धुकधुकी: रोकथाम और जटिलताएं

धुकधुकी रोकथाम – तनाव ना लें और तम्बाकू का प्रयोग ना करें। उचित आहार। व्यायाम नियमित करें।.

धुकधुकी: प्रमुख जानकारी और निदान

ह्रदय धड़कना (धुकधुकी), ह्रदयगति की वो अनुभूति है जिससे आप एकाएक सतर्क हो जाते हैं, क्योंकि वे अनुभव कराती हैं मानों आपका ह्रदय धड़धड़ा रहा है, या भावनाएँ हिलोरें ले रही हैं।.

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: रोकथाम और जटिलताएं

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – रोकथाम – धूम्रपान और निकोटिन का किसी भी रूप से प्रयोग बंद कर दें। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें। रक्त में उपस्थित वसा को कम करें।.

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियाँ।
, रेशे युक्त आहार।
, साबुत अनाज।
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एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: लक्षण और कारण

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – लक्षण – छाती में दर्द अथवा बेचैनी। भुजाओं में दर्द। मतली, थकावट. एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – कारण – सिगरेट पीना, चिकित्सीय स्थितियां (मधुमेह, रक्तचाप, मोटापा इत्यादि)। शारीरिक गतिविधि। लम्बे समय से मनोवैज्ञानिक तनाव।.

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: प्रमुख जानकारी और निदान

एनजाइना को ह्रदय रोग के कारण होने वाली बेचैनी, भारीपन, दबाव, दर्द, जलन, भरा हुआ लगना, निचोड़ता हुआ लगना या दर्दनाक अनुभव के द्वारा समझाया जा सकता है।.

हाइपरटेंशन: रोकथाम और जटिलताएं

हाइपरटेंशन रोकथाम – उचित वजन बनाये रखना, धूम्रपान त्यागें, स्वस्थ आहार लेना, अपने आहार में नमक की मात्रा कम करना.

हाइपरटेंशन: प्रमुख जानकारी और निदान

हाइपरटेंशन, जिसे कि उच्च रक्त चाप भी कहा जाता है, ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त वाहिनियों में रक्त का दबाव लगातार बढ़ा हुआ होता है।.

हाइपरटेंशन: लक्षण और कारण

हाइपरटेंशन लक्षण – तीव्र सिरदर्द, थकावट या असमंजस की स्थिति, चक्कर आना, मतली, दृष्टि की समस्या. हाइपरटेंशन कारण – धूम्रपान, मोटापा, मधुमेह, नमक सेवन का बढ़ा हुआ स्तर.

हाइपरटेंशन: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

हाइपरटेंशन आहार – लेने योग्य आहार हाइपरटेंशन से मुकाबला करके प्रतिदिन आपको उचित पोषण देने वाले प्रधान 10 आहार हैं:: हाइपरटेंशन से सामंजस्य स्थापित करने के लिए फाइबर और पोटैशियम युक्त तथा कम संतृप्त वसा वाले आहार लेने चाहिए। फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेरी उत्पादों की उचित मात्रा आवश्यक है।
, आहार में प्रतिदिन दो से तीन बार साबुत अनाज और उनके उत्पाद जैसे कि भूरे चावल, मल्टीग्रेन ब्रेड, ताज़ी सब्जियों की अधिक मात्रा और तीन से चार बार फल लेने चाहिए।
, डेरी उत्पाद जैसे कि दूध, पनीर, और दही लिए जा सकते हैं किन्तु ये कम वसा वाले होने चाहिए। पोल्ट्री उत्पाद (अंडे की सफेदी और चूजे से प्राप्त सफ़ेद गोश्त) और समुद्री आहार लिए जा सकते हैं। साथ ही विभिन्न मेवे, गिरी, दालें और फलियाँ भी ली जानी चाहिए।
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