टीनिया केपिटिस: लक्षण और कारण

टीनिया केपिटिस – लक्षण – सिर की त्वचा पर खुजली। लालिमायुक्त क्षेत्र या बाल रहित निशान। सूजे हुए, निशानयुक्त या उत्तेजित त्वचा के क्षेत्र। बाल झड़ना. टीनिया केपिटिस – कारण – सिर की त्वचा का रिंगवर्म फफूंद जैसी अनेक प्रकार की फंगस में से एक के द्वारा होता है जिसे डर्मेटोफाइट्स कहते हैं।.

टीनिया केपिटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

टीनिया केपिटिस – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: अनाज, चावल, पास्ता, फलियाँ, ब्रेड्स, डेरी उत्पाद, मीठे पेय और रस। ताजे फल और सब्जियाँ लिये जाने चाहिए। तेज आंच पर भुने, मसालेदार, खट्टे और अत्यंत मीठे आहार। खट्टे फल (नीबू, मौसंबी, संतरा), चटनी, सौसेस, अचार, सरसों और सिरका।

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): प्रमुख जानकारी और निदान

हाथ या पैर की ऊँगली के आस-पास की त्वचा के संक्रमण को परओनिकिया कहते हैं।.

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): लक्षण और कारण

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द) – लक्षण – ऊँगली के आस-पास की त्वचा में सुरसुराहट युक्त दर्द, लालिमा, गर्मी और सूजन। पीप युक्त फफोले, नाखून के आस-पास की त्वचा का लाल, गर्म, सूजा और दर्द युक्त होना।. परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द) – कारण – आमतौर पर यह क्षेत्र की चोट के कारण उत्पन्न होता है, उदाहरण के लिए, निकले नाखून को काटने या खींचने से या नाखून के समीप के माँस को खुरचने या दबाने से।.

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

हाथ या पैर की ऊँगली के आस-पास की त्वचा के संक्रमण को परओनिकिया कहते हैं। संक्रमित क्षेत्र सूजा, लाल और दर्द्युक्त हो सकता है। कभी-कभी पीप युक्त फफोला हो जाता है। अधिकतर समय, परओनिकिया बड़ी समस्या नहीं होती और इसका उपचार घर पर ही किया जा सकता है। अत्यंत कम मामलों में, संक्रमण हाथ या पैर की बची हुई ऊँगली में हो सकता है।
परओनिकिया के दो भिन्न प्रकार हैं, एक्यूट और क्रोनिक:
एक्यूट परओनिकिया-आमतौर पर यह एकाएक दिखाई देता है, सूजन सहित अत्यंत दर्द युक्त क्षेत्र होता है, हाथ या पैर की ऊँगली के आस-पास गर्मी और लालिमा होती है, खासकर उस क्षेत्र में चोट के बाद ऐसा होता है।
क्रोनिक परओनिकिया- यह ऐसा संक्रमण है जो धीरे-धीरे बढ़ने वाला, थोड़ी-थोड़ी सूजन उत्पन्न करने वाला, ऊँगली के आस-पास की त्वचा पर पीड़ा और लालिमा उत्पन्न करने वाला होता है।

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): रोकथाम और जटिलताएं

परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द) – रोकथाम – एक्यूट परओनिकिया ना होने देने का उत्तम तरीका अपने नाखूनों की अच्छी देखभाल करना है। अपने नाखूनों और पोरों को चोट ना लगने दें। अपने नाखूनों को काटें या खींचें नहीं। अपने नाखून ठीक प्रकार कटे और व्यवस्थित रखें।.

वायरल सिंड्रोम: रोकथाम और जटिलताएं

वायरल सिंड्रोम – रोकथाम – अपने हाथों को नियमित साबुन और पानी से धोएँ या अल्कोहल आधारित जेल का प्रयोग करें। पीने के गिलास या खाने के बर्तनों का बांटकर उपयोग ना करें। टीकाकरण.

वायरल सिंड्रोम: प्रमुख जानकारी और निदान

वायरल सिंड्रोम किसी एक वायरस या विभिन्न प्रकार के वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है जो अधिकतर श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। लेकिन ये शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है।.

वायरल सिंड्रोम: लक्षण और कारण

वायरल सिंड्रोम – लक्षण – बुखार और कंपकंपी। बहती और भरी हुई नाक। खाँसी, गले में पीड़ा या आवाज भर्राना।. वायरल सिंड्रोम – कारण – वायरस के ऐसे लगभग 900 विभिन्न प्रकार हैं जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।.

वायरल सिंड्रोम: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

वायरल सिंड्रोम – आहार – लेने योग्य आहार: वायरल रोग के दौरान शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने के लिए पानी अधिक मात्रा में पियें। फल और सब्जियों की अधिकता वाला आहार सामान्य सर्दी सहित कई प्रकार के संक्रमण और रोगों को रोकने में सहायक होता है। विशेष रूप से प्रतिरक्षक तंत्र हेतु लाभकारी फल और सब्जियों में चेरी, बेरियाँ, टमाटर, संतरे, ग्रेपफ्रूट, खट्टे रस, केले, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और पत्तागोभी आते हैं। ज्यादा से ज्यादा ताजे फल और सब्जियाँ लें क्योंकि वे सर्वाधिक पोषक घटक प्रदान करते हैं। सूजन और अवरोध युक्त वायरल संक्रमणों को रोकने या कम करने के लिए विभिन्न सब्जियों से मिलाकर घर पर बने सूप या प्राकृतिक सूप का सेवन करें।