कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): लक्षण और कारण

कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – लक्षण – तीखा, ऐंठनयुक्त या मंद दर्द। पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में लगातार बना हुआ दर्द। पेट दर्द जो दाएँ कंधे और पीठ तक फ़ैल जाता है। मतली और उल्टी।. कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – कारण – पित्त की पथरी। ट्यूमर (गांठ), पित्तनलिका में अवरोध।.

कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान

कोलीसिस्टाइटिस अर्थात पित्ताशय (गालब्लैडर) की सूजन।.

एंगुलर चेइलिटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एंगुलर चेइलिटिस – आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन): इसके मुख्य भोज्य स्रोत हैं दूध और डेरी उत्पाद, दलिया, माँस (खासकर अंगों का माँस) और कुछ प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियाँ। विटामिन बी3 (नायसिन): इसके प्रमुख भोज्य स्रोतों में मूंगफली, चावल, फलियाँ, लिवर, गुर्दा, भोज्य खमीर, एवोकेडो, मछली, अंडे और लीन मीट्स हैं। विटामिन बी6 (पायरिडोक्सिन): मुख्य भोज्य स्रोत में खमीर, भूरा चावल, सूरजमुखी के बीज, चावल, सोयाबीन्स, मेवे, अंडे की जर्दी, केले, लिवर, गेहूँ का चोकर, मछली, चिकन, आलू, फूलगोभी, पत्तागोभी, और एवोकेडो।

एंगुलर चेइलिटिस: रोकथाम और जटिलताएं

एंगुलर चेइलिटिस – रोकथाम – अपने होंठों पर जीभ ना फेरें और अपने मुँह के किनारों को सूखा हुआ रखें। अपने होंठों को सूखा हुआ होने से और तड़कने या फटने से बचाने के लिए मॉइस्चराइजिंग लिप बाम, जिसमें पराबैंगनी सुरक्षा हो, का प्रयोग करें।.

एंगुलर चेइलिटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

एंगुलर चेइलिटिस ऐसी स्थिति है जिसमें मुँह का एक या दोनों सिरे सूजे हुए या उत्तेजित होते हैं।.

एंगुलर चेइलिटिस: लक्षण और कारण

एंगुलर चेइलिटिस – लक्षण – मुँह के किनारों का लालिमा के साथ तड़कना और फटना। खाते समय या मुँह को चौड़ा खोलते समय असुविधा होना। छाले होना. एंगुलर चेइलिटिस – कारण – स्टेफायलोकोकस और फफूंद अत्यधिक वृद्धि करते हैं और एंगुलर चेइलिटिस तक पहुँच जाते हैं।.

डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग): रोकथाम और जटिलताएं

डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – रोकथाम – अपने उत्तेजना के खतरे को घटाने के लिए कृत्रिम गंध युक्त डिटर्जेंट और शौचालय/स्नानागार में प्रयुक्त होने वाले पदार्थों को दूर कर दें। मूत्राशय को उत्तेजित करने वाले भोज्य पदार्थ और पेयों को हटाने के लिए अपने आहार को संशोधित करें।.

डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग): प्रमुख जानकारी और निदान

डिस्यूरिया मूत्रत्याग के दौरान होने वाले दर्द और असहजता हेतु प्रयुक्त किया जाने वाला चिकित्सीय शब्द है।.

डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग): लक्षण और कारण

डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – लक्षण – दर्द्युक्त मूत्रत्याग के लक्षण पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन दोनों को ही इसमें जलन, बदबू, या खुजली का एहसास होता है और उन्हें बार-बार मूत्रत्याग की आवश्यकता महसूस हो सकती है।. डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – कारण – डिस्यूरिया का सबसे आम कारण मूत्रमार्ग (मूत्रनलिका, मूत्राशय या गुर्दे) का संक्रमण है।.

डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – आहार – लेने योग्य आहार: शरीर से बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए स्वच्छ किया हुआ पानी अधिक मात्रा में पियें। इस स्थिति में ताजे रस जैसे गाजर का रस, ताजा नारियल पानी और अन्य फलों का रस अत्यंत उपयोगी होता है। फल जैसे कि सेब, अंगूर, आडू और आलूबुखारा दिये जा सकते हैं।