ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग): प्रमुख जानकारी और निदान

ल्यूकोडर्मा या विटिलिगो (सफ़ेद दाग) एक लम्बे समय तक बने रहने वाली स्थिति है, जिसमें त्वचा पर सफ़ेद धब्बे उत्पन्न हो जाते हैं। यह ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी त्वचा मेलेनिन की कमी से ग्रस्त होती है।.

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग): लक्षण और कारण

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – लक्षण – त्वचा पर छोटा सफेद दाग जो समय के साथ बढ़ता जाता है। बालों का समय से पहले सफ़ेद होना और झड़ना। त्वचा का उत्तेजित होना। ठंडक के प्रति संवेदनशीलता, थकावट, दाग पर स्थित बालों का भी सफ़ेद हो जाना।. ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – कारण – मेलेनिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं की क्षति। जलना, त्वचा की सूजन वाली स्थितियाँ। कैल्शियम की कमी, अनुवांशिकता, टैटू का प्रयोग.

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन्स
, पालक
, सोया मिल्क
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ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग): रोकथाम और जटिलताएं

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – रोकथाम – स्वच्छ रहें। सूती वस्त्र पहनें। धूम्रपान, शराब, स्टेरोइड्स, लगाने की दवाएँ, खट्टी वस्तुएँ उपयोग में ना लें।.

गुर्दे की पथरी: रोकथाम और जटिलताएं

गुर्दे की पथरी – रोकथाम – 8 से 10 गिलास पानी पियें, पशुजन्य प्रोटीन, अधिक नमक का सेवन और पथरीकारक आहार ना लें। डॉक्टर से गुर्दे की पथरी के बारे में उचित जानकारी प्राप्त करें।.

गुर्दे की पथरी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

गुर्दे की पथरी – आहार – लेने योग्य आहार: तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें विशेषकर पानी।
, नीबू का शरबत
, रेशे से समृद्ध आहार
,

गुर्दे की पथरी: लक्षण और कारण

गुर्दे की पथरी – लक्षण – पीठ, पेट और जांघ में तीव्र दर्द। दर्द्युक्त मूत्रत्याग। मूत्र में रक्त होना। मतली और उल्टी। दुर्गन्ध और झाग युक्त मूत्र।. गुर्दे की पथरी – कारण – मूत्र में लवण (नमक अथवा साल्ट) और खनिजों के सामान्य संतुलन में बदलाव। शऱीर में पानी की कमी, दवाएँ और रोग, अनुवांशिकता.

गुर्दे की पथरी: प्रमुख जानकारी और निदान

मूत्र में कई अपशिष्ट रसायन घुले होते हैं। ये रसायन कभी-कभी मूत्र में बारीक कण बना लेते हैं जो आपस में इकठ्ठा होकर छोटे पत्थरनुमा रचना में बदल जाते हैं।.

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): लक्षण और कारण

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – लक्षण – पेट में दर्द, पेट का फूलना, अतिसार अथवा कब्ज, मल में आँव, पूरी तरह मलत्याग ना होने का एहसास।. इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – कारण – शारीरिक कारण। आहार सम्बन्धी संवेदनशीलता। मस्तिष्क और आंत में संकेतों की समस्या।.

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: घुलनशील रेशे वाले आहार (जई, जौ, केले, सेब, गाजर, आलू आदि)।
, पीली अलसी
, फल और सब्जियाँ
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