UV किरणों के प्रति संवेदनशीलता (PMLE): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

UV किरणों के प्रति संवेदनशीलता (PMLE) – आहार – लेने योग्य आहार बीटा-कैरोटीन सूर्य के प्रकाश को सहन करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए जाना जाता है साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। इसलिये बीटा-कैरोटीन युक्त आहारों को अपने भोजन में शामिल करें। उदाहरण के लिए केल, रतालू, शलजम, पालक और गाजर। इनसे परहेज करें कृत्रिम मीठे पदार्थ

UV किरणों के प्रति संवेदनशीलता (PMLE): प्रमुख जानकारी और निदान

पोलीमोर्फौस लाइट इरप्शन (पीएमएलई) सूर्य के प्रभाव द्वारा उत्पन्न खुजली युक्त घाव है, जो उन लोगों में होता है जिनमें सूर्य के प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (फोटोसेंसिटिविटी) उत्पन्न हो जाती है।.

माउथ अल्सर्स (मुँह के छाले): प्रमुख जानकारी और निदान

मुँह के छाले (माउथ अलसर) गोल या अंडाकार दर्द्युक्त घाव होते हैं जो मुँह में या अक्सर गालों के भीतरी हिस्से में दिखाई देते हैं। मुँह के छालों को एप्थस अलसर भी कहते हैं।.

माउथ अल्सर्स (मुँह के छाले): लक्षण और कारण

माउथ अल्सर्स (मुँह के छाले) – लक्षण – मुँह के भीतर, जीभ पर, तालू में और गालों के भीतर दर्द्युक्त घाव।. माउथ अल्सर्स (मुँह के छाले) – कारण – तनाव, ऊतकों में चोट, पोषण की समस्या जैसे आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी12, और जिंक की कमी।.

माउथ अल्सर्स (मुँह के छाले): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

माउथ अल्सर्स (मुँह के छाले) – आहार – लेने योग्य आहार: छाछ, सेब, जिसमें बैक्टीरिया को नष्ट करने का गुण होता है, विटामिन ई जैसे सब्जियाँ, हरी पत्तेदार सब्जियाँ जो कोशिका झिल्ली के फैटी एसिड की रक्षा द्वारा उसका ऑक्सीडेशन से बचाव करती हैं,

माउथ अल्सर्स (मुँह के छाले): रोकथाम और जटिलताएं

माउथ अल्सर्स (मुँह के छाले) – रोकथाम – दन्त स्वच्छता अच्छी तरह बनाए रखें। दांतों की जाँच नियमित कराएँ। तनाव को नियंत्रित करें। विटामिन युक्त आहार लें।.

मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र) – आहार – लेने योग्य आहार: मासिक स्राव वाली महिलाओं में आयरन की कमी अत्यंत आम होती है और यह थकावट और कमजोरी जैसे लक्षण उत्पन्न करती है। अपने आयरन युक्त आहारों के सेवन को बढ़ाएं जैसे सूखे फल, मेवे, फलियाँ, पालक, ब्रोकोली, साबुत अनाज, और आयरन शक्ति युक्त दलिया। कैल्शियम स्वस्थ हड्डियों और दांतों के निर्माण से जुड़ा खनिज है, अपनी मात्रा को कम वसा युक्त डेरी उत्पादों के सेवन जैसे दूध, दही, पनीर या हरी पत्तेदार सब्जियों द्वारा बढ़ाएँ। मीनोरेजिया के दौरान भारी मात्रा में लाल रक्त कणिकाओं की हानि हो जाती है। नई रक्त कणिकाओं के निर्माण हेतु विटामिन बी6 की जरूरत होती है. विटामिन बी6 शक्तियुक्त दलिया, केले, पालक, सूरजमुखी के बीज, एवोकेडो, टमाटर के रस और सैलमन में पाया जाता है।

मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र): रोकथाम और जटिलताएं

मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र) – रोकथाम – खूब आराम करें। व्यायाम नियमित करें। तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें।.

मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र): प्रमुख जानकारी और निदान

मीनोरेजिया जिसे भारी मासिक चक्र भी कहा जाता है, तब होता है जब किसी महिला की अपने लगातार मासिक चक्रों में रक्त की भारी हानि होती है। यह स्त्री रोग की सबसे आम शिकायतों में से है।.

मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र): लक्षण और कारण

मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र) – लक्षण – मासिक चक्र के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव। दो चक्रों के बीच रक्तस्राव या छींटे होना। पेट के निचले हिस्से में ऐंठन और दर्द।. मीनोरेजिया (भारी मासिक चक्र) – कारण – हार्मोन सम्बन्धी असंतुलन (मुख्यतः एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन)। गर्भाशय की कैंसर रहित गठानें या फिब्रोइड्स। गर्भपात या एक्टोपिक प्रेगनेंसी।.