बच्चों का ओटिटिस मीडिया (कानदर्द) – आहार – लेने योग्य आहार: स्तन दुग्ध, विटामिन ए, विटामिन सी,
Category: संक्रमण, इनफ़ेक्शन
बच्चों का ओटिटिस मीडिया (कानदर्द): रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों का ओटिटिस मीडिया (कानदर्द) – रोकथाम – न्यूमोकोकल और इन्फ्लुएंजा का टीका लगवाएँ।.
बच्चों का ओटिटिस मीडिया (कानदर्द): प्रमुख जानकारी और निदान
ओटिटिस मीडिया कान के मध्य हिस्से का संक्रमण है, जो बच्चों में आम है।.
बच्चों का ओटिटिस मीडिया (कानदर्द): लक्षण और कारण
बच्चों का ओटिटिस मीडिया (कानदर्द) – लक्षण – बुखार, कान दर्द, कान के मध्य हिस्से में तरल या पीप। सुनने की हानि।. बच्चों का ओटिटिस मीडिया (कानदर्द) – कारण – बैक्टीरिया या वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण (सर्दी, फ्लू या एलर्जी)।.
बच्चों का इन्फ्लुएंजा: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों का इन्फ्लुएंजा – रोकथाम – अपने हाथों को साबुन से बार-बार और अच्छी तरह से धोएँ। वस्तुएँ बाँटकर उपयोग ना करें। खाँसते और छींकते समय अपने मुँह और चेहरे को टिश्यू से ढंकें।.
बच्चों का इन्फ्लुएंजा: प्रमुख जानकारी और निदान
इन्फ्लुएंजा श्वसन तंत्र का वह संक्रमण है जो इन्फ्लुएंजा वायरस द्वारा उत्पन्न किया जाता है और अत्यंत संक्रामक होता है।.
बच्चों का इन्फ्लुएंजा: लक्षण और कारण
बच्चों का इन्फ्लुएंजा – लक्षण – बुखार, कंपकंपी, नाक बहना, सिरदर्द। पीड़ित मांसपेशियाँ, शरीर में दर्द। अतिसार और उलटी। सूखी खाँसी।. बच्चों का इन्फ्लुएंजा – कारण – यह तीन प्रकार के इन्फ्लुएंजा वायरस, अर्थात टाइप ए, बी या सी में से किसी एक प्रकार के वायरस द्वारा होता है।.
बच्चों का इन्फ्लुएंजा: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों का इन्फ्लुएंजा – आहार – ताज़ी लहसुन, मशरुम, काली चाय, साफ शोरबा जैसे चिकन, बछड़े का माँस, सब्जियाँ। अंडे, चावल, केले, टोस्ट। प्रोसेस्ड आहार, जंक फ़ूड, वसा और कैलोरी का अत्यधिक सेवन।
बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग।: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग। – रोकथाम – हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएँ। बार-बार छुई जाने वाली सतहों और मिट्टी लगी वस्तुओं, जिनमें खिलौने भी शामिल हैं, को स्वच्छ और जीवाणुमुक्त करें। निकट सम्पर्क ना रखें।.
बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग।: प्रमुख जानकारी और निदान
हैण्ड (हाथ), फूट (पैर) और माउथ (मुँह) का रोग (एचएफएमडी) वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है जो हाथों, पैरों और मुँह में छोटे घाव उत्पन्न करता है। यह अत्यंत संक्रामक होता है।.