हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान

हेपेटाइटिस बी लिवर की सूजन है जो मुख्यतः हेपेटाइटिस बी वायरस द्वारा उत्पन्न होती है।.

हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन): लक्षण और कारण

हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन) – लक्षण – पीली त्वचा, कमजोरी, वजन में कमी, थकावट, लिवर का सिरोसिस. हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन) – कारण – हेपेटाइटिस बी वायरस द्वारा उत्पन्न।.

हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार: हेपेटाइटिस बी ग्रस्त लोगों को स्वस्थ रखने वाले आहार (जैसे कि फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज) खाना चाहिए, और वसा का उपयोग सीमित करना चाहिए, उचित वजन बनाए रखना चाहिए।
, वसामुक्त या कम वसा युक्त आहार।
, विटामिन, खनिज, और इलेक्ट्रोलाइट युक्त आहार।
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हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन): रोकथाम और जटिलताएं

हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन) – रोकथाम – टीकाकरण (हेपेटाइटिस बी वैक्सीन)। प्रदूषण, असुरक्षित संभोग और रक्त चढ़ाने से बचें। प्रसारण को कम करने के लिए अभिभावकों को जानकारी और सलाह दी जानी चाहिए।.

पाइल्स – बवासीर, हीमोराइड्स: लक्षण और कारण

हीमोराइड्स – बवासीर, पाइल्स – लक्षण – दर्दहीन रक्तस्राव। गुदा क्षेत्र में खुजली, दर्द, उत्तेजना और परेशानी। मल का फटकर निकलना। गुदा के आसपास सूजन।. हीमोराइड्स – बवासीर, पाइल्स – कारण – अज्ञात, नसों में बढ़ा हुआ दबाव। संक्रमण, अनुवांशिकता, अतिसार, कुछ रोग जैसे कारक।.

पाइल्स – बवासीर, हीमोराइड्स: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

हीमोराइड्स – बवासीर, पाइल्स – आहार – लेने योग्य आहार: तरल (शराब नहीं) अधिक मात्रा में लें कम से कम 8 गिलास प्रतिदिन।
, भोज्य रेशे की उच्च मात्रा वाले आहार हीमोराइड्स के उत्पन्न होने की संभावना को घटाते हैं।
, उत्तम भोज्य रेशे के स्रोत हैं:
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पाइल्स – बवासीर, हीमोराइड्स: रोकथाम और जटिलताएं

हीमोराइड्स – बवासीर, पाइल्स – रोकथाम – स्वच्छ रहें, खूब पानी पियें, रेशे युक्त आहार लें। नियमित व्यायाम करें।.

पाइल्स – बवासीर, हीमोराइड्स: प्रमुख जानकारी और निदान

हीमोराइड्स सूजी और फूली हुई रक्तवाहिनियाँ हैं जो या तो बाहरी तरफ (गुदा के आस-पास) बन जाती हैं या भीतरी (मल द्वार के निचले हिस्से में) तरफ होती हैं।.

गोइटर – घेंघा: लक्षण और कारण

गोइटर – घेंघा – लक्षण – निगलने में या साँस लेने में कठिनाई। खाँसी होना, आवाज में भारीपन, गले में भरा भरा लगना। चक्कर आना. गोइटर – घेंघा – कारण – आयोडीन की कमी। स्व-प्रतिरक्षक रोग। गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति। अनुवांशिकता.

गोइटर – घेंघा: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

गोइटर – घेंघा – आहार – लेने योग्य आहार: जिस व्यक्ति को गोइटर पीड़ा दे रहा है उसे निम्नलिखित वस्तुएँ अधिक मात्रा में लेनी चाहिए: पुराने चावल, जौ, लहसुन, मूंग दाल, पटोला, सहजन, ककड़ी, और गन्ने का रस, दूध और दुग्ध उत्पाद।
, जई, समुद्री आहार, गाजर, टमाटर, लेट्यूस, लहसुन, साबुत चावल, प्याज, अमरुद, अंडे (जर्दी) खट्टे फल क्योंकि ये सभी आयरन से समृद्ध होते हैं।
, अन्ननास या अन्नानास का रस।
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