टिनिटस (कान बजना) – आहार – लेने योग्य आहार: रक्तसंचार को बढ़ाने हेतु ढेर सारा ताजा अन्नानास खाएँ। लहसुन के गंधरहित कैप्सूल लें या उन्हें भोजन में पका लें। लहसुन सूजन घटाने और संचार बढ़ाने इन दोनों कार्यों में सहायक होता है। अपने कच्चे फल, हरी सब्जियों और पकी दालों (फलियों) के सेवन को बढ़ाएं। यह आहार विटामिनों, एमिनो एसिड्स और वनस्पतिजन्य यौगिकों से समृद्ध होता है जो भीतरी कान की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
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टिनिटस (कान बजना): रोकथाम और जटिलताएं
टिनिटस (कान बजना) – रोकथाम – अत्यधिक शोर के संपर्क में ना रहें। शोर की स्थिति में इयरप्लग लगाएं। घास काटते समय कानों को ढंकें।.
टिनिटस (कान बजना): प्रमुख जानकारी और निदान
टिनिटस, लोगों द्वारा एक कान, दोनों कान या सिर के भीतर सुनाई देने वाली आवाजों को समझाने हेतु चिकित्सीय शब्द है। आवाजें घंटी बजने, भिनभिनाने या सीटी के समान हो सकती हैं।.
ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी): रोकथाम और जटिलताएं
ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी) – रोकथाम – रोग की संभावना से युक्त लोगों में फ्लौरिन युक्त पानी के सेवन से ओटोस्क्लेरोसिस होने को रोके जाने में सहायता मिलती है। इस स्थिति को रोकने के अन्य तरीके ज्ञात नहीं है।.
ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी): लक्षण और कारण
ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी) – लक्षण – सुनाई देने की क्षमता का (मंद से बदतर स्थिति तक) कम होना प्रमुख लक्षण है। कुछ लोगों को चक्कर आना, संतुलन की समस्या या कान में घंटी बजने की आवाज सुनाई देने (टिनिटस) का अनुभव भी हो सकता है।. ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी) – कारण – निश्चित कारण अज्ञात है।.
ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज, तथा स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स जैसे घर पर बनी स्मूदीस और सूखे फल आदि अधिक मात्रा में लें। ओटोस्क्लेरोसिस और शरीर में कैल्शियम के स्तर के बीच संभावित सम्बन्ध होता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है या बदतर हो सकती है। इसलिए, कैल्शियम युक्त आहार ओटोस्क्लेरोसिस को धीमा करने में सहायक होता है। शहद के साथ दालचीनी का पाउडर प्रतिदिन सुबह और रात्रि में लेने से श्रवण शक्ति में सुधार होता है।
ओटोस्क्लेरोसिस (कान में हड्डी): प्रमुख जानकारी और निदान
ओटोस्क्लेरोसिस शब्द, ओटो अर्थात कान और स्क्लेरोसिस अर्थात शरीर के ऊतकों का असामान्य कड़ापन, से मिलकर बना है। यह स्थिति कान के मध्य हिस्से में असामान्य रूप से हड्डी के बढ़ने पर निर्भर करती है।.
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव) – आहार – लेने योग्य आहार: पोटैशियम आपके शरीर में तरल पदार्थों का नियंत्रण करता है, पर्याप्त पोटैशियम के बिना, आपके शरीर में जल की मात्रा कम होने का खतरा हो सकता है, और इसके कारण आपके शरीर के साथ नाक में स्थित ऊतक भी शुष्क हो सकते हैं, और ये नाक से खून निकलने की शुरुआत कर सकते हैं। इसलिए अपने आहार में पोटैशियम युक्त वस्तुएँ जैसे केले, एवोकेडो, और टमाटर शामिल करें। रक्तवाहिनियों को मजबूत करने के लिए विटामिन सी महत्त्वपूर्ण है, इनमें वे रक्तवाहिनियाँ भी हैं जो नाक के भीतर होती हैं और नाक से रक्तस्राव की शुरुआत कर सकती हैं। विटामिन सी से समृद्ध आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मिर्च, ब्रोकोली, बेरियाँ, खट्टे फल आदि लें। रक्त की कमी, जो कभी-कभी रक्त की हानि से उत्पन्न होती है, रक्ताल्पता उत्पन्न कर सकती है। इस स्थिति को थकावट कहते हैं और रक्तस्राव के बढ़े खतरे के कारण घाव आसानी से होते हैं। ऑर्गन मीट, रेड मीट, समुद्री आहार, साबुत अनाज ये सभी आयरन से समृद्ध होते हैं।
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव): रोकथाम और जटिलताएं
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव) – रोकथाम – अपनी नाक ना खुरचें। नाक को धीमे छिड़कें। यदि सर्दी के महीनों में आपके घर का भीतरी वातावरण शुष्क रहता हो तो ह्युमिडिफायर का प्रयोग करें।.
एपिस्टेक्सिस (नाक से रक्तस्राव): प्रमुख जानकारी और निदान
नाक से खून बहना (एपिस्टेक्सिस)नाक की परतों के ऊतकों से होने वाली खून की हानि है।.