क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (अत्यधिक थकावट): लक्षण और कारण

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (अत्यधिक थकावट) – लक्षण – थकावट। स्मरण शक्ति और एकाग्रता की हानि। गले में खराश। आपके गले अथवा भुजाओं में बढ़ी हुई लसिका ग्रंथियाँ।. क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (अत्यधिक थकावट) – कारण – वायरस द्वारा हुए संक्रमण। हार्मोन सम्बन्धी अनियमितताएँ। प्रतिरक्षक तंत्र सम्बन्धी समस्याएँ। पारिवारिक इतिहास।.

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (अत्यधिक थकावट): प्रमुख जानकारी और निदान

क्रोनिक फटीग सिंड्रोम एक ऐसा विकार है जिसमें अत्यधिक थकावट होती है। यह आपकी दैनिक शारीरिक और मानसिक गतिविधियों से और बढ़ जाता है।.

पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) की सूजन: प्रमुख जानकारी और निदान

बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपर प्लेसिया पौरुष ग्रंथि के बढ़ जाने को कहते हैं। यह बढ़ती आयु के पुरुषों के लिए आम समस्या है।.

पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) की सूजन: लक्षण और कारण

पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) की सूजन – लक्षण – मूत्राशय में पथरी का बनना। मूत्र का बार-बार आना खासकर रात्रि में (नोक्चुरिया)। मूत्र के प्रवाह में कमी।. पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) की सूजन – कारण – पौरुष ग्रंथि के बढ़ने के कारण अज्ञात हैं, लेकिन ये उम्र के साथ पुरुष के शरीर में होने वाले हार्मोन परिवर्तन के स्तर से जुड़े हैं।.

पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) की सूजन: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) की सूजन – आहार – लेने योग्य आहार: सेसिम के बीज (जिंक)
, टमाटर
, एवोकेडो
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पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) की सूजन: रोकथाम और जटिलताएं

पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) की सूजन – रोकथाम – शराब से परहेज, तनाव से बचें, उचित वजन बनाए रखें, व्यायाम नियमित करें.

एड्स (HIV-AIDS): प्रमुख जानकारी और निदान

एड्स (अक्वायर्ड इम्यून डेफिशियेंसी सिंड्रोम) लम्बे समय तक रहने वाली, जीवन को संकट पहुँचा सकने में अत्यंत सक्षम स्थिति है जो ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) से होती है।.

एड्स (HIV-AIDS): लक्षण और कारण

एड्स (HIV-AIDS) – लक्षण – बुखार, ठिठुरन, जोड़ों में दर्द, माँसपेशियों में दर्द. एड्स (HIV-AIDS) – कारण – यौन संपर्क। शरीर में सुई के संपर्क से जाने वाली वस्तुओं द्वारा। रक्त चढ़ाना।.

एड्स (HIV-AIDS): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एड्स (HIV-AIDS) – आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियाँ।
, साबुत अनाज।
, दालें।
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एड्स (HIV-AIDS): रोकथाम और जटिलताएं

एड्स (HIV-AIDS) – रोकथाम – हर बार यौन संपर्क बनाते समय नया कंडोम इस्तेमान करें। यदि आपको एच आई वी है तो अपने यौन साथी को बताएँ। रक्त अथवा अंगदान ना करें।.