अतिसार, दस्त: लक्षण और कारण

अतिसार, दस्त – लक्षण – पेट में दर्द अथवा ऐंठन। पतले या ढीले दस्त। पनीले दस्त, मलत्याग हेतु आकस्मिकता का अनुभव।. अतिसार, दस्त – कारण – वायरस, जैसे कि रोटावायरस। बैक्टीरिया। परजीवी।.

अतिसार, दस्त: प्रमुख जानकारी और निदान

डायरिया (अतिसार, दस्त) मतलब आपको एक दिन में तीन से अधिक बार पतले पानी जैसे दस्त होना। आपको ऐंठन, पेट फूलना, मतली और मलत्याग की तीव्र आवश्यकता महसूस होती है।.

चिकनगुनिया: रोकथाम और जटिलताएं

चिकनगुनिया रोकथाम – डीईईटी, इकेरिडिन, पीएमडी, या आईआर3535 के उपयोग से बने कीट रोधकों का प्रयोग करें। त्वचा के खुले हिस्से पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएँ।.

चिकनगुनिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

चिकनगुनिया घरेलु उपचार व इलाज़ के लिए तरल पदार्थों जैसे कुनकुना पानी, सूप और शोरबा को अधिक मात्रा में लेने से वायरस को तेजी से शरीर से बाहर निकालने में सहायता होती है।
, संतरा, आँवला, मौसंबी, शिमला मिर्च, ब्रोकोली, अनानास, पत्तागोभी, पपीता और अमरुद विटामिन सी देते हैं, जो आक्रमणकारी वायरस और बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है.
, विटामिन ए से समृद्ध आहार जैसे पीले और नारंगी रंग के फल व सब्जियाँ प्राकृतिक रूप से संक्रमण विरोधी कोशिकाओं के निर्माण में वृद्धि करते हैं।
,

चिकनगुनिया: लक्षण और कारण

चिकनगुनिया लक्षण – तेज बुखार, जोड़ों में सूजन और दर्द, माँसपेशियों में दर्द, मतली और उल्टी. चिकनगुनिया कारण – चिकनगुनिया एडिस या एडिस एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है।.

चिकनगुनिया: प्रमुख जानकारी और निदान

चिकनगुनिया मच्छरों द्वारा फैलने वाली वायरल बीमारी है। यह मनुष्यों में संक्रमित एडिस एजिप्टी मच्छर के काटने से होती है।.

चिकनपॉक्स (छोटी माता): रोकथाम और जटिलताएं

चिकनपॉक्स (छोटी माता) – रोकथाम – टीका लगवाएँ, संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें। खुजाएँ या रगड़ें नहीं। रोग निर्धारण और चिकित्सा में शीघ्रता।.

चिकनपॉक्स (छोटी माता): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

चिकनपॉक्स (छोटी माता) – आहार – लेने योग्य आहार चूंकि भूख का न लगना चेचक की एक सामान्य लक्षण है, इससे आम तौर पर निर्जलीकरण भी हो जाता है। इस समस्या से बचने के लिए, और कुछ आवश्यक पोषक तत्वों को लेने के लिए, सुनिश्चित करें कि मरीज को प्रतिरक्षा को मज़बूत करने वाला ढेर सारा रस उसके शरीर को मिल रहा हो। निश्चित रूप से, जब आप को चेचक हो तो फलों का सेवन बढा दें। जैसा कि बताया गया है, आपके शरीर को इस बीमारी से उभरने के लिए विषाणु से लड़ना और उसे मरना परता है! ये आपका कर्त्तव्य है की आप शरीर को पौष्टिक भोजन जैसे अंगूर, केले, सेब, खरबूजे आदि जैसे नरम फलों से पूरक करें। आप के मुँह और गले में फफोले हो सकते हैं जिससे अनार या नारंजी का सेवन दुःख दायक हो सकता हैं। इन फलों का मिल्कशेक या जूस बना लें और हर थोड़े थोड़े समय पे पीते रहें। पूरे दिन दही की अच्छी मात्रा लें। न केवल दही कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स प्रदान करता है, यह त्वचा की अच्छी तरह से उपचार करने में भी मदद करता है। सुबह सबसे पहले एक गिलास नर्म नारियल पानी पिये। यह भी महत्त्वपूर्ण विटामिन और खनिजों से भरा होता है, शून्य कैलोरी होने की वजह से ये शरीर को डंडा और प्रतीक्षा प्रणाली को मज़बूत बनता है। दोपहर और रात्रिभोज दोनों के साथ एक कप दाल लें। टमाटर और नमक के साथ कुछ तूर या मूंग दाल को उबालें। अगर आप चाहें तो एक चुटकी हल्दी भी डाल सकते हैं। ताजी धनिया के पत्तों के साथ गार्निश करें और सूप की तरह लें। संतरे और अन्य खट्टे फल प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए उत्कृष्ट हैं। रोज़ एक गिलास ओरेंज जूस स्वास्थ्य के लिए उचित माना जाता है। एक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आपको जूस में मिलाय जाने वाले योजक (एडिटिव्स) से दूर रहना चाहिए। प्राकृतिक फल और सब्जी का रस इस समय आपके लिए सबसे अच्छा है। ताजी सब्जियां और कच्चे फल लेना उचित है। तुलसी और कैमोमाइल जैसे हर्बल चाय भी इसमें मदद करती है। अन्य खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, काजू, टोफू, अखरोट, अंडे, अदरक, लहसुन, चुकंदर और ब्लू बेरी भी इस में मददगार होते हैं। कच्चे फल और सब्ज़ी की सेवन करने की सलाह दी जाती है। बहुत पानी वाले आहार का सेवन करने की सलाह भी दी जाती है क्योंकि शरीर इस तरह के आहार को आसानी से पचाने और उनमें पोषक तत्वों को आसानी से संसाधित कर देता है। ककड़ी, टमाटर, पालक तरबूज, कीवी, अंकुरित आहार, और पानी समृद्ध पदार्थ की श्रेणी में आते हैं। इनसे परहेज करे चेचक में डेयरी उत्पाद, मांस, रोटी या किसी अन्य प्रकार के भारी भोजन – जो पचाने में मुश्किल होते हैं – से परहेज़ करना चाहिए। प्रसंस्कृत (रिफाइंड) और जंक फूड से दूर रहें। शरीर को देने लायक उनमें कम या कोई पौष्टिक पदार्थ नहीं होते। रेड मांस और तले हुए भोजन या अन्य इसी तरह तैयार किए गए खाद्य पदार्थों से भी बचना चाहिए। अपने भोजन में सख्ती से किसी तेल या मसाले का प्रयोग न करें। न ही स्वाद के लिए थोड़ा भी लाल मिर्च पाउडर का प्रयोग करें ये आपके मुंह और गले के फफोले को जला और खुजली उत्पन्न का सकता हैं। चेचक में पाचन तंत्र आम तौर पर धीमा होता है और आपको चेचक के पहले कुछ दिनों में कुछ भी खाने का मन नहीं कर सकता है। इसलिए जी मिचलाना और उलटी से बचने के लिए तेल का इस्तेमाल न करें साथ ही सामान्य वसा-मुक्त खाद्य पदार्थों को पचाना भी आसान होता है और कोई अम्लता संबंधित समस्याएँ नहीं होती। चेचक के दौरान मांस और अंडे से बचना अच्छा होता है। वे प्राकृतिक रूप से फैटी होते हैं और शरीर उन्हें आसानी से पचा भी नहीं पता। अतिरिक्त शक्कर वाले खाद्य पदार्थों से बचे, या अधिक काबोर्हाइड्रेट वाले भोजन जैसे रोटी, पास्ता, कच्चा बादाम और बीज, क्योंकि ये इलाज को धीमा कर देता है। संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थ सूजन पैदा कर सकते हैं, जो खीजे हुए क्षेत्र को ठीक होने में विलम्बित कर सकते हैं।

चिकनपॉक्स (छोटी माता): प्रमुख जानकारी और निदान

चिकनपॉक्स (छोटी माता, छोटी चेचक) वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है जिससे खुजली युक्त, छाले अथवा फफोले हो जाते हैं. ये बड़ी आसानी से एक व्यक्ति से उन दूसरे व्यक्तियों में फ़ैल जाता है, जिन्हें यह बीमारी नहीं हुई हो या इसका टीका नहीं लगा हो..

चिकनपॉक्स (छोटी माता): लक्षण और कारण

चिकनपॉक्स (छोटी माता) – लक्षण – बुखार, दर्द और सिरदर्द। भूख ना लगना। खाँसी और गले में खराश।. चिकनपॉक्स (छोटी माता) – कारण – सामान्यतया ये एक वायरस, जिसे वेरिसेला ज़ोस्टर वायरस कहते हैं, के द्वारा होता है।.