डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई) – व्यायाम – श्वास पर नियंत्रण के लिये और होंठों को सिकोड़ने के लिए बुलबुले फुलाना लाभदायक व्यायाम होता है, ये दोनों वाणी के सुधार हेतु आवश्यक होते हैं।
, स्ट्रॉ का प्रयोग केवल आपके चूसने के गुण को ही नहीं बढ़ाता, बल्कि आपके होंठों को सिकोड़ने में भी उपयोगी होता है। पतले द्रव, जैसे पानी या जूस से शुरू करें, और धीरे-धीरे कुछ गाढ़े द्रव, जैसे मिल्कशेक तक, चले जाएँ।
, अपने होंठों पर, मुँह के एक तरफ से दूसरी तरफ तक, पीनट बटर फैला लें और इसे चाटने का प्रयास करें। यह बटर को हटाने के लिए आपकी जीभ को एक बाजू से दूसरी बाजू तक पहुँचने के लिए विवश करता है।
,
Category: जन्मजात
डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई): रोकथाम और जटिलताएं
डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई) – रोकथाम – उच्च रक्तचाप और मधुमेह पर नियंत्रण। कोलेस्ट्रॉल, संतृप्त वसा, और अपने भोजन में नमक की मात्रा को सीमित करें। धूम्रपान बंद करें, शराब का सेवन सीमित् करें।.
डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई): प्रमुख जानकारी और निदान
डिसअर्थ्रिया यांत्रिक वाणी विकार है जिसमें आपको बोलते समय उपयोग की जाने वाली मांसपेशियों के नियंत्रण या सामंजस्य में कठिनाई होती है या इन मांसपेशियों में कमजोरी होती है।.
डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई): लक्षण और कारण
डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई) – लक्षण – लड़खड़ाती आवाज, साँस भरना, लार गिरना या लार पर नियंत्रण कमजोर होना। चबाने, निगलने और जीभ या चेहरे की मांसपेशियों को हिलाने-डुलाने में कठिनाई।. डिसअर्थ्रिया (बोलने, चबाने में कठिनाई) – कारण – मस्तिष्क के ट्यूमर और विकार। औषधियाँ।.
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD): प्रमुख जानकारी और निदान
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (बीपीडी) श्वास सम्बन्धी दीर्घकालीन रोग है जो अक्सर कम वजन वाले या समय पूर्व (अनुमानित दिन से लगभग 10 सप्ताह पूर्व) जन्मे नवजात शिशुओं में होता है, जिन्हें पूरक रूप में ऑक्सीजन दी गई हो या जिन्होंने श्वास की मशीन (यांत्रिक श्वसन) पर लम्बा समय गुजारा हो, जैसे कि तीव्र श्वसन कठिनाई वाला रोग समूह (एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) से ग्रस्त बच्चे।.
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD): लक्षण और कारण
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD) – लक्षण – श्वास लेने में कठिनाई।. ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD) – कारण – समय पूर्व प्रसव। ऑक्सीजन का प्रयोग। यांत्रिक श्वसन।.
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD) – आहार – स्तन दुग्ध को शक्तिशाली करने वाला पदार्थ या कम वजन होने पर दिया जाने वाला फार्मूला, एक समय तक, जारी रखा जा सकता है जब तक कि कोई विपरीत प्रभाव ना हो और उच्च कैलरी के पूरक की आवश्यकता हो, और वजन कम से कम 3 किलो होने तक इसे दिया जा सकता है।
, नली द्वारा आहार ग्रहण करने वाले बच्चों में, मुख द्वारा दुग्धपान को सतर्कता से शुरू किया जाना चाहिए, उदाहरण के लिए शुरुआत में दिन में एक बार फिर 2 बार आदि, जैसे-जैसे बच्चा पिछली वृद्धि को स्वीकार करता जाए।
, तरल पदार्थ सीमित करें, क्योंकि तरल पदार्थों की अधिक मात्रा श्वसन क्षमता को बदतर करती है।
,
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD): रोकथाम और जटिलताएं
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD) – रोकथाम – श्वास हेतु सहायता.
क्रोंस डिजीज: रोकथाम और जटिलताएं
क्रोंस डिजीज – रोकथाम – समस्या उत्पन्न करने वाले भोज्य पदार्थ ना लें। व्यायाम नियमित करें। तनाव में कमी करने हेतु परामर्श लें।.
क्रोंस डिजीज: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
क्रोंस डिजीज – आहार – लेने योग्य आहार: केले, सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल, और पनीर (यदि आप दूध में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाली शक्कर – लेक्टोस को पचा लेते हैं), फलों का रस, सेब का सॉस, नरम पीनट बटर, कोमल नर्म आहार, मैदे के बने क्रैकर्स, विभिन्न प्रकार का सादा दलिया, रिफाइंड पास्ता, शोरबा, कैन में बंद विभिन्न प्रकार के फल, पकी हुई सब्जियाँ, छिलका रहित आलू, मछली, केनोला और जैतून का तेल। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें, जिनमें फल (जैसे जामुन, चेरी, और टमाटर) और सब्जियाँ (जैसे कद्दू और शिमला मिर्च) आदि आते हैं। विटामिन बी, कैल्शियम, और मैग्नीशियम की उच्च मात्रा वाले आहार लें जैसे साबुत अनाज (यदि वे चोकररहित ना हों), गहरी पत्तेदार सब्जियाँ (जैसे पालक और केल), और समुद्री वनस्पतियाँ आदि।