कम मात्रा में शक्कर का सेवन करने से कैलोरी ग्रहण कम करने में और खून में शुगर का स्तर कम करने में सहायता मिलती है।
Category: हेल्थ टिप
स्वास्थ्यवर्धक आहार हेतु टिप्स
सोने के पहले भारी भोजन ना करें ताकि पेट का एसिड खाने की नली में ना आए और आपका वजन भी ना बढ़े।
तनाव प्रबंधन के टिप्स
आप जितना चल सकें, उतना पैदल चलें क्योंकि यह सभी प्रकार के व्यायामों में सबसे आसान है और आपके स्वास्थ्य को कई सारे फायदे देता है जैसे खून के घूमने की गति तेज होना, मजबूत मांसपेशियाँ और जोड़ों को सहायता आदि।
केला: स्वास्थ्य लाभ के टिप्स
केला पेट के लिए अत्यंत हितकारी मृदु फल है जो आपके बिगड़े पेट को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करता है। यह आपके पेट को इस प्रकार की असुविधाजनक स्थिति से आसानी से छुटकारा पाने में मदद करता है। चूँकि यह ख़राब पेट के लिए अत्यंत उपयोगी भोज्य चिकित्सा है, इसे आप अपनी दैनिक खुराक में शामिल कर सकते हैं।
शरीर में जल की उचित मात्रा बनाए रखने की टिप्स
सुबह जागने के बाद पानी पीना आंत के सिरे की सफाई, नए खून के निर्माण, वजन में कमी और त्वचा को चमक देने में सहायता करता है। आंत का सिरा, बड़ी आंत का हिस्सा है, जो पचने से बचे रह गए आहार से जल और इलेक्ट्रोलाइट अवशोषित करता है।
आयरन से भरपूर आहार
लौह तत्व से समृद्ध आहारों में जौ, रेड मीट, कद्दू के बीज, ओट्स, सूखे मेवे, सोयाबीन आते हैं। पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने में मदद के लिए हमें लौह तत्व लेने की आवश्यकता होती है।
स्वस्थ लीवर हेतु आहार
अपने लिवर के लिए लाभकारी आहार जैसे गाजर, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ तथा ताजे फलों को अधिक मात्रा में ग्रहण करें। ये आहार लिवर की सफाई और उसके भीतर उपस्थित एंजाइम को सक्रिय करने में सहायता करते हैं।
पौष्टिक नाश्ते हेतु टिप्स
अपना नाश्ता लेने से ना चूकें, यह आपको अधिक भूखा बना सकता है और आपके द्वारा अधिक आहार लेने की संभावना बढ़ जाती है, जो आपके रक्त में शुगर का स्तर बढ़ा देता है।
स्वस्थ मस्तिष्क हेतु आहार
मस्तिष्क जल को इकठ्ठा करके नहीं रख सकता, इसलिए बार-बार जल पीना आवश्यक है। एक मुरझाया, कुम्हलाया और सूखा मस्तिष्क, भली प्रकार जलयुक्त मस्तिष्क के मुकाबले, अपनी पूरी कार्यक्षमता से कार्य नहीं कर सकता।
खर्राटों की घरेलू उपाय
मोटे लोगों में खर्राटे पैदा होने की संभावना बहुत होती है। शरीर में उपस्थित अतिरिक्त चर्बी साँस आने जाने के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करती है और इस प्रकार सामान्य रूप से साँस लेने-छोड़ने में बाधा करती है। इसलिए, वजन घटाएँ। इससे खर्राटों में भी कमी आएगी।