पित्ताशय की पथरी – रोकथाम – व्यायाम नियमित करें। फलों, सब्जियों, साबुत अनाजों, और कम-वसा युक्त डेरी उत्पादों से युक्त संतुलित आहार लें। उच्च वसा युक्त भोज्य पदार्थ न लें।.
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पित्ताशय की पथरी: लक्षण और कारण
पित्ताशय की पथरी – लक्षण – आपके दाहिनी तरफ पेट के समीप हिस्से में और पीछे पीठ में एकाएक तीव्र दर्द होना जो कि कई घंटों तक बना रहता है। बीमार अनुभव करना। तेज बुखार, कंपकंपी और पसीना आना। त्वचा और आँखों के सफ़ेद हिस्से का पीला पड़ना (पीलिया)।. पित्ताशय की पथरी – कारण – पित्त की उत्पत्ति करने वाले पदार्थों में हुए असंतुलन से पित्त की पथरी का निर्माण होता है।.
पित्ताशय की पथरी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
पित्ताशय की पथरी – आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियों की अधिक मात्रा। स्टार्च युक्त कार्बोहाइड्रेट्स की अधिक मात्रा। उदाहरण के लिए ब्रेड, चावल, दालें, पास्ता, आलू, चपाती और प्लान्टेन (केले जैसा आहार)। जब संभव हो तब साबुत अनाजों से बनी वस्तुएं लें। थोड़ी मात्रा में दुग्ध और डेरी उत्पाद लें। कम वसा वाले डेरी उत्पाद चुनें।
पित्ताशय की पथरी: प्रमुख जानकारी और निदान
पित्ताशय की पथरी इसी द्रव के इकठ्ठा होने से बना सख्त हिस्सा है जो पित्ताशय में उत्पन्न होता है।.
पेचिश: रोकथाम और जटिलताएं
पेचिश रोकथाम – शौचालय के प्रयोग के बाद और दिन के दौरान नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से धोएँ। संक्रमित व्यक्ति के साथ वस्तुओं का बांटकर प्रयोग ना करें। बाहर का भोजन ना खाएँ-पियें।.
पेचिश: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
पेचिश आहार – लेने योग्य आहार: आलू (छिलके रहित)। सफ़ेद ब्रेड, केले,
पेचिश: लक्षण और कारण
पेचिश लक्षण – पेट दर्द। बुखार और कंपकंपी। मतली और उल्टी। पतले दस्त, जिनमें रक्त, आँव या पीप हो सकता है।. पेचिश कारण – पेचिश की उत्पत्ति मुख्यतः बैक्टीरिया (ई कोलाई या शिगेला) द्वारा होती है।.
पेचिश: प्रमुख जानकारी और निदान
पेचिश रक्तयुक्त अतिसार है, अर्थात अतिसार का वह प्रकरण जिसमें पतले या पनीले दस्त में लाल रक्त दिखाई पड़े।.
पेन्क्रियाटाइटिस: रोकथाम और जटिलताएं
पेन्क्रियाटाइटिस रोकथाम – धूम्रपान और शराब का सेवन ना करें। उचित वजन बनाए रखें।.
पेन्क्रियाटाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान
पेन्क्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन को कहते हैं।.