी अधिक मात्रा में पियें। भीड़ भरे स्थान, सीधा संपर्क और वस्तुओं का बांटकर उपयोग ना करें। स्वच्छ रहें.

वायरल फीवर: लक्षण और कारण

वायरल फीवर – लक्षण – मतली और उल्टी, शरीर में दर्द, गले में खराश, आँखों में लालिमा, नाक से द्रव बहना. वायरल फीवर – कारण – हवायुक्त सूक्ष्म कणों को भीतर लेने से (छींक, खाँसी)। सीधा संपर्क, प्रदूषित जल और भोजन।.

वायरल फीवर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

वायरल फीवर – आहार – लेने योग्य आहार: अधिक से अधिक पानी पियें। फलों का ताजा निकला रस। सूप,

वायरल फीवर: प्रमुख जानकारी और निदान

वायरल फीवर कई वायरल संक्रमणों में किसी एक के द्वारा उत्पन होने वाला बुखार है।.