टेनिस एल्बो (कोहनी का दर्द): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

टेनिस एल्बो (कोहनी का दर्द) – आहार – लेने योग्य आहार: अजमोदा का ताजा रस और उसका अर्क दोनों ही टेनिस एल्बो का अच्छा उपचार हैं। अजमोदा के अर्क की 8-10 बूँदें गर्म पानी के साथ लेना, ये टेनिस एल्बो द्वारा उत्पन्न दर्द और सूजन को कम करने का प्रभावी उपचार है। मछलियाँ जैसे मैकरील और सैलमन, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स का समृद्ध स्रोत हैं और इस स्थिति से पीड़ित होने पर, अपने प्रतिदिन के आहार में सम्मिलित की जानी चाहिए। अलसी के बीज भी टेनिस एल्बो का अच्छा उपचार हैं। आहार जैसे पालक, ब्रोकोली, पत्तागोभी, साबुत अनाज, मेवे, जामुन और ग्रीन टी आदि अपने प्रतिदिन के आहार में शामिल किये जाने चाहिए।

टेनिस एल्बो (कोहनी का दर्द): रोकथाम और जटिलताएं

टेनिस एल्बो (कोहनी का दर्द) – रोकथाम – टेनिस एल्बो को रोकने की कुंजी है कोहनी का अत्यधिक उपयोग ना करना। यदि आप किसी गतिविधि के दौरान कोहनी में दर्द का अनुभव करते हैं तो रुक जाएँ।.

कोराइज़ा (सर्दी): प्रमुख जानकारी और निदान

कोराइज़ा नाक की म्यूकस झिल्लियों की तीव्र सूजन है जिसमें नाक से अत्यधिक द्रव बहता है।.

कोराइज़ा (सर्दी): लक्षण और कारण

कोराइज़ा (सर्दी) – लक्षण – नाक को लाल, पीड़ा युक्त और सूजी हुई कर देती है। अत्यधिक मात्रा में म्यूकस निकलना, जो नाक बहने के पारंपरिक रूप को दर्शाता है। सूजन फैलने पर आँखों से पानी आने लगता है।. कोराइज़ा (सर्दी) – कारण – संक्रमित व्यक्तियों की खाँसी और छींक द्वारा उत्सर्जित सूक्ष्म तरल कणों को भीतर लेना। ठंडा और बदलता मौसम।.

कोराइज़ा (सर्दी): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

कोराइज़ा (सर्दी) – आहार – लेने योग्य आहार: पानी अधिक मात्रा में लें, आप उसमें चुटकी भर हल्दी और अदरक का पाउडर डाल सकते हैं। फलों का और खासकर खट्टे फलों का रस लें क्योंकि इनमें विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है – नीबू, संतरा, मौसंबी, अन्नानास आदि, गर्म सूप लें विशेषकर चिकन सूप।

कोराइज़ा (सर्दी): रोकथाम और जटिलताएं

कोराइज़ा (सर्दी) – रोकथाम – हाथों को नियमित धोना संक्रमण को फैलने से रोकने का सबसे आवश्यक और प्रभावी तरीका है। खाँसते और छींकते समय नाक और मुँह को ढंकें। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचें।.

मिलिया: प्रमुख जानकारी और निदान

मिलियम सिस्ट (छोटी थैलीनुमा रचना) छोटी, मोती समान सफ़ेद या पीलापन लिए उभार (यदि समूह में हों तो मिलिया) होते हैं जो विशेष रूप से नाक और गालों पर दिखाई पड़ते हैं।.

मिलिया: लक्षण और कारण

मिलिया लक्षण – गालों, नाक और ठोड़ी के आस-पास की त्वचा पर सफ़ेद, मोती समान उभार। मसूढ़ों या मुँह के ऊपरी हिस्से पर सफ़ेद, मोती समान उभार (ये मसूढ़ों से निकलते दांतों की तरह दिखाई पड़ते हैं)।. मिलिया कारण – त्वचा की स्थितियाँ जो फफोले उत्पन्न करती हैं। लम्बे समय तक स्टेरॉयड क्रीम का प्रयोग। लम्बे समय तक सूर्य के प्रकाश से क्षति होना।.

मिलिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मिलिया आहार – सब्जियाँ, फल और साबुत अनाज, आवश्यक विटामिनों की कमी, खासकर विटामिन ए की कमी, मिलिया के उत्पन्न होने से जुड़ी हुई है। विटामिन ए से समृद्ध आहारों जैसे गहरी हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गाजर, रतालू आदि का सेवन बढ़ाएँ। शक्कर और उससे बने उत्पादों, तले और मसालेदार आहारों, कैफीन युक्त और कार्बन युक्त पेय, नमकीन आहार (चिप्स, फ्रेंच फ्राइज) चॉकलेट्स का सीमित सेवन करें।

मिलिया: रोकथाम और जटिलताएं

मिलिया रोकथाम – हानिकारक रसायनों का अपनी त्वचा पर उपयोग बंद करें और सूर्य के प्रकाश में कम रहें या बाहर जाते समय सूर्य के प्रकाश की चपेट को घटाने के लिए एसपीएफ़ 15 वाले सनस्क्रीन का प्रयोग करें।.